रश्मी बंसल
रश्मी बंसल | |
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Nationality | भारतीय |
Alma mater | साँचा:unbulleted list |
Occupation | लेखिका |
Employer | साँचा:main other |
Organization | साँचा:main other |
Agent | साँचा:main other |
Notable work | साँचा:main other |
Opponent(s) | साँचा:main other |
Criminal charge(s) | साँचा:main other |
Spouse(s) | यतिन बंसलसाँचा:main other |
Partner(s) | साँचा:main other |
Parent(s) | स्क्रिप्ट त्रुटि: "list" ऐसा कोई मॉड्यूल नहीं है।साँचा:main other |
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रश्मी बंसल का जन्म ८ मार्च १९८५ में मुम्बई शहर में हुआ था। उनके पिता खगोल भौतिकी के वैज्ञानिक थे। उन्हिने सेंट जोसेफ़ उच्च विद्यालय और आर सी चर्च से अपनी प्रारंभिक शिक्षा हासिल की। बाद में सोफ़िया कॉलेज से अर्थशास्त्र में पदवी हासिल कर आई.आई.एम-ए एम.बी.ए. की पदवी प्राप्त की।
बचपन
रश्मी एक उत्तम छात्रा थी। वे कक्षा में अव्वल आती थी। उन्हे किताबो से बचपन से ही लगाव था। समय मिलने पर उपन्यास पढा करती थी। रश्मी को गणित पसंद नही था, इसलिए उन्होने आर्ट्स (कला विषय) में अपनी आगे की पढाई करने का निर्णय लिया। लोगो के निराशा ज़ाहिर करने के बावजूद रश्मी अपने नर्णय पर टिकी रही; क्यो कि वे जानती थी कि वे सही मार्ग पर चल रही है।
कार्य क्षेत्र
रश्मी ने अपनी कॉलेज के दिनो से ही लेखन शुरू कर दिया था। एम.बी.ए. पदवी प्राप्त करने के बाद, रश्मी खुद की एक प्रकाशन कंपनी 'जॅम'(JAM- Just Another Magazine) का सह-संस्थापन किया। उन्हे अपनी पहली पुस्तक 'Stay hungry, Stay Foolish' का विषय आई.आई.एम, अहमदाबाद के सी.आई.आई.ई के प्रोफेसर राकेश बसंत से मिला। इस पुस्तक में उन्होने २५ उद्यमीयो के जीवन के संघर्ष और सफलता की कहानियाँ लिखी है। यह किताब अत्यंत लोकप्रिय हुई और इसकी ३५०००० से ज्यादा कॉपियाँ बिकी। इस पुस्तक को आठ भाषाओ में अनुवाद भी किया गया है। उनकी पुस्तक 'Connect The Dots' ऐसे २० उद्यमीयों के जीवन संघर्ष की कहानी है जिन्होने खुद मेहनत करके सफलता हासिल की है। इस पुस्तक की १००००० कॉपियाँ बिकी। उनकी पुस्तक 'Arise Awake' ऐसे छात्रो के जीवन पर प्रकाश डालती है जो कॉलेज में रहते खुद कंपनी शुरू की। उनकी पुस्तक 'Follow Every Rainbow' उन महिला उद्यमीयों के बारे मेम है जो अपने व्यवसाय के साथ साथ परीवार को भी बखुबी संभालनी है। इस पुस्तक द्वारा रश्मी महिला के जीवन की चुनौतियों पर प्रकाश डालती है। २०११ में प्रकाशित रश्मी की पुस्तक 'I Have A Dream' को देश की 'नॉन फिक्षन' साहित्य का शिखर माना जाता है। लेखिका होने के अलावा, रश्मी एक प्रसिद्ध स्तंभकार और प्रवक्ता भी है। वे अपने भाषण से व्यापक विवाद और चर्चा उत्पन्न करती है। इनके दिलचस्प भाषणों के कारण इन्हे कई प्रतिष्ठित बी-स्कूल्ज़ में भाषण देने का निमंत्रण मिला है।
सम्मान
रश्मी को २०१० में Economic Crossword popular Award जैसे प्रतिष्ठित सम्मान के लिए शोर्टलिस्ट किया गया था। २०१२ में भी 'I Have A Dream' के लिए इन्हे इस पुरस्कार के लिए शोर्टलिस्ट किया गया था।
प्रेरणा
रश्मी को अपनी रचनाओ के लिए प्रेरणा देशभर की स्कूल्ज़ और कॉलेजो में घूमने से मिलती है। रश्मी ऐसी कहानियों की तलाश में है जिनके अलग अलग पहलू हो। उनकी रूची ऐसे उद्यमीयो की कहानियों में है जिन्होने बिना पारीवारिक सहायता के अपने बलबूते पर व्यवसाय शुरू किया हो। वे अलग अलग जगहो और संस्कृतियों के उद्यमीयों के बारे में लिखना चाहती है जिससे पाठको को लगे की उनके जीवन का कोई पहलू पुस्तक में दर्शाया जा रहा है।
भविष्य की परियोजनाए
रश्मी फिलहाल दो पुस्तको पर काम कर रही है। पहली पुस्तक 'अक्षयपात्र संस्था' को कहानी है। दूसरी पुस्तक ज़ी.टी.वी के सहयोग से 'उम्मीद' विषय पर जनता द्वारा भेजी गई कहानियों का संग्रह है। इस रचना के द्वारा रश्मी 'आम आदमी, आम औरत' को परिस्थितियों के बावजूद जीवन में सकारात्मक नज़रिया बरकरार रखने की प्रेरणा देना चहती है।
इन्हें भी देखे
भारतीय लेखकों की सूची उद्यमी उद्यमिता
सन्दर्भ
https://web.archive.org/web/20151222151817/http://her.yourstory.com/rashmi-bansal-0323