शिवाड़

मुक्त ज्ञानकोश विकिपीडिया से
imported>अनुनाद सिंह द्वारा परिवर्तित ०३:२१, १६ मार्च २०२२ का अवतरण
(अन्तर) ← पुराना अवतरण | वर्तमान अवतरण (अन्तर) | नया अवतरण → (अन्तर)
नेविगेशन पर जाएँ खोज पर जाएँ
साँचा:if empty
{{{type}}}
साँचा:location map
निर्देशांक: साँचा:coord
देशसाँचा:flag/core
राज्यराजस्थान
ज़िलासवाई माधोपुर ज़िला
तहसीलचौथ का बरवाड़ा
जनसंख्या (2011)
 • कुल७,७९८
 • घनत्वसाँचा:infobox settlement/densdisp
भाषा
 • प्रचलितराजस्थानी, हिन्दी
समय मण्डलभामस (यूटीसी+5:30)

साँचा:template other

शिवाड़ भारत के राजस्थान राज्य के सवाई माधोपुर जिले में स्थित एक गाँव है।[१][२] यहाँ का घुश्मेश्वर महादेव मंदिर बहुत प्रसिद्ध है और भगवान शिव के बारहवें ज्योतिर्लिंग के रूप में माना जाता है।

घुश्मेश्वर महादेव मंदिर

कहते हैं कि घुश्मा नामक एक ब्राह्मणी की शिवभक्ति से प्रसन्न होकर भगवान शिव ने उसके नाम से ही यहां अवस्थित होने का वरदान दिया था। शिव मंदिर कितना पुराना है इसका ब्योरा यों तो उपलब्ध नहीं लेकिन ऐतिहासिक तथ्यों के मुताबिक यहां महमूद गजनवी ने भी आक्रमण किया था। गजनवी से आक्रमण करते हुए युद्ध में मारे गए स्थानीय शासक चन्द्रसेन गौड व उसके पुत्र इन्द्रसेन गौड के यहां स्मारक मौजूद है। इसके बाद अलाउद्दीन खिलजी के आक्रमण का भी उल्लेख है। वहीं अलाउद्दीन खिलजी द्वारा मंदिर के पास ही बनाई गई मस्जिद इस स्थान की प्राचीनता की पुष्टि करती है। मंदिर के ठीक सामने शिवालय सरोवर का भी अलग ही महत्व है। कहते हैं कि घुश्मा प्रतिदिन 108 पार्थिव शिवलिंगों का पूजन कर इस तालाब में विसर्जित करती थी। इसका प्रमाण सालों पहले इस तालाब की खुदाई के दौरान मिले हजारों शिवलिंगों से भी मिलता है।

वर्तमान मंदिर परिसर का भव्य रूप दानदाताओं की बदौलत ही है। मंदिर में पहली बार मार्च 1988 में ट्रस्ट का पंजीयन देवस्थान विभाग से कराया गया। इसके बाद से ही धीरे-धीरे यहां जनसहयोग मिलता गया और निर्माण कार्य होता रहा। बड़े पैमाने पर निर्माण से कहीं-कहीं मंदिर का मूल स्वरूप भी बिगड़ा है लेकिन मंदिर का गर्भगृह जस का तस है। शिवाड़ के इस मंदिर को स्थानीयता की परिधि से बाहर कर देश भर में प्रचारित करने का सबसे पहले प्रयास शिवाड़ निवासी और सेवानिवृत्त तहसीलदार बजरंग सिंह राजावत ने किया। उन्होंने तत्कालीन राजपरिवार के पोथीखाने से लेकर शिवाड़ के बुजुर्गों के पास उपलब्ध ताम्रपत्र व अन्य दस्तावेज जुटाए। विभिन्न स्तर पर पत्रव्यवहार कर यहां बारहवां ज्योतिर्लिंग होने के प्रमाणिक तथ्य हासिल किए। मंदिर से सटा हुआ भव्य गार्डन भी दर्शनार्थियों के आकर्षण का केन्द्र रहता है।

इन्हें भी देखें

सन्दर्भ

  1. "Lonely Planet Rajasthan, Delhi & Agra," Michael Benanav, Abigail Blasi, Lindsay Brown, Lonely Planet, 2017, ISBN 9781787012332
  2. "Berlitz Pocket Guide Rajasthan," Insight Guides, Apa Publications (UK) Limited, 2019, ISBN 9781785731990