मन्त्रपुष्पाञ्जलि

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मंत्रपुष्पांजलि, भारत में लोकप्रिय एक प्रार्थना है जिसमें वेदों के चार मन्त्र हैं। आरती के बाद मन्त्रपुष्पांजलि गाकर प्रार्थना समाप्त की जाती है।

ॐ।
यज्ञेन यज्ञमयजन्त देवास्तानि धर्माणि प्रथमान्यासन्।
ते ह नाकं महिमानः सचन्त यत्र पूर्वे साध्याः सन्ति देवाः ॥ 1 ॥
ॐ।
राजाधिराजाय प्रसह्यसाहिने नमो वयं वैश्रवणाय कुर्महे।
स मे कामान्कामकामाय मह्यम् कामेश्वरो वैश्रवणो ददातु।
कुबेराय वैश्रवणाय महाराजाय नमः ॥ 2 ॥
ॐ स्वस्ति।
साम्राज्यं भौज्यं स्वाराज्यं वैराज्यं पारमेष्ठ्यं राज्यं
माहाराज्यमाधिपत्यमयं समंतपर्यायी स्यात्सार्वभौमः सार्वायुष
आंतादापरार्धात्पृथिव्यै समुद्रपर्यंताया एकराळिति ॥ 3 ॥
तदप्येषः श्लोकोऽभिगीतो।
मरुतः परिवेष्टारो मरुत्तस्यावसन् गृहे।
आविक्षितस्य कामप्रेर्विश्वे देवाः सभासद इति ॥ 4 ॥
ॐ एकदन्ताय बिद्महॆ वक़तुण्डाय धीमहि तन्नॊ दन्तॆ प्रचॊदयात् ॥