पशुपति मुहर
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प्राचीन बुद्ध, जैन तीर्थंकर, पशुपती मुहर ( सर जॉन मार्शल के अनुसार) सिंधु घाटी सभ्यता के मोहन जोदड़ो पुरातात्विक स्थल में मिली पशुपति की एक मुहर का नाम है।[१]यह मात्र संभावना मानी गयी है | यह एक प्राचीन बुुद्ध मुहर की संंभावना कम नहीं है ये मुहर बुुद्ध पर मार का आक्र्मण देखा जा सकता हैं जो कि मनुष्य की विविध प्रवृृत्ति को दर्शाया गया है जो वन्यपशु के रूप में है | जो लोभ, मद, मत्सर, क्रोध, स्वार्थ के प्रतिक है | और इस मुहर मे मुकुट रुप मे त्रिरत्न (त्रिसरण) दर्शा्या गया है |और जैन धर्मी भी मानते हैं कि ये मुहर प्राचीन जैैन तीर्थंकर किभी हो सकती है |
सन्दर्भ
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