माइक्रोप्रोसेसर
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माइक्रोप्रोसेसर (हिन्दी: सूक्ष्मप्रक्रमक) एक ऐसा डिजिटल इलेक्ट्रॉनिक युक्ति है जिसमें लाखों ट्रांजिस्टरों को एकीकृत परिपथ (इंटीग्रेटेड सर्किट या आईसी) के रूप में प्रयोग कर तैयार किया जाता है। इससे कंप्यूटर के केन्द्रीय प्रक्रमण इकाई (CPU या सीपीयू) की तरह भी काम लिया जाता है।[१] इंटीग्रेटेड सर्किट के आविष्कार से ही आगे चलकर माइक्रोप्रोसेसर के निर्माण का रास्ता खुला था। माइक्रोप्रोसेसर के अस्तित्व में आने के पूर्व सीपीयू अलग-अलग इलेक्ट्रॉनिक अवयवों को जोड़कर बनाए जाते थे या फिर लघुस्तरीय एकीकरण वाले परिपथों से। सबसे पहला माइक्रोप्रोसेसर १९७० में बना था। तब इसका प्रयोग इलेक्ट्रॉनिक परिकलकों में बाइनरी कोडेड डेसिमल (बीसीडी) की गणना करने के लिए किया गया था। बाद में ४ व ८ बिट माइक्रोप्रोसेसर का उपयोग टर्मिनल्स, प्रिंटर और ऑटोमेशन डिवाइस में किया गया था।
विश्व में मुख्यत: दो बड़ी माइक्रोप्रोसेसर उत्पादक कंपनियां है - इंटेल (INTEL) और ए.एम.डी.(AMD)। इनमें से इन्टैल कंपनी के प्रोसेसर अधिक प्रयोग किये जाते हैं। प्रत्येक कंपनी प्रोसेसर की तकनीक और उसकी क्षमता के अनुसार उन्हे अलग अलग कोड नाम देती हैं, जैसे इंटेल कंपनी के प्रमुख प्रोसेसर हैं पैन्टियम -1, पैन्टियम -2, पैन्टियम -3, पैन्टियम -4, सैलेरॉन, कोर टू डुयो आदि। उसी तरह ए.एम.डी. कंपनी के प्रमुख प्रोसेसर हैं के-5, के-6, ऐथेलॉन आदि।
आरंभिक इतिहास
आमतौर पर माइक्रोप्रोसेसर के आविष्कार का श्रेय इंटेल-4004 नामक माइक्रोप्रोसेसर को जाता है। इंटेल ने इसे १९७१ में बाजार में निकाला था। किन्तु इसी समय टेक्सास इंस्ट्रुमेंट्स के टीएमएस-1000 और गॉरेट एआई रिसर्च यानी जीएसी ने सेंट्रल एयर डेटा कंप्यूटर (सीएडीसी) का निर्माण शुरू कर दिया था। इंटेल-4004 का आविष्कार १९६९ में हुआ था।[१] इसके निर्माण का आर्डर जापानी कंपनी बिजीकॉम ने इंटेल को दिया था। इसके प्रमुख अनुसंधानकर्ता के तौर पर इंटेल के इंजीनियर टेड हॉफ का नाम लिया जाता है। टेड मूलत: चिप डिजाइनर नहीं थे पर उन्होंने बिजीकॉम चिप में फेरबदल कर इसका निर्माण किया। इस माइक्रोप्रोसेसर की विशेषताओं को स्टेनली माजोर और बिजीकॉम के इंजीनियर मात्सातोषी सिमा ने जोड़ा। आधुनिक चिप विकसित करने का श्रेय फ्रेडरिको फेगिन को दिया जाता है। फ्रेडरिको ने ही सिलीकोन गेट तकनीक का आविष्कार किया[१] जिसके द्वारा माइक्रोप्रोसेसर का सीपीयू में उपयोग हो सका।
डिज़ाइन
माइक्रोप्रोसेसर की क्षमता हर्ट्ज़ में नापी जाती है।[२] प्रोसेसर ८, १२, १६, ३२ और आधुनिकतम ६४ बिट के भी लॉन्चहुए हैं। प्रोसेसर कम्प्यूटर की स्मृति में अंकित हुए संदेशों को क्रमबद्ध तरीके से पढ़ता है और फिर उनके अनुसार कार्य करता है। सेन्ट्रल प्रोसेसिंग यूनिट (सी.पी.यू.) को पुनः तीन भागों में बांटा जा सकता है:
- नियंत्रक इकाई (कन्ट्रोल यूनिट)
- गणितीय एवं तार्किक इकाई (ए.एल.यू.)
- स्मृति या मैमोरी
नियंत्रक इकाई
नियंत्रक इकाई यानि कन्ट्रोल यूनिट कम्प्यूटर की समस्त गतिविधियों को निर्देशित व नियंत्रित करती है। इस इकाई का कार्य कम्प्यूटर की इनपुट एवं आउटपुट युक्तियों को भी नियन्त्रण में रखना है।[२] कन्ट्रोल यूनिट के मुख्य कार्य इस प्रकार है –
- सर्वप्रथम इनपुट युक्तियों की सहायता से सूचना/डेटा को कन्ट्रोलर तक लाना
- कन्ट्रोलर द्वारा सूचना/डाटा को मैमोरी/स्मृति में उचित स्थान प्रदान करना
- स्मृति से सूचना/डाटा को पुनः कन्ट्रोलर में लाना एवं इन्हें ए.एल.यू. में भेजना
- ए.एल.यू.से प्राप्त परिणामों को आउटपुट युक्तियों पर भेजना एवं स्मृति में उचित स्थान प्रदान
गणितीय एवं तार्किक इकाई
गणितीय एवं तार्किक इकाई (अरिथमैटिक एण्ड लॉजिक युनिट) यानि ए.एल.यू कम्प्यूटर की वह इकाई जहां सभी प्रकार की गणनाएं की जा सकती है, जैसे जोड़ना, घटाना या गुणा-भाग करना. ए.एल.यू कंट्रोल युनिट के निर्देशों पर काम करती है।[२]
- अरिथमेटिक यूनिट(Arithmetic Unit) को आप नाम से समझ गए होंगे. ये गणितीय गणनाओं संबंधी कार्यों का संचालन करती है. जैसे:- जोड़, घटना, गुणा और भाग.
- लॉजिक यूनिट(Logic Unit) लॉजिकल से जुड़े कार्य करती है अर्थात तुलनात्मकता से जुड़े डाटा को क्रियान्वित करती है. आसान भाषा में जैसे दो प्रकार के डाटा है और उनमें तुलना करनी हो कि कौनसा दुसरे के बराबर(=), कम(<) या अधिक(>) है. तब लॉजिक यूनिट काम आती है.
स्मृति
स्क्रिप्ट त्रुटि: "main" ऐसा कोई मॉड्यूल नहीं है। स्मृति या मैमोरी का कार्य किसी भी निर्देश, सूचना अथवा परिणाम को संचित करके रखना होता है। कम्प्यूटर के सी.पी.यू. में होने वाली समस्त क्रियायें सर्वप्रथम स्मृति में जाती है। यह एक प्रकार से कम्प्यूटर का संग्रहशाला होता है।[२] मेमोरी कम्प्यूटर का अत्यधिक महत्वपूर्ण भाग है जहां डाटा, सूचना और प्रोग्राम प्रक्रिया के दौरान स्थित रहते हैं और आवश्यकता पड़ने पर तत्काल उपलब्ध होते हैं। ये मुख्य रूप से दो प्रकार की होती है:
- रैम
रैम यानि रैंडम एक्सैस मैमोरी एक कार्यकारी मैमोरी होती है। यह तभी काम करती है जब कम्प्यूटर कार्यशील रहता है। कम्प्यूटर को बन्द करने पर रैम में संग्रहित सभी सूचनाऐं नष्ट हो जाती हैं। कम्प्यूटर के चालू रहने पर प्रोसेसर रैम में संग्रहित आंकड़ों और सूचनाओं के आधार पर काम करता है। इस स्मृति पर संग्रहित सूचनाओं को प्रोसेसर पढ़ भी सकता है और उनको परिवर्तित भी कर सकता है।
- रोम
रोम यानि रीड ऑनली मैमोरी में संग्रहित सूचना को केवल पढ़ा जा सकता है उसे परिवर्तित नहीं किया जा सकता। कम्प्यूटर के बंद होने पर भी रौम में सूचनाऐं संग्रहित रहती हैं नष्ट नहीं होती।
नवीनतम रिलीज़
इंटेल कॉर्पोरेशन ने एटम नाम का कम क्षमता वाला माइक्रोप्रोसेसर तैयार किया है। इसका आकार बहुत ही छोटा है जो २५ वर्ग मि.मी का है। यह इंटेल के दूसरे ब्रांड कोर, कोर-2, सेलरॉन और जियॉन की ही एक कड़ी है। इस चिप का कूट नाम पहले सिल्वरथॉर्न और डायमंडविले था, जो ४५ नैनोमीटर चिप निर्माण तकनीक से बनाया गया है।[३] एटम १९९५ में लांच हुए पेंटियम प्रो के बाद डिजाइन किया हुआ पहला नया प्रोसेसर है। विशेष रूप से मोबाइल इंटरनेट के लिये इंटेल सेंट्रीनो एटम प्रोसेसर बना है। इसका कूट नाम पहले मेनलो था। इंटेल सेंट्रीनो एटम और इंटेल एटम दोनों में ही कम क्षमता की एकीकृत चिप और एक वायरलेस रेडियो है। ये दोनों ही पतले और हल्के हैं। इसमें पर्याप्त क्षमता के साथ ही इंटरनेट उपयोग में भी सहायक होगा। अभी बाजार में I7 सबसे आधुनिक है।
सन्दर्भ
- ↑ अ आ इ माइक्रोप्रोसेसर स्क्रिप्ट त्रुटि: "webarchive" ऐसा कोई मॉड्यूल नहीं है।। हिन्दुस्टान लाइव। २४ जनवरी २०१०
- ↑ अ आ इ ई कम्प्यूटर के विभिन्न हार्डवेयर स्क्रिप्ट त्रुटि: "webarchive" ऐसा कोई मॉड्यूल नहीं है।। तकनीक.कॉम। ५ जून २००८। कमल
- ↑ एटम होगा इंटेल का नया माइक्रोप्रोसेसरसाँचा:category handlerसाँचा:main otherसाँचा:main other[dead link]। विज़्नेस स्टैण्डर्ड। ३ मार्च २००८
इन्हें भी देखें
बाहरी कड़ियाँ
- प्रोसेसर पूरी जांनकारी हिंदी में स्क्रिप्ट त्रुटि: "webarchive" ऐसा कोई मॉड्यूल नहीं है।
- तकनीकी ज्ञान हिंदी में