बैरासकुण्ड

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बैरासकुण्ड (Bairaskund) उत्तराखण्ड के प्रमुख तीर्थ स्थलों में से एक चमोली जनपद में स्थित हिन्दुओं का प्रसिद्ध एवं प्राचीन शिव मन्दिर के साथ एक छोटा-सा गांव भी है। पौराणिक कथाओं के अनुसार यह रावण की तपस्थली है, इस गांव में अनेक छोटे-बड़े कुण्ड हैं। इसे सिद्धपीठ बैरासकुण्ड के नाम सेे भी जाना जाता है। इसका उल्लेख पुराणों में भी पाया जाता है सुंदर एवं मनोरम दृश्यों से भरपूर इस धार्मिक के दर्शन वर्ष-भर किये जाते हैं। इस धार्मिक स्थान के दर्शन के लिये कर्णप्रयाग से नन्दप्रयाग होते हुए नन्दप्रयाग से नन्दप्रयाग एवं विकासनगर घाट के बीच में स्थित काण्डई पुल नामक स्थान से वाहन की सुविधा पर्याप्त मात्रा में उपलब्ध रहती है। यहां पर प्रत्येक दिन प्रातः चार बजे से भगवान शिव का जलाभिषेक एवं पूजा की जाती है जो लगभग दिन के १२ बजे तक वहां के मुख्या पुजारी एवं सन्यासी नेपाली महाराज द्वारा प्रतिदिन सम्पन्न की जाती है। इस स्थान के विषय में अनेक पौराणिक एवं दन्त कथाएँ प्रचलित हैं। इस क्षेत्र के लोगों की भगवान शिव में अत्यंत श्रद्धा एवं विश्वाश है। अनेक लोग यहाँ पर अपने लिए भगवान शिव से मन्नतें मांगते हैं एवं समय-समय पूजा का आयोजन करवाते हैं। मन्दिर समिति की देख-रेख में यहां पर महा शिवरात्रि के दौरान भव्य मेला का आयोजन किया जाता है। जिसमें जगह-जगह से अनेक श्रद्धालू भगवान शिव के दर्शन किया करते हैं।


सन्दर्भ