उत्तरी सेण्टिनली

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साँचा:ambox उत्तरी सेण्टिनली अण्डमान द्वीपसमूह के उत्तरी सेन्टीनल द्वीप की एक आदिवासी जनजाति है। ये एक शिकारी-फ़रमर समाज है जो शिकार करके, मछली पकड़ कर, और जंगली पौधों एकत्रित कर के रहता है। इस जनजाति में अभी तक खेती-बाड़ी या आग उत्पादन नहीं देखा गया है।[१] इनकी भाषा अवर्गीकृत बनी हुई है क्योंकि इनके सबसे निकटतम पड़ोसी जारवा लोग भी इनकी भाषा को नहीं समझ सकते हैं।[२] दरअसल, सेंटिनल जनजाति हजारों वर्षों से दुनिया से अलग-थलग रह रही है. ऐसा माना जाता है कि वे इसलिए दुनिया से अलग रह रहे हैं क्योंकि वे आम लोगों की बीमारियों से दूर रहना चाहते हैं. भारत के मानवशास्त्री त्रिलोकनाथ पंडित एकमात्र व्यक्ति हैं जो इस जनजाति से संपर्क स्थापित करने में सफल रहे थे. उन्होंने वर्ष 1966 से 1991 के बीच इस द्वीप की कई यात्राएं की थीं.[३]

निवास क्षेत्र

बस्तियां

2001 की जनगणना के मुताबिक इस द्वीप की जनसंख्या लगभग 40 है। माना जाता है कि 40 से 500 व्यक्तियों के बीच एक असंबद्ध लोग, 60,000 साल से उत्तरी सेंटिनल द्वीप पर रहता है और सेंटिनेल भाषा बोलता है।

भोजन

भोजन के लिये ये लोग शिकार पर निर्भर है |‌‌‌‌‌‌‌‌‌‌‌‌‌‌‍‌‌‌‌‍‍‌‌‌‌‍‍‍‌‌‌‌‍‍‌‌‌‌‍‌‌‌‌‌‌‌‌‌ क्यूकी यहाँ अभी तक आग के कोई सुराग नही देखे गये।

वस्त्र

ये लोग वस्त्र के लिये पेड़ के पतों का इस्तेमाल करते हैं । और शरीर पर टैटूके निशान भी देखे गए हैं ।

समाज

ये लोग अक्सर एक झुंड में रहना पसन्द करते हैं ।

सन्दर्भ

  1. साँचा:cite book
  2. साँचा:cite report
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