प्रथम आदितत्व

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प्रथम आदितत्व (first principle) किसी ऐसे आधारभूत कथन, नियम या सिद्धान्त को कहते हैं जो किसी अन्य नियम या सिद्धांत द्वारा निष्कर्षित न किया जा सके। गणित में प्राथमिक ज्ञान को अभिगृहीत (ऐक्सियम) कहा जाता है।[१]

तर्क में

तर्क में प्राथमिक ज्ञान ऐसे कथन होते हैं जो एक-दूसरे का खंडन न करें और जो किसी अन्य कथन द्वारा साबित न हों। उदाहरण के लिये, इस न्यायवाक्य (सिलोजिज़्म) को देखें: "सभी मानव खाना खाते है। रजत एक मानव है। रजत खाना खाता है।" इसमें पहले दो वाक्य प्राथमिक ज्ञान हैं, लेकिन तीसरा वाक्य प्राथमिक ज्ञान नहीं है क्योंकि वह पहले दो वाक्यों द्वारा निकाला गया निष्कर्ष है।

कलन में

कलन (कैलकुलस) में जब 'प्रथम सिद्धान्त' की सहायता से किसी फलन का अवकलज निकालने को कहा जाता है, तो इसका अर्थ अवकलज की निम्नलिखित परिभाषा के द्वारा अवकलज निकालना होता है-

<math>f^\prime(x):=\lim_{h\to 0}\frac{f(x+h)-f(x)}{h}</math>

इन्हें भी देखें

सन्दर्भ

  1. Irwin, Terence. Aristotle's First Principles. Oxford: Oxford University Press. ISBN 0-19-824290-5.