जय गंगाजल

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जय गंगाजल
चित्र:jai-Gangajal.jpg
निर्देशक प्रकाश झा
निर्माता प्रकाश झा
पटकथा प्रकाश झा
कहानी प्रकाश झा
अभिनेता साँचा:ubl
संगीतकार सलीम सुलेमान
छायाकार सचिन कृष्ण
संपादक संतोष मण्डल
स्टूडियो प्रकाश झा निर्मित
प्रदर्शन साँचा:nowrap [[Category:एक्स्प्रेशन त्रुटि: अनपेक्षित उद्गार चिन्ह "२"। फ़िल्में]]
  • 4 March 2016 (2016-03-04)
देश भारत
भाषा हिन्दी
लागत १० करोड़ (US$१.३१ मिलियन)

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जय गंगाजल हिन्दी भाषा में बनी भारतीय नाट्य फिल्म है। जिसका निर्देशन प्रकाश झा ने किया है। यह फिल्म 2003 में बनी गंगाजल फिल्म का दूसरा भाग है। लेकिन इसकी कहानी इसके पिछले फिल्म से भिन्न है।[१] इसमें मुख्य किरदार में प्रियंका चोपड़ा हैं। इनके साथ मानव कौल, राहुल भट्ट और निनाद कामात हैं। ₹10 करोड़ लागत में बनी यह फिल्म 4 मार्च 2016 को सिनेमाघरों में प्रदर्शित हुई है।[२]

पटकथा

फ़िल्म की शुरुआत लखीसराय गांव से होती है जहां राजनेता के लोग गरीब गांववालों की जमीनें हड़प लेते हैं। लखीसराय गांव का विधायक बबलू पाण्डे (मानव कौल ) होता है जो कि भ्रष्ट तरीके से सभी की जमीनें छीनकर वहां खुद की फैक्ट्री लगाना चाहता है। इसमें पुलिस डीसीपी भोला नाथ सिंह प्रकाश झा भी बबलू पाण्डे की मदद करता है। गांव की परिस्थितियों को देखते हुए आभा माथुर (प्रियंका चोपड़ा ) का स्थानांतरण हो जाता है। गांव वाले दिन ब दिन कर्ज की वजह से आत्महत्याएँ करते रहते है जिसकी सारी वजह विधायक बबलू पांडे तथा भ्रष्ट पुलिस अधिकारी होते हैं। जब गांव के सभी लोग अपनी - अपनी जमीनें दे देते है तो सुनीता (वेगा तमोटीया ) नामक अपनी जमीन देने से इनकार कर देती है इस कारण विधायक के भाई डब्लू पाण्डे (निनाद कामत ) को गुस्सा आ जाता है। फिर थोड़े ही समय बाद सुनीता का पिता आत्महत्या कर देता है। डब्लू पाण्डे को गुस्सा आ जाता है और वो सुनीता का अपहरण करवा लेता हे ,और थोड़े ही समय बाद डब्लू पांड़े सुनीता के साथ बलात्कार करता है ,बी.एन सिंहऔर नागेश सुनीता को बचाने जाते हैं लेकिन डब्लू पांडे उसकी हत्या कर देते हैं। आभा माथुर भोला नाथ सिंह पर बिल्कुल विश्वाश नहीं करती है। इसके पश्चात भोला नाथ सिंह (प्रकाश झा ) को गुस्सा आ जाता है और वो इसे गिरफ्तार करने जाता है लेकिन वहीं पर सुनीता का भाई नागेश (आयुष महेश खेड़ेकर ) उसे कमरबंध से गला घोंटकर मार देता है और फिर गांव वाले उसी पेड़ पर लटका देते है जहां पर उनके पिता लटक कर मरे थे। इसी प्रकार लखीसराय गांव के सभी लोग भड़क जाते है और साफ - साफ सभी पुलिसवालों को धमकी दे देते है कि अब यहां यही हाल होगा। इस बात का पता बबलू पांडे (मानव कौल ) चल जाता है कि उनके भाई डब्लू पांडे की हत्या बालक नागेश ने की है तो वह अपने आदमियों को बोल देता है कि जहां कहीं भी हो उसको मेरे सामने लेकर आओ। इसी प्रकार डीसीपी भोला नाथ सिंह (प्रकाश झा ) भी बदल जाता है और वो बबलू पांडे को छोड़कर आभा माथुर (प्रियंका चोपड़ा ) का साथ देना शुरू कर देते है लेकिन आभा माथुर फिर भी विश्वास नहीं करती है। डीसीपी भोला नाथ एक बार लखीसराय गांव जाते है तो उसपर बबलू पांडे (मानव कौल ) हमला कर देता है और वहां पर खूब पिटाई करते है फिर भी बी.एन सिंह नागेश को उनके हवाले नहीं करते हैं। बी.एन सिंह एकदम घायल हो जाता है और वहां पर एसपी आभा माथुर (प्रियंका चोपड़ा ) पहुंच जाती है और बी.एन. सिंह को अस्पताल में भर्ती कर दिया जाता है। थोड़े समय बाद भोला नाथ सिंह/बी.एन. सिंह (प्रकाश झा ) बबलू पांडे की सभी पुरानी केस की फाइलें एसपी आभा माथुर (प्रियंका चोपड़ा ) को सौंप देते हैं। इधर पुलिस अफसर प्रभु नारायण की मदद से मुन्ना मुरदानी सुनीता के भाई नागेश को उठा लेता है इस कारण भोला नाथ सिंह (प्रकाश झा ) गुस्से से आग बबूला हो जाते हैं। नागेश का पता जानने के लिए डीसीपी भोला नाथ सिंह पुलिस इंस्पेक्टर अमरीक की मदद से एक चाल चलते है और मुन्ना मरदानी को घर से निकलवा कर मारकर पेड़ से लटका देते हैं। इसी बीच विधायक बबलू पांडे और उनके आदमी मन्दिर जाते है तो मुन्ना मरदानी को पेड़ से लटके देख क्रोधित हो जाते है अपना रस्ता पलट कर फैक्ट्री जाते और इसी बीच भोला नाथ सिंह आभा माथुर को बता देता है कि नागेश को बंसल की फैक्ट्री में ही रखा गया है। जब तक आभा माथुर पहुंचती है तब तक भोला नाथ सिंह पहुँच कर नागेश को बचाकर बबलू पांडे को लटकाते ही है कि आभा माथुर आ जाती है और उन्हें छोड़ने को बोलती है लेकिन बी.एन.सिंह नहीं मानते है और गांववालों के साथ जोश में आए बबलू पांडे को लटकाते ही है कि एसपी आभा माथुर कानून को मानते हुए डीसीपी भोला नाथ सिंह के हाथ पर गोली मार देती है और बबलू पांडे से थोड़ी बहुत हाथापाई करके गिरफ्तार कर देती है। इसी प्रकार सभी गांववलों के चेहरों पर खुशी चा जाती है।

कलाकार

सन्दर्भ

बाहरी कड़ियाँ