अंगदेश

मुक्त ज्ञानकोश विकिपीडिया से
imported>रोहित साव27 द्वारा परिवर्तित ०६:५५, १० अप्रैल २०२२ का अवतरण (SM7Bot (वार्ता) के अवतरण 5377321 पर पुनर्स्थापित : Reverted to the best version)
(अन्तर) ← पुराना अवतरण | वर्तमान अवतरण (अन्तर) | नया अवतरण → (अन्तर)
नेविगेशन पर जाएँ खोज पर जाएँ

महाभारत में अंगदेश का वर्नन मिलता है[१] जिसके अनुसार यह भारत के पूर्वी भाग में स्थित था। महाभारत में सूर्य देवता का पुत्र कर्ण अंगदेश का राजा था।[२]

अंगदेश राज्य के धनवान होने की कथा

अंगदेश पहले राजा जरासंध का दास था क्योकि अंग का कोई राजा नही था।[३] जब दुर्योधन ने कर्ण को राजा बनाया तो लोग कहने लगे कि अंगदेश का राजा बनना मतलब मृत्यु के मुख में जाना है। कर्ण अंगदेश गया व यह जाना कि लोग इसलिए यह कहे है क्योकि अंगदेश को जरासंध का डर था। तो कर्ण ने जरासंध को हराया व देवता कुबेर की सहायता से अंगदेश को धनवान बनाया। पहले अंगदेश मे धन, कपड़ा, घर, भोजन, सेना व बहुत वस्तुओं की कमी थी लेकिन कुबेर के वरदान के बाद अंगदेश मे धन, कपड़ा, घर, भोजन व दो अक्षौहिणी सेना का निर्माण हुआ अर्थात अंगदेश को धनवान बनाने मे कर्ण का हाथ था।[४]

इन्हें भी देखें

सन्दर्भ

बाहरी कड़ियाँ