जैन मन्दिर

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जैन मंदिर जैन धर्म के अनुयायीयों के लिए भगवान की पूजा और दर्शन का स्थान है [१]

निर्माण कला

जैन तीर्थ, कर्नाटक

जैन मंदिर कई निर्माण शैली में बनाए जाते हैं।[२]

उत्तर भारत के जैन मंदिर दक्षिण भारत के जैन मंदिरों से काफ़ी भिन्न होते हैं। जैन मंदिर दो प्रकार के होते हैं :

  • शिखर बंद जैन मंदिर 
  • घर जैन मंदिर (बिना शिखर वाले)

मंदिर का मुख्य भाग '''गर्भ ग्रह''' कहलाता है। यहाँ भगवान की प्रतिमा स्थापित की जाती है। इसमें बिना नहाये और पूजा के वस्त्रों के बिना नहीं जाना चाहिए।

१०० से अधिक वर्ष पुराना मंदिर तीर्थ कहलाता है। मुख्य वेदी पर विराजमान भगवान मंदिर के मूलनायक कहलाते है। [३]जैन समाज में ऐसे कई मंदिर हैं जहां मूर्ति के स्थान पर जिनवाणी रखी होती हैं।ऐसे मंदिरों को चैत्यालयों कहते हैं इनमें दिगंबर जैन तारण पंथी पूजा करने जाते हैं।यह बुंदेलखंड में अधिक पाये जाते हैं।

प्रसिद्ध जैन मंदिर

इन्हें भी देखें

सन्दर्भ

  1. Babb, Lawrence, A (1996).
  2. Jain temples in India and around the world,Laxmi Mall Singhvi, Tarun Chopra, Himalayan Books, 2002
  3. Jaina Iconography, Volume 1 of Jaina-rūpa-maṇḍana, Umakant Premanand Shah, Abhinav Publications, 1987,p. 149