बृजभूषण शरण सिंह

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बृजभूषण शरण सिंह

चुनाव-क्षेत्र केसरगंज

जन्म साँचा:br separated entries
राजनीतिक दल भारतीय जनता पार्टी
जीवन संगी केतकी देवी सिंह
बच्चे 2 पुत्र : प्रतीक, करन और 1 पुत्री शालिनी
निवास गोंडा
धर्म हिन्दू
जालस्थल http://brijbhushansingh.in/
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बृजभूषण शरण सिंह भारतीय जनता पार्टी से सोलहवीं लोक सभा के लिए कैसरगंज लोक सभा निर्वाचन क्षेत्र से वर्तमान में संसद सदस्य हैं। वे अबतक छः बार लोकसभा सदस्य निर्वाचित हो चुके हैं। वर्तमान में वे भारतीय कुश्ती संघ के अध्यक्ष भी हैं। [१]

जीवन परिचय

प्रारंभिक शिक्षा

स्वतंत्रता सेनानी चन्द्रभान शरण सिंह के चचेरे पौत्र बृजभूषण शरण सिंह राजनीति अपने खून में लेकर पैदा हुए। उनके बाबा विधायक थे। ६ भाई का भरा पूरा परिवार गाँव बिसनोहरपुर (गोंडा) उत्तर प्रदेश में रहता था। बृजभूषण शरण सिंह की प्रारंभिक शिक्षा [null कुन्दौली,देवरिया] में मामा के घर पर रहकर हुई। बचपन से ही बृजभूषण जी को अपनी तंदरुस्ती से लगाव था। वो रोज सुबह उठकर घुड़सवारी, दौड़ लगाना, योग, व्यायाम करना एवं कुश्ती खेल करते थे। यही शौक धीरे धीरे बढ़ता गया और कुश्ती में इनकी रूचि बढ़ती गई।

बृजभूषण शरण जी जब केवल १६ वर्ष के थे तो पारिवारिक दुश्मनी के चलते 1974 में पटीदारो द्वारा उनका घर गिरा दिया गया। इस घटना से युवा अवस्था के बृजभूषण शरण सिंह पर बहुत गहरा प्रभाव पड़ा और समाज सेवा की भावना मन में उत्पन्न हो गयी। इसी दौरान गर्मी की छुट्टियों में वो अपने गांव आये हुए थे तो कॉलेज में दाखिला लेने के उद्देश्य से साकेत महाविद्यालय घूमने गए। वह एक घटना घटी जिससे उनके समाज सेवी जीवन की शुरुआत हो गई। वहाँ कुछ लड़के लड़कियों के साथ अभद्र व्यवहार कर रहे थे। यह देख कर नवयुवक आ खड़े हुए और दो दो हाथ तक करने की नोबत आ गई। सभी शरारती लड़को को मुह तोड़ जवाब देते हुए लड़कियो की आस्मिता को बचाया। फिर क्या था, छात्रों में प्रिय नौजवान बृजभूषण शरण सिंह देखते ही देखते छात्र नेता बन गए। युवाओं का एक बड़ा जन सैलाब उनके साथ हो चला। और १९७९ में भरी रिकॉर्ड के साथ छात्र संघ चुनाव में जीत हासिल की।

सम्पूर्ण पूर्वांचल के ८-१० जिलो में युवा पहलवान के नाम का एक शोर सा मच गया। कुश्ती हो या दंगल, दौड़ हो या घुड़सवारी, गांव गांव में बृजभूषण शरण के नाम का शोर हो गया। उसी बीच १९८० में केतकी देवी से विवाह माता पिता ने तय कर दिया राजनैतिक जीवन।

राजा गोंडा ने इनको राजनीति में सक्रिय रूप से आने की सलाह दी। ओजस्वी विचारो से ओत-प्रोत बृजभूषण शरण सिंह ने १९८७ में गन्ना समिति के अध्यक्ष का प्रथम चुनाव लड़ा।

१९८८ में दूसरा चुनाव ब्लॉक प्रमुख का चुनाव लड़ा जिसमे उनको ३३ में से २७ रिकॉर्ड तोड़ वोट से जीत हासिल हुई।

१९९१ में विधान परिषद् सदस्य के चुनाव लड़ने की मन में ठानी। उसी समय गोंडा के राजा(____) ने इनको एक सलाह दी की आप भातीय जनता पार्टी से चुनाव लड़ो। हो सकता है कि आप चुनाव हार जाये लेकिन आपके अंदर जो हिंदुत्व सेवा भाव है उसको बल मिलेगा। बड़े जोर शोर से विधान परिषद् चुनाव लड़ा और मात्रा १४ वोट से ये चुनाव हार गए लेकिन’ वो हार कोई साधारण हार नहीं थी वही प्रिय जननेता का जन्म हुआ

उसी दौरान रामजन्म भूमि आंदोलन जोर पकड़ रहा था। बृजभूषण जी ने आडवानी जी के साथ आंदोलन को संभाला और फिर क्या था इनके नाम का डंका बज गया।

भारतीय जनता पार्टी ने १९९१ में दसवीं लोकसभा से राज आनंद सिंह के खिलाफ बृजभूषण शरण सिंह को चुनाव लड़ने के लिए जोर दिया। १३००० वोट से एक ओजस्वी पहलवान ने हराया। १९९३ में पुनः रामजन्मभूमि आंदोलन ने जोर पकड़ा और नेता जी के नाम से प्रख्यात बृजभूषण जी ने रामलला के मंदिर की खातिर अपनी राजनैतिक , सामाजिक , पारिवारिक जीवन से कुछ वक्त के लिए विराम लिया जेल को रामलला का प्रशाद समझकर स्वीकार किया और खुद को क्राइम ब्रांच के हवाले’ कर दिया

इसी बीच अनेक राजनैतिक षडयंत्रो के चलते इनको अनेक मुकदमो में फसाया गया। चीनी घोटाले में इनका नाम झूठा शामिल किया गया। सभी दोषियों को सजा हुई और बृजभूषण शरण को बाइज़्ज़त बरी किया गया।

१९९६ में बृजभूषण शरण जी की पत्नी श्रीमती केतकी देवी ने राजनीति में आने का फैसला किया और पुनः श्री आनंद सिंह को भारी मतों से हराकर केतकी देवी विजयी हई

१९९९ में बृजभूषण शरण सिंह ने तथाकथित बाहुबली रिज़वान खान को ७७००० वोट से हराकर जीत हासिल की।

पुनः २००४ में चौदहवी लोक सभा में बृजभूषण शरण सिंह ने जीत हासिल की। इसी बीच बसपा सुप्रीमो मायावती जी गोंडा का नाम बदलकर (___) रखना छाती थी। लेकिन बृजभूषण शरण सिंह ने भारी जन सैलाभ के बीच उनका पुर जोर विरोध किया और वही से यह आंदोलन बढ़ता चला गया।आखिर इनकी मेहनत रंग लाई। और गोंडा का नाम नहीं बदला गया.

२००९ में समाजवादी पार्टी से ६३००० वोट से दुबारा अपनी लोकप्रियता के चलते बृजभूषण ने विजय हासिल की।

पुनः २०१४ में भारतीय जनता पार्टी के आग्रह पर केसरगंज पुर से ७३००० वोट से विनोद कुमार सिंह को शिखस्त देकर भारी बहुमत से विजय हासिल की.

कुश्ती के क्षेत्र में योगदान

निरोगी काया विचारधारा वाले बृजभूषण शरण सिंह को बचपन से ही तैराकी, घुड़सवारी, कुश्ती का शौक रहा १० वर्ष की अवस्था से अपने घर में अखाडा बनवाकर कुश्ती का अभ्यास शुरू किआ। जैसे जैसे वो बड़े होते गए इन्होंने आस पास के युवाओ को भी कुश्ती से जोड़ना शुरू किया। यहाँ तक की अपनी पुश्तैनी दुश्मनी को भी कुश्ती से ख़त्म कर दिया। जो लोग इनके परिवार को अपना दुश्मन मानते थे वो इनके अखाड़े में दो दो हाथ करने आने लगे। पुरे अवध, पूर्वांचल में पहलवान बृजभूषण के नाम का डंक बज गया। इन्होंने नैरा दिया अगर समाज को स्वस्थ बनाना है तो पहले स्वयं को स्वस्थ बनाओ -"कुश्ती अपनाओ"। "स्वस्थ गोंडा" की मुहीम को बच्चे बच्चे के अंदर पैदा किया। सन् ___ उत्तर प्रदेश कुश्ती संघ के अध्यक्ष बने। उसके बाद राष्ट्रीय स्तर पर कुश्ती को बल दिया। २००८ में अंतरराष्ट्रीय कुश्ती संघ के अध्यख बने। ओलंपिक में ३ मैडल कुश्ती के क्षेत्र से आये। खिलाड़ियो की सभी छोटी बड़ी समस्याओं को सुलझाने में लगे रहने वाले नेताजी कुश्ती में लोकप्रिय हो गए।

"नरसिंह यादव प्रकरण पर" सामने आने के बाद खिलाड़ियो में एक ख़ुशी की लहर दौड़ उठी।

८००० से भी जड़ पहलवान अब तक कुश्ती के क्षेत्र में बृजभूषण शरण सिंह के नेतृत्व में बढ़ चुके हैं। युवाओं को

खेल की ओर अग्रसर करने के साथ-साथ उनको खेलो से सम्बंधित सामग्री निशुल्क बाँटते हैं।

(स्वस्थ गोंडा) के सपना वो युवाओं को खेल की ओर भेजकर साकार कर रहे हैं। कुश्ती के अनेक अखाड़े अपने क्षेत्र में बनाने के साथ-साथ वॉली-बॉल, बैडमिंटन, निशाने बाजी की अकादमी तयार की हैं। नित्य प्रतिदिन खुद युवाओं के साथ बैडमिंटन खेलते हैं। उनके साथ करीब से जुड़ रहे हैं, उनको प्रेरित करते हैं साथ-साथ जिम भी करते हैं। ६० वर्ष की आयु में ३० साल के लड़को जैसा सुडौल व्यक्तित्व तैयार किया। खुद को नवीन पीड़ी के साथ कदम से कदम मिलाके चलना कोई इनसे सीखे. सुशील कुमार, योगेश्वर दत्त एवं साक्षी मलिक ने देश के लिए मैडल लाकर कुश्ती को अंतरराष्ट्रीय स्तर पर स्थापित कर दिया।

पहलवानी का शौक तो बचपन से उन्को रहा लेकिन सांसद बृजभूषण शरण सिंह कुश्ती के साथ साथ अन्य शौक भी रखते हैं l स्वस्थ रहना भी उनका एक शौक ही है , जिसकी आदत उन्हें बचपन से है l वो बचपन से बालीबाल , घुड़सवारी , तैराकी, योगा एवं नित्य प्रतिदिन खुद युवाओं के साथ बैडमिंटन खेलते हैं l उनके साथ करीब से जुड़े रहते हैं , उनको प्रेरित करते हैं साथ ही साथ जिम भी करते हैं l आज भी 60 की उम्र में 30 वर्ष के लगते है

साहित्य प्रेम

ओजस्वी वाणी एवं चुम्बकीय व्यक्तित्व वाले बृजभूषण शरण सिंह को लेखन, गायन एवं साहित्य से विशेष लगाव है। अपने भाषणों में अक्सर गीत, कविताएं सुनाते हैं। बहुत प्रचलित हैं इनके भाषण ओर जनता के विशेष आग्रह पर अक्सर अपने विचारो के माध्यम से जन-जन तक पहुचाते हैं।

पर्यावरण प्रेम

सांसद श्री बृजभूषण शरण सिंह ने कुछ वक़्त पहले नारा दिया हरा भरा गोंडा। और इन वाक्यों को काफी हद तक पूरा करके दिखाया। गोंडा के अलावा आस पास के सभी जिलो में अब तक ५ लाख से अधिक पेड़ नेता जी स्वयं लगा चुके है। चूकि बचपन से प्रकृति से इनको विशेष लगाव रहा है। ५० लाख पेड़ अब तक ये अपनी प्रेरणा से लोगो से, कार्यकर्ताओ से लगवा चुके है। इनका पेड़ लगवाने का बड़ा ही अनूठा अन्दाज़ है। कार्यकर्ता को कहते है कि कल आपके घर चाय पर आएँगे और अपने परिवार के साथ पेड़ लगाने को आप तैयार रहना।

घर घर जाकर वृक्षारोपण की इस मुहीम को दिन प्रतिदिन आगे बड़ा रहे है। सांसद जी ५०००० पेड़ प्रतिवर्ष बाँटते है। सच मुच अध्भुत है इनका ये अंदाज़। पूर्वांचल की जिस बंजर ज़मीन पर कीकड़ हुआ करती थी। आज वह लाखो की तादात में प्रकृति प्रेमी सांसद बृजभूषण शरण सिंह की प्रेरणा स्वरुप हरियाली नज़र आ रही है। तकरीबन ५१ संस्थाओ को अपने साथ और जोड़कर इस कार्य को दिन प्रतिदिन आगे बड़ा रहे है।

वो कहते है कि वृक्ष न केवल धरती को उपजाऊ बनाते हैं बल्कि हमारे जीवन में भी चैतन्यता उत्पन्न करते हैं। यदि हम अपनी सभ्यता और संस्कृति की रक्षा करना चाहते हैं तो हमें न केवल अधिक से अधिक वृक्ष लगाने चाहिए बल्कि उनका पालन-पोषण और रक्षण भी करना चाहिए।

हवा, पानी और मिटटी का प्रदूषण वृक्षों की बढ़ोतरी से ही दूर हो सकता है।

राजनैतिक पद

  • 1991 दसवीं लोकसभा के लिए निर्वाचित
  • सदस्‍य, विज्ञान तथा प्रौद्योगिकी संबंधी स्‍थायी समिति
  • सदस्‍य, परामर्शदात्री समिति, रेल मंत्रालय
  • 1999 : 13वीं लाेक सभा के लिए पुन: निर्वाचित (दूसरी बार)
  • 1999-2000 : सदस्‍य रेल संबंधी स्‍थायी समिति
  • सदस्य, श्रम संबंधी स्थायी समिति
  • सदस्य, लोक लेखा समिति
  • 2000-2004 : सदस्‍य, परामर्शदात्री समिति, रेल मंत्रालय
  • 2004 : चौहदवीं लोक सभा के लिए पुन: निर्वाचित (तीसरी बार)
  • सदस्‍य, लोक लेखा समिति
  • सदस्य, गृह मंत्रालय संबंधी स्थायी समिति
  • सदस्य, परामर्शदात्री समिति , रक्षा मंत्रालय
  • 5 अगस्‍त. 2006 : सदस्य, गृह मंत्रालय संबंधी स्थायी समिति
  • 5 अगस्‍त 2007 : सदस्य, गृह मंत्रालय संबंधी स्थायी समिति
  • 1 मई 2008 : सदस्य, प्राक्कलन समिति
  • 2009 : पन्‍द्रहवीं लोकसभा के लिए पुन: निर्वाचित (चौथी बार)
  • 6 अगस्‍त 2009 : सदस्य, प्राक्कलन समिति
  • 31 अगस्‍त. 2009 : सदस्य, मानव संसाधन विकास संबंधी स्थायी समिति
  • 1 मई 2010 : सदस्य, प्राक्कलन समिति
  • 9 जून. 2013 : सदस्‍य, आवास समिति
  • 15 मार्च 2014 : पन्‍द्रहवीं लाेक सभा से त्‍यागपत्र दिया
  • मई 2014 : सोलहवीं लोकसभा के लिए पुन:निर्वाचित (पांचवी बार)
  • 1 सितम्‍बर. 2014 से : सदस्‍य, सभा की बैठकों से सदस्यों की अनुपस्‍थिति संबंधी समिति
  • सदस्‍य, खाद्य, उपभोक्‍ता मामले और सार्वजनिक वितरण सम्‍बन्‍धी स्‍थायी समिति
  • सदस्‍य, परामर्शदात्री समिति युवा मामलों और खेल मंत्रालय

सामाजिक कार्य व शिक्षा में योगदान

लोकसभा सांसद श्री बृजभूषण शरण सिंह सिर्फ खेल-कूद में ही रुचि नहीं रखते बल्कि शिक्षा के माध्यम से विकास का जज़्बा भी रखते है। उनका मानना है कि "अशिक्षित" समाज देश पर सबसे बड़ा कलंक है।अशिक्षा देश के विकास एवं स्वयं के विकास में सबसे बड़ी बाधा है।शिक्षा किसी एक वर्ग या पीड़ी के लिए नहीं है बल्कि यह सबके लिए हैं। सामाजिक बदलाव में शिक्षा अहम भूमिका निभाती है। शिक्षा मनुष्य के जीवन का मार्ग प्रशस्त करती है। वो कहते है कि शिक्षा मनुष्यों को दुर्गणों को पहचानने में मदद करती है। शिक्षा वास्तविक अर्थों में जीवन जीना सिखाती है। आज के वैज्ञानिक युग में शिक्षा प्राप्त किये बिना उन्नति होना असंभव है। शिक्षा के महत्व को देखते हुए इसे अधिक व्यापक बनाने की आवश्यकता है जिसके चलते उन्होंने सिर्फ अपने संसदीय क्षेत्र में ही नहीं बल्कि अन्य जगहों पर भी विद्यालयों, संस्थानों का निर्माण किया और शिक्षा के जरिये देश के विकास की ओर कदम बढ़ाया। उच्च स्तर के संस्थानों का गठन किया जिसमे पुस्तकालय, प्रायोगिक कक्षाओं के लिए लैब, खेल कूद के लिए मैदान सभी सुविधाएं उपलब्ध हैं।विद्यालय में निर्धन छात्रों को प्रतिवर्ष छात्रवृत्ति भी उपलब्ध कराई जाती है। मेधावी छात्रों का प्रतिवर्ष सम्मान भी किया जाता है। बोर्ड की कक्षाओं में गणित और विज्ञान संकाय में सर्वोच्च अंक प्राप्त करने वाले विद्यार्थियों को गोल्ड मेडल देने की परंपरा भी हैं। लगभग 54 संस्थानों को स्थापित किया जिसमे हर संस्थान में करीब 500-600 छात्र शिक्षा ग्रहण कर रहे हैं। इक्कीसवीं सदी में भारत का. 50 से अधिक शिक्षण संस्थानों के साथ सक्रिय रूप से जुड़े रहे जहां 1.5 लाख से अधिक विद्यार्थयों की खोज के लिए प्रतिभावान एवं खोज योजना भी आरम्‍भ की और इन विद्यार्थियों को नकद पुरस्कार प्रदान किये जाते हैं। देश में खेल को बढ़ावा देने के लिए कुश्ती, क्रिकेट, बैडमिंटन आदि केलिए खेल अकादमी शुरू की। इन अकादमियों में भारी संख्या में खिलाड़ियों को प्रशिक्षण प्रदान किया जा रहा है और इनमें से कुछ ने देश के लिए गौरव प्रप्‍त किया; 5 लाख से अधिक वृक्षारोपण में सक्रिय रूप से शामिल रहे। संस्थापक और प्रबंधक

इनसे जुड़े शिक्षा संस्थान

1. नन्‍दनी नगर महाविद्यालय, नवाबगंज, गोंडा

2. नन्‍दनी नगर विधि महाविद्यालय, नवाबगंज , गोंडा

3. नंदिनी नगर, फार्मेसी, नवाबगंज , गोंडा के महाविद्यालय कॉलेज

4. महिला शिक्षण प्रशिक्षण संस्थान, नवाबगंज, गोंडा

5. जगदम्‍बा शरण सिंह एजूमकेशन इंस्‍टीटृयूट, बेलसर, गोंडा

6. माता राज रानी महाविद्यालय, बेसलर, गोंडा ;

7. एकलव्य महाविद्यालय, जरवाल रोड, बहराइच

8. गुरु वशिष्ठ महाविद्यालय, मनकपुर, गोंडा

9. नन्‍दनी नगर महाविद्यालय ग्रुप आॅफ इंस्‍टीट्यूट फैक्‍ल्‍टी ऑफ, इंजीनियरिंग और प्रौद्योगिकी, नवाबगंज गौंडा

10. नन्‍दनी नगर महाविद्यालय ग्रुप आॅफ इंस्‍टीट्यूट फैक्‍ल्‍टी ऑफ मैनेजमैन्‍ट, नवाबगंज, गोंडा

11. शक्ति स्मारक संस्थान, दुलहनपुर, बलरामपुर;

12. शक्ति स्मारक विधि संस्थान, दुलहनपुर, बलरामपुर

13. शक्ति कॉलेज ऑफ फार्मेसी दुल्‍हनपुर, बलरामपुर

14. सरयू बालिका इंटर कालेज, कर्नल गंज, गौंडा,

15. सरयू बालिका इंटर कालेज, कर्नल गंज गौंडा

16. शिवालिक महाविद्यालय जिला मुख्‍यालय भिंगा, सरस्‍वती

17. लव विद्यार्थी सीबीएसई जिला मुख्‍यालय, भिंगा सरस्‍वती;

18. लखनलाख शरण सिंह महाविद्यालय रघुनाथपुर, गाैंडा.

19. महाराजा बलभद्र सिंह रायकुअर महाविद्यालय, प्रयागपुर, बहराइच

20. महाकवि तुलसीदास महाविद्यालय, पारसपुर, गौंडा

21. रघुकुल विद्यापीठ, सिविल लाइंस सिविल लाइनस

22. रघुकुल विद्यापीठ, सिविल लाइंस, रघुकुल महिला विद्यापीठ सिविल लाइंस गौंडा

23. लेट जयदेव सिंह इंटर कालेज विशनपुर, बेरिया, गौंडा

24. जगमोहन सिंह आदर्श कन्या माध्यसमिक विद्यालय कर्दा वजीरगंज, गौंडा

25. विपिन बिहारी शशि भूषण इंटर कालेज व सलीपुर, गौंडा

26. लेट चन्दन सिंह मैमोरिएल गर्ल्स इण्टर कालेज, चांदपुर वजीरगंज, गौंडा

27. लेट अवधारन इंटर कालेज, दुबाध बाजार, गौंडा

28. जगदम्बा शरण सिंह इंडस्ट्री यल ट्रेनिंग सेंटर, रागरगंज, गौंडा.

29. प्रबन्धमक डीएबी इन्टंर कालेज नवाबगंज, गौंडा; संस्था्पक

30. शिवसावित्री महाविद्यालय सराय, मुगल, रूदावली फैजाबाद,

31. सावित्री महाविद्यालय डिग्री कालेज तकपुरा दशर्न नगर फैजाबाद;

32. श्याम नारायण उर्मिला र्गल्स टीचर ट्रेनिंग कालेज, सराय मुगल, रुदावली फैजाबाद.

33. दीपनारायण सिंह महाविद्यालय तुलसीपुर, बलरामपुर (उत्तर प्रदेश)

33. Shyam Narayan Urmila Girls Teacher Training College, Sarai Mughal, Rudauli, Faizabad 34. Deepnarayan Singh Mahavidyalaya Tulsipur, Balrampur (U.P) 35. Nandani College, Nawabganj, Gonda 36. Kushti Prasikshan Kendra, Nawabganj, Gonda 37. Aryavart Mahavidyalaya, Arya Nagar, Gonda 38. Sashi Bhushan Sharan Singh Mahavidyalaya, Ujanikala Gonda 39. Shitalganj Pratap Mahavidyalaya, Maskanwa , Gonda 40. Raghuraj Sharan Singh Mahavidyalaya, Balpur , gonad 41. Gonard Educational Institute, Veerpur , Katra, Gonda 42. Maharaja Devibaksh Singh Smarak Sansthaan, Dumariyadeeh, Gonda 43. Balark Rishi Mahavidyalaya, Fakharpur, Bahraich 44. Maharaja Suheldev Mahavidyalaya, Huzoorpur, Bahraich 45. SitaSharan Singh Mahavidyalaya, Jatapur, Tulsipur, Balrampur 46. SitaSharan Singh Vidhi Mahavidyalaya, Tulsipur, Balrampur 47. Savatri Educational Institute, Barsandi, Faizabad 48. Avadh Ram Inter College , Dubha Bazar, Gonda 49. Mata Parvati Inter College, Chandapur Gonda 50. Ram Narayan Singh Kalavati Inter College, Laxman pur, Chandapur, Gonda 51. Gonard Seva Aashram, Nawabganj Gonda 52. Maa Saryu Inter College, Raigarh, Behra, Kaisherganj, Bahraich 53. Nirmala Memorial Inter College, Nawabganj, Gonda 54. Janki Devi Inter College, Esmailpur , Katra-Shivdayal Ganj, Gonda

बाहरी कड़ियाँ

सन्दर्भ