बुशमैन
बुशमैन, अथवा सान लोग अफ्रीका के कालाहारी मरुस्थल और आसपास के इलाकों में निवास में करने वाली एक बेहद प्राचीन व प्रमुख जनजाति हैं।
विशेष निवासक्षेत्र | |
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बोत्सवाना (55,000), नामीबिया (27,000), दक्षिण अफ्रीका (10,000), अंगोला (<5,000), जिम्बाब्वे (1,200) | |
भाषाएँ | |
खोइ, Kx'a, और तू भाषा परिवार की सभी भाषाएँ | |
धर्म | |
सान धर्म | |
सम्बन्धित सजातीय समूह | |
खोईखोई, क्झोसा, बैस्टर, ग्रिक्वॉ साँचा:main other |
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निवास क्षेत्र
दक्षिणी अफ्रीका का भूभाग, जिसका क्षेत्र दक्षिण अफ्रीका, जिम्बाब्वे, लेसोथो, मोजाम्बिक, स्वाज़ीलैंड, बोत्सवाना, नामीबिया और अंगोला के अधिकांश क्षेत्रों तक फैला है, के स्वदेशी लोगों को विभिन्न नाम जैसे बुशमेन, सान, थानेदार, बार्वा, कुंग, या ख्वे के रूप में जाना जाता हैं। ये सभी अफ्रीका के मूलभूत व प्राचीन निवासी हैं।[१][२] शब्द बुशमेन कभी कभी एक नकारात्मक अर्थ के साथ जुड़ा हुआ है और इसलिये वे सैन लोगों को बुलाया जाना पसंद करते हैं [संदिग्ध - चर्चा] ये लोग परंपरागत शिकारी हैं, खोईखोई समूह का हिस्सा हैं और परंपरागत देहाती खोईखोई से संबंधित हैं। 1950 से 1990 के दशक में वे सरकार के जरूरी आधुनिकीकरण के कार्यक्रमों में हिस्सा लेते हुए खेती करने लगे। अपनी जीवनशैली में बदलाव के बावजूद ये आधुनिक विज्ञान के लिए प्राचीन मानवों के बारे में जानकारीयाँ जुटाना का खज़ाना हैं। सैन लोगों ने नृविज्ञान और आनुवंशिकी के क्षेत्र के लिए जानकारी का खजाना प्रदान की है। जैव विविधता की जानकारी हासिल करने के लिये 2009 में पूरे हुए एक व्यापक अध्ययन जिनमें १२१ विभिन्न अफ्रीकी जनसमुदायों के डीएनए की जांच की गयी थी से यह साबित हुआ कि अफ्रीका में सान लोगों की आनुवंशिक विविधता सबसे अधिक हैं।[३][४][५] सान लोग उन १४ मौजूदा पैतृक जनजातियों में से एक हैं जिनसे आधुनिक मानवों का विकास हुआ है और जो आज के मानव के पूर्वज हैं।[४] 1. यह जनजाति 18॰ दक्षिण अक्षांश से 24॰ दक्षिण अक्षांश के मध्य बैचुआनालैण्ड में स्तिथ है । 2. यह जनजाति अफ्रीका के कालाहारी मरुस्थल में स्तिथ है ।
बस्तियां
इनकी बस्तियाँ मुख्यत: बोत्सवाना में (55,000), नामीबिया में (27,000), दक्षिण अफ्रीका में (10,000), अंगोला में 5,000 से कम और जिम्बाब्वे में (1,200) की फैली हुई पाई जाती हैं।
भोजन
जलवायु की प्रतिकूल दशाओं के कारण वे लोग न तो कृषक हैं और न पशुपालक ही। अतः इनके भोजन की सामग्री इनके द्वारा शिकार किये गऐ जीव-जंतु ही हैं। इनके अतिरिक्त ये छोटे-छोटे कीड़ों, दीमक, नीलगाय, चीटियो ,मेढक, कछुए, हिरण, छिपकली, गिरगिट आदि को भी बहुत चाव से खाते हैं।बुशमैन सर्वभक्षी होते है। साँचा:ifsubst
वस्त्र
वस्त्र के नाम पर अत्यधिक गर्मी के कारण इनके शरीर पर काफी कम वस्त्र होते हैं। पुरुष एक लंगोटा तथा स्त्रियां भी मात्र अधोअंगो को ढकने भर का वस्त्र पहनती हैं। स्त्रियों के वस्त्रों में सर्वाधिक महत्वपूर्ण वस्त्र 'चोंगा' होता है जिसे स्थानीय भाषा में क्रोस(करोस)कहा जाता है। इसी क्रोस में वे अपने शिशु एवं संग्रहित वस्तुओं को लपेट कर लाती है। बुशमैन चमड़े की टोपी एवं जूतों को भी काम में लेते हैं।
इन्हें भी देखें
सन्दर्भ
- ↑ साँचा:cite book
- ↑ साँचा:cite web
- ↑ साँचा:cite news
- ↑ अ आ साँचा:cite news
- ↑ टिश्कॉफ़, एस. ए.; रीड, एफ. ए.; फ्रेडलेंडर, एफ़. आर.; एह्रेट, सी.; रैन्कियेरो, ए.; फ़्रोमेंट, ए.; हिर्बो, जे. बी.; एवोमोयी, ए. ए.; बोडो, J. -M.; डोउम्बो, ओ.; इब्राहिम, एम.; जुमा, ए. टी.; कोत्ज़े, एम. जे.; लेमा, जी.; मूर, जे. एच.; मोर्टेन्सन, एच.; न्याम्बो, टी. बी.; ओमर, एस. ए.; पॉवेल, के.; प्रिटोरिअस, जी. एस.; स्मिथ, एम. डब्ल्यु.; थेरा, एम. ए.; वाम्बेबे, सी.; वेबर, जे. एल.; विलियम्स, एस. एम. (2009). "The Genetic Structure and History of Africans and African Americans". साइंस. 324 (5930): 1035–44. doi:10.1126/science.1172257. PMC 2947357. PMID 19407144.