आंखों के काले घेरे

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आँखों के नीचे काले धब्बे

कुछ लोगों के आँखों के नीचे की त्वचा का रंग बदल जाता है और उसमें कालापना आ जाता है। इसे आंखों का काला घेरा (Periorbital dark circles या केवल 'dark circles') कहते हैं। यह समस्या लड़कियों में विशेष रूप से होती है। यह लक्षण कई कारणों से प्रकट हो सकते हैं। पेरीऑर्बिटल काले घेरे (इन्हे डार्क सर्कल (काले घेरे) के रूप में भी जाना जाता है), आंखों के आसपास काले धब्बे हैं। इन काले घेरों के बनने के कई कारण होते हैं जिनमे आनुवंशिकता, उम्रवृद्धि, रूखी त्वचा, ज्यादा आंसू बहाना, कंप्यूटर के सामने देर तक कार्य करना, मानसिक एवं शारीरिक तनाव, नींद की कमी होना एवं पौष्टिक भोजन का अभाव हैं।[१] विभिन्न आयु वर्ग के स्त्री या पुरुषों में यह डार्क सर्कल हो सकता हैं।

कारण

इसके पीछे कई कारण होते हैं जैसे शरीर में पानी की कमी, तनाव, धूप और प्रदूषण में ज्यादा देर रहना, अनियमित दिनचर्या आदि। कई बार हम समझ नहीं पाते, लेकिन डार्क सर्कल्स की समस्या एलर्जी का भी नतीजा हो सकता है। यह एलर्जी किसी क्रीम, कॉस्मेटिक या दवाई से हो सकती है। ऐसे मामलों में तुरंत डॉक्टरी सलाह लेने में ही भलाई है, नहीं तो समस्या कोई और रूप ले सकती है।

यह समस्या अनुवांशिक भी हो सकती है। इसके अलावा कुछ दवाओं के सेवन (मेडिकेशन) से, थकान से, यकृत (लीवर) की समस्या के कारण, एक्जिमा, अस्थमा आदि के कारण, रक्त की कमी (रक्तक्षीणता) के कारण या उम्र की अधिकता से भी हो सकती है।

आनुवंशिकता

ज्यादातर मामलों में, आंखों के नीचे काले घेरे रक्त वाहिकाओं हैं जिन्हे त्वचा के माध्यम से देखा जा सकता है। पलकों की (पेरीऑर्बिटल त्वचा) आसपास की त्वचा (अन्य क्षेत्रों में 2 एमएम के साथ तुलना में 0.5 चारों ओर मिमी मोटी) शरीर में सबसे पतली त्वचा है। वैरिकाज़ नसों की तरह, आंखों के नीचे काले घेरे आम तौर पर एक आनुवंशिक लक्षण हैं। रक्त जब त्वचा की सतह के करीब के बड़ी नसों से गुजरता है, यह हल्का नीला धब्बा विकसित करता हैं। त्वचा जितनी अधिक पारदर्शी हो या फिर आनुवंशिक गुण प्रबल हो तो धब्बे उतने ही गहरे काले दिखाई देते हैं।

एलर्जी, दमा, एक्जिमा और

ऐसे किसी भी कारण जिनसे आँख में खुजली होती है एवं इसके चले जब हम आँख की आस पास की त्वचा को मलते या नोचते हैं इनसे भी काले धब्बों का निर्माण होता हैं। कुछ खाद्य पदार्थों से एलर्जी भी डार्क सर्कल हो सकता है।

दवाएं

कई दवाएं जिनसे रक्त वाहिकाओं चौड़ी हो जाती हैं भी काले घेरों का भी कारण है बन सकता हैं। इसका प्रमुख कारण, आंखों के नीचे की त्वचा का बहुत नाजुक होना हैं और इनमे बड़ी हुई रक्त प्रवाह का त्वचा के माध्यम दिखाई दे जाती हैं।

एनीमिया

आहार में पोषक तत्वों की कमी एवं संतुलित आहार की कमी भी आंखों के नीचे के क्षेत्र के कालेपन का कारण बन सकता हैं। सामान्यता यह माना जाता है हैं कि लोहे की कमी (हमारे शरीर में) काले घेरे का कारण बन सकता हैं। एनीमिया का सबसे आम प्रकारों में आयरन का कमी होना हैं एवं यह इस बात की और संकेत करता हैं कि शरीर के ऊतकों को पर्याप्त मात्रा में ऑक्सीजन हो नहीं प्राप्त हो रहा है।

थकान

नींद की कमी त्वचा के पीलेपन का कारण बन सकता हैं एवं इसके चलते त्वचा के नीचे बहने वाला खून ब्लू या काला रंग का दिखाई पड़ता हैं। [२]

जिगर की समस्याओं

आंखों के नीचे काले घेरे, किडनी की बीमारी होने के संकेत प्रदर्शित करते हैं।

आयु

उम्र बढ़ने के साथ साथ इन काले घेरे का और अधिक स्थायी हो जाने की संभावना है। क्यंकि बढ़ती उम्र के साथ त्वचा कोलेजन खोने लगता है।

उपचार

काले घेरे हटाने या कम करने का कोई उपचार नहीं है। किन्तु विटामिन के और रेटिनोल (Retinol) से युक्त क्रीम लगाने से कुछ लाभ होता है।

हाइड्रोक्विनोंन को तेल मुक्त मॉइस्चराइजर के साथ मिश्रित करके इस मिश्रण को त्वचा के ब्लीच की तरह काम में लेते हैं। हालांकि त्वचा वाइटनिंग के लिए हाइड्रोक्विनोंन का उपयोग स्वास्थ्य संबंधी चिंताओं की वजह से यूरोपीय देशों में प्रतिबंधित कर दिया गया है। 2006 में संयुक्त राज्य अमेरिका के खाद्य एवं औषधि प्रशासन ने इससे ओवर द काउंटर प्रतिबंधित करते हुए यह कहा था की यह कैंसर का कारण या अन्य कई हानिकारक प्रभाव हो सकता है।

हाइड्रोक्विनोंन त्वचा वाइटनिंग उत्पादों का उपयोग मनुष्य के लिए विषाक्त हानिकारक या घातक हो सकता है।[३]


घरेलू नुस्खे

सामान्य तौर पर डार्क सर्कल्स का इलाज आप बड़ी ही आसानी से घर में ही कर सकते हैं। जैसे हल्दी और पाइनेपल के जूस का मिश्रण कुछ मिनट तक आंखों के नीचे लगाकर रखने से काफी फायदा होता है। बादाम के तेल की रोजाना 15 से 20 मिनट की मालिश काफी लाभदायक होती है। सोने से पहले गुलाब जल में रूई डुबोकर 15 मिनट तक आंखों के ऊपर रखने से काफी फायदा होता है।

हर्बल टी या ग्रीन टी का नियमित सेवन भी आंखों के लिए बहुत अच्छा होता है। इसके अलावा पुदीने का रस भी आंखों के लिए बहुत फायदेमंद होता है और कुछ ही दिनों में इसका परिणाम भी मिल जाता है।

  • अपनी डाइट में भरपूर फल व सब्जियों को शामिल करें।
  • अरोमाथेरेपी से भी आपको डार्क सर्कल्स से निजात मिल सकता है। इससे तनाव के स्तर में कमी होती है, जिससे कुछ ही दिनों में डार्क सर्कल्स गायब हो जाते हैं।
  • इसके अलावा रोज 7 से 8 घंटे की नींद भी बहुत जरूरी होती है।
  • नींबू और टमाटर के रस का मिश्रण रोजाना आंखों के नीचे लगाएं। इससे भी कुछ ही दिनों में डार्क सर्कल्स गायब हो जाते हैं।

सन्दर्भ

  1. साँचा:cite journal
  2. साँचा:cite web
  3. काउंटर,एस.एलन, त्वचा वाइटनिंग घातक हो सकता है स्क्रिप्ट त्रुटि: "webarchive" ऐसा कोई मॉड्यूल नहीं है।, बोस्टन ग्लोब, १६ दिसंबर २००३

बाहरी कड़ियाँ