निर्वाचक मण्डल (संयुक्त राज्य)
संयुक्त राज्य निर्वाचक मण्डल या संयुक्त राज्य इलेक्टोरल कॉलेज वह निकाय हैं, जो हर चार साल में, राष्ट्रपति और उपराष्ट्रपति का चुनाव करती हैं। संयुक्त राज्य के नागरिक प्रत्यक्ष रूप से राष्ट्रपति या उपराष्ट्रपति को नहीं चुनती; इसके बजाय, वे निर्वाचकों को चुनती हैं, जो विशिष्ट उम्मीदवारों को मतदान करने की प्रतिज्ञा लेते हैं। [१][२][३]
पृष्ठभूमि
जैसे वर्जिनिया डेलीगेशन ने पहले प्रस्ताव रखा था, 1787 में संवैधानिक सम्मलेन ने चर्चाओं के लिए वर्जिनिया प्लान को आधार बनाया। वर्जिनिया प्लान के अनुसार, राष्ट्रपति का चुनाव कांग्रेस को करना था।[४] अधिकतर राज्यों के डेलिगेट चुनाव की इस विधि से राज़ी थे।[५]
हालांकि, एक समिति जिसका गठन विभिन्न बारीकियों को हल करने हेतु हुआ था, जिस में राष्ट्रपति के चुनाव की विधि भी सम्मिलित थी, उसने वरन यह सुझाव दिया कि चुनाव एक लोगो के समूह द्वारा हो, जो राज्यों के बीच उसी संख्याओं में प्रभाजित हो जितने उस राज्य के कांग्रेस में प्रतिनिधि हो (इसका फार्मूला लम्बीं बहसों में सुलझ गया था, जिनका परिणाम कनेक्टिकट समझौता और थ्री-फिफ्थ्स समझौता थे]], परन्तु, वे लोग प्रत्येक राज्य से "उस पद्धति से चुने जाएँगे, जैसा उस राज्य की विधायिका निर्देशित करेगी"। समिति सदस्य Gouverneur Morris ने इस बदलाव के पीछे के कारण बताएँ; कई कारणों में कुछ निम्न थे - यदि राष्ट्रपति को लोगों का एक छोटा समूह चुनता, जो नियमित रूप से मिलता हैं, तो "साज़िश" का भय था, और साथ ही, यदि राष्ट्रपति का चुनाव कांग्रेस द्वारा होता, तो उनकी स्वतन्त्रता की चिन्ता थी।[६] कुछ डेलिगेट, जिनमें जेम्स विल्सन और जेम्स मैडिसन शामिल थे, कार्यपालिका के लोकप्रिय चुनाव के पक्ष में थे। मैडिसन ने अभिस्वीकृत किया कि भले लोकप्रिय चुनाव आदर्श रहेगा, परन्तु, दक्षिण में दासता के प्रचलन के चलते आम-सहमति प्राप्त करना मुश्किल होगा।
सम्मलेन ने समिति के निर्वाचक मण्डल के प्रस्ताव को, कुछ अल्प बदलावों के साथ, 6 सितम्बर 1787 को मंज़ूरी दे दी।[७] सामान्यतः छोटे राज्यों के डेलिगेट निर्वाचक मण्डल को पसन्द करते थे, क्योंकि उन्हें चिन्ता थी कि अन्यथा बड़े राज्य राष्ट्रपति के चुनावों को नियन्त्रित करेंगे।[८]
"दी फ़ेडरलिस्ट पेपर्स" में, जेम्स मैडिसन ने राष्ट्रपति के चयन और संविधान पर अपने विचार समझाएँ। फ़ेडरलिस्ट क्र० 39 में, मैडिसन ने तर्क दिया कि संविधान राज्य-आधारित और जनसंख्या-आधारित सरकार का मिश्रण होने हेतु रूपान्कित किया गया था। कांग्रेस के दो सदन होंगे - राज्य-आधारित सीनेट और जनसंख्या-आधारित प्रतिनिधि सभा। इस दौरान, राष्ट्रपति का चुनाव दो रीतियों के मिश्रण से होगा।[९] इसके अतिरिक्त, फ़ेडरलिस्ट क्र० 10 में जेम्स मैडिसन ने निर्वाचन प्रणाली में "एक हितबद्ध और रोबदार बहुमत" और "गुट की शरारतों" के ख़िलाफ़ तर्क दिया। He defined a faction as "a number of citizens whether amounting to a majority or minority of the whole, who are united and actuated by some common impulse of passion, or of interest, adverse to the rights of other citizens, or to the permanent and aggregate interests of the community." What was then called republican government (i.e., federalism, as opposed to direct democracy), with its varied distribution of voter rights and powers, would countervail against factions। आगे मैडिसन ने फ़ेडरलिस्ट क्र० 10 में स्वसिद्ध किया कि गणतन्त्र की जितनी बड़ी जनसंख्या और जितना बड़ा फ़ैलाव होगा, खण्डवाद जैसे मुद्दों के कारण गुटों को संगठित होने में अधिक कठिनाई आएँगी।[१०]
कालानुक्रमिक तालिका
स्रोत: Psephos (Adam Carr's Election Archive) पर राष्ट्रपति चुनाव 1789–2000
नोट: 1788, 1792, 1796, और 1800 में, प्रत्येक निर्वाचक ने राष्ट्रपति के लिए दो मत डालें।
सन्दर्भ
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- ↑ The Federalist Papers: Alexander Hamilton, James Madison, John Jay The New American Library, 1961