ला-शातैलिए का नियम
imported>PQR01 द्वारा परिवर्तित ०६:१८, ६ अप्रैल २०२२ का अवतरण (रोहित साव27 (वार्ता) के अवतरण 5017343 पर पुनर्स्थापित)
रसायन विज्ञान में ला-शतैलिए का नियम (Le Châtelier's principle) किसी रासायनिक साम्य से सम्बन्धित दशाओं को परिवर्तित करने पर उस साम्य पर पड़ने वाले प्रभाव का पूर्वानुमान लगाने में सहायक होता है। इसलिये इसे 'साम्य नियम' ((Equilibrium Law) भी कहते हैं। इस सिद्धान्त का प्रतिपादन फ्रान्स के वैज्ञानिक हेनरी लुई ला-शातैलिए (Henry Louis Le Châtelier) ने किया था किन्तु कार्ल फर्डिनाण्ड ब्राउन ने भी इसे स्वतन्त्र रूप से इसकी खोज की थी।
यह नियम निम्नलिखित है-
- साम्यावस्था में स्थित किसी निकाय (सिस्टम) के सान्द्रण, ताप, आयतन, या दाब में परिवर्तन करने पर वह निकाय अपने को इस प्रकार समायोजित करता है कि किये गये परिवर्तन को (आंशिक रूप से) कम कर सके। इस प्रकार एक नयी साम्यावस्था स्थापित होती है।
इसी को दूसरे तरह से इस प्रकार कह सकते हैं-
- साम्यावस्था में स्थित किसी निकाय को बिक्षुब्ध (disturb) करने पर वह तन्त्र अपने आप को इस प्रकार समायोजित करता कि परिवर्तन को निष्प्रभावी बनाया जा सके।