शांतिदूत एडगर

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एडगर प्रथम (साँचा:lang-ang; साँचा:circa 943 – 8 जुलाई 975), जिसे शांतिदूत एडगर (साँचा:lang-en), के नाम से भी जाना जाता है, सन ९५९ से ९७५ ई.पू. तक इंग्लैंड का राजा था। वह राजा एडमंड प्रथम और उनकी रानी शाफ्ट्सबरी की ऍल्फ्गिफु का छोटा बेटा था।

राज ग्रहण

एडगर एडमंड प्रथम और उनकी रानी शाफ्ट्सबरी की ऍल्फ्गिफु बेटा था। सन ९४६ ईसवी में राजा एडमंड की मृत्यु के पश्चात एडगर के चाचा ईडरेड ने ९५५ ईसवी तक इंग्लैंड पर शासन किया। ईडरेड के बाद उसके भतीजे ईडविग ने इंग्लैंड की सत्ता संभाली जो एड्गर का ज्येष्ठ भाई था।

ईडविग लोकप्रिय राजा नहीं था और उसका शासन राज्य के कई कुलीनों व गिरिजाघर के पादरियों मुख्यत: संत डंस्टन और प्रमुख पादरी ओडा के विवाद चलता रहा। ९५७ ई०पू० में मर्सिया के थेन्स और नॉर्थम्ब्रिया ने अपनी निष्ठा ईडविग के बजाए एडगर के प्रति कर ली।[३] कुछ कुलीन परिवारों ने मिलकर थेम्स नदी के उत्तरी क्षेत्रों व राज्यों का राजा एडगर को घोषित कर दिया।[४]अक्टूबर ९५९ में ईडविग की मृत्यु के पश्चात एडगर इंग्लैंड का राजा बन गया।

सरकार

एदगर का चाँदी का सिक्का।

एडगर के पहले कार्यों में से एक था संत डन्स्टन को निर्वासन से वापस बुलाना और उन्हें पहले वॉरसेस्टर और बाद में लंदन का पादरी और अंतत: कैंटरबरी का प्रमुख पादरी बनाना था। डंस्टन एडगर के पूरे शासनकाल में उसके प्रमुख सलाहकार रहे। एडगर स्वंय जैसा भी रहा हो उसका शासनकाल मुख्यत: शांतिपूर्ण रहा। इंग्लैंड राजशाही स्थापित हो चुका था और अएडगर ने अपने पूर्वजों द्वारा पाई गैइ राजनीतिक एकता को संग्रहित और सुरक्षित किया। उसके शासन के अंत तक इंग्लैंड इतना एकजुट हो चुका था कि अब उसका कुलीन परिवारों व सामंतों के आपसी झगडों, राजपरिवार की लडाईयों की वजह से दुबारा टूटना बहुत मुश्किल था। विलियम ब्लैकस्टोन लिखते हैं कि राजा एडगर ने पूरे इंग्लैंड में मापन का एक समान पैमाना स्थापित कर दिया था। [५]जॉर्ज मोलीनीअक्स के अनुसार एडगर का शासनकाल इंग्लैंड के संस्थागत ढाँचे के विकास के लिये अल्फ्रेड या ऍथेलस्तन के मुकाबले ज्यादा महत्वपूर्ण व अनुकुल समय था जो कि ग्यारहवीं शताब्दी के राजसी शासन के लिये मूलभूत आधार बना। [६]

बेनेडिक्टाइनी सुधार

विंचकोंब में खुदा हुआ एडगर का एक सिक्का (ल. 973-75).

अंग्रेजी बेनेडिक्टाइनी सुधार जिसने इंग्लैंड के मठवासियों में बेनेडिक्टाइनी शासन की नींव रखी डंस्टन, ऍथेलवोल्ड और ओसवाल्ड के समय में बहुत तेजी से फली फूलीं। (इतिहासकार इस आंदोलन के महत्व व काल पर अभी भी चर्चाएँ करते हैं।)[७]

टिप्पणियाँ

  1. पाउलिन स्टैफोर्ड, क़्वीन एम्मा और क़्वीन एडिथ, ब्लैकवेल 2001, pp. 324-325
  2. Stafford, op. cit., p. 91
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  6. साँचा:cite book
  7. साँचा:cite book

आगे पढें

  • स्क्रैग, डोनाल्ड (ed.). Edgar, King of the English, 959–975: New Interpretations. Publications of the Manchester Centre for Anglo-Saxon Studies. Manchester: ब्वायडेल प्रेस, 2008. ISBN 1-84383-399-9. Contents.
  • कीनेस, साइमन। The New Cambridge Medieval History III. c.900–c.1024 में "England, c. 900–1016.", सं. टिमोथी रायटर। कैम्ब्रिज: कैम्ब्रिज विश्वविद्यालय प्रेस, 1999. 456-84.
  • सोबेकी, सेबेस्टियन। The Sea and Englishness in the Middle Ages: Maritime Narratives, Identity and Culture में "Edgar's Archipelago.", सं. सोबेकी। कैम्ब्रिज: ब्रुअर, 2011. 1-30.

बाहरी कड़ियाँ

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