बहुमत की सरकार

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किसी संसदीय व्यवस्था मे संसद या विधानसभा में सबसे ज्यादा सदस्यों वाले दल के द्वारा पूर्ण बहुमत जुटाकर बनाई गई सरकार को बहुमत की सरकार कहते हैं। बहुमत के लिये जरूरी आंकणों के होने की वजह से किसी अल्पमत की सरकार की तुलना में ये सरकार ज्यादा स्थायी होती है।

बहुमत की सरकार के पास अपने प्रस्ताव पारित कराने के सबसे ज्यादा संभावनाएँ होती हैं, और इनके विधेयक कभी कभार ही सदन में हारते हैं।[१] इसकी तुलना में एक अल्पमत की सरकार को अपने विधेयक पारित कराने और अपनी बात मनवाने के लिये लगातार साथी और विरोधी दलों से मोल-भाव करते रहना पड़ता है। ऐसे में भ्रष्टाचार की संभावनाएँ बलवती हो जाती हैं।

शब्द "बहुमत की सरकार" किसी सदन में एक से अधिक समान विचार वाले दलों के गठबंधन वाली स्थायी सरकार को भी कह सकते हैं जहाँ किसी एक के समर्थन खींचने की संभावना नगण्य हो। ऐसा उदाहरण भारत में भाजपा और शिव सेना का है जो लगभग समान विचारधारा वाले दल हैं और दशकों से विभिन्न कार्यपालिकाओं में सम्मिलित सरकार चलाते हैं। फ़िलहाल २०१४ से २०१९ के लिये भारत में नरेंद्र मोदी के नेतृत्व वाले राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन को बहुमत मिला है और २८२ की तुलना में इनके पास लोकसभा में ३३० से ज्यादा सीटें हैं।[२]

अन्य उदाहरण २०१०-१५ के दौरान यूनाइटेड किंगडम में मिलता है जहाँ कंज़र्वेटिव व लिबरल डेमोक्रैट दलों ने मिलकर बहुमत की सरकार चलायी। कंज़रवेटिवों ने २०१० के चुनावों में सबसे ज्यादा सीटें हासिल कीं लेकिन बहुमत की संख्या से पीछे रह गये। ऐसे में लिबरल डेमोक्रैट्स के साथ मिलकर उन्होंने हाउस ऑफ कॉमन्स में एक ठोस बहुमत की सरकार बना ली जो पांच साल की पूरी अवधि तक काम करती रही।

सन्दर्भ

बाहरी कड़ियाँ

पोलैंडः दक्षिणपंथी पार्टी को 'पूर्ण बहुमत' कश्मीरः बड़ी कठिन है डगर बहुमत की