तन्यता
पदार्थ विज्ञान में तन्यता (ductility) किसी ठोस पदार्थ की तनाव डालने पर खिचकर आकार बदल लेने की क्षमता को बोलते हैं। तन्य पदार्थ (ductile materials) आसानी से खींचकर तार के रूप में बनाए जा सकते हैं, जबकि अतन्य (non-ductile) पदार्थ तनाव डालने पर असानी से नहीं खिंचते और अक्सर टूट जाते हैं। सोना और ताम्बा दोनों तन्य पदार्थों के उदाहरण हैं।[१][२] इसी तरह आघातवर्धनीयता (Malleability) किसी पदार्थ की दबाव या आघात पड़ने पर बिना टूटे आकार बदल लेने की क्षमता को कहते हैं। मसलन चाँदी को पीटकर उसका मिठाई व पान पर चढ़ाने वाला वर्क इसलिए बनाया जा सकता है क्योंकि वह तत्व आघातवर्धनीय (malleable) है।
सोने में सर्वाधिक तन्यता होती है!
1 ग्राम सोने से 2 किलोमीटर लम्बा तार बना सकते हैं!
गुलाब प्रजापति
तन्यता और आघातवर्धनीयता
यह आवश्यक नहीं है कि जो पदार्थ तन्य हो वह आघातवर्धनीय होगा, या जो पदार्थ आघातवर्धनीय है वह तन्य होगा। मसलन सोना आघातवर्धनीय भी है और तन्य भी - इसे पीटकर इसका पन्ना भी पनाया जा सकता है और खींचकर इसकी तार भी। लेकिन, इसके विपरीत, सीसा आघातवर्धनीय है और इसे पीटकर मूर्तियों में आकार दिया जा सकता है। लेकिन सीसा तन्य नहीं है - इसकी खींचकर तार बनाई जाए तो यह आसानी से टूट जाता है।[३]