खुद्दार (1982 फ़िल्म)
खुद्दार | |
---|---|
चित्र:खुद्दार1.jpg खुद्दार का पोस्टर | |
निर्देशक | रवि टंडन |
निर्माता | अनवर अली |
लेखक | कादर ख़ान |
अभिनेता |
संजीव कुमार, अमिताभ बच्चन, विनोद मेहरा, तनुजा, परवीन बॉबी, बिन्दिया गोस्वामी, प्रेम चोपड़ा |
संगीतकार | राजेश रोशन |
प्रदर्शन साँचा:nowrap | 30 जुलाई, 1982 |
देश | भारत |
भाषा | हिन्दी |
खुद्दार 1982 में बनी हिन्दी भाषा की फ़िल्म है। इसका निर्देशन रवि टंडन ने किया और मुख्य भूमिकाओं में अमिताभ बच्चन, परवीन बॉबी, विनोद मेहरा, संजीव कुमार, प्रेम चोपड़ा, महमूद, बिन्दिया गोस्वामी और तनुजा हैं। यह फिल्म "हिट" रही थी।
संक्षेप
गोविंद (अमिताभ बच्चन) और राजेश (विनोद मेहरा) दो भाई हैं, वे अपने बड़े सौतेले भाई, हरी (संजीव कुमार) के साथ काफी खुश रहते हैं। हरी अपनी कानून की पढ़ाई पूरी करने दो महीने के लिए घर से बाहर चले जाता है। उसकी नई नई शादी हुई होती है और उसकी पत्नी सीमा (तनुजा) को अपने पति के अपने सौतेले भाइयों की इतनी चिंता करने से बहुत जलन होती है। वो अपने पति के जाने के बाद उन दोनों को घर छोड़ कर मुंबई जाने के लिए मजबूर कर देती है।
कुछ दिनों तक सड़कों में भटकने के बाद उन दो भाइयों को रहने की जगह मिल जाती है। वे दोनों रहीम (ए॰ के॰ हंगल) के घर रुकते हैं, जिसका एक बेटा, अनवर और एक बेटी, फरीदा हैं। गोविंद अपने भाई की पढ़ाई का जिम्मा अपने सर ले लेता है और टैक्सी ड्राइवर बन जाता है। वहीं राजेश में लालच और छिछोरापन बहुत ज्यादा बढ़ जाये रहता है। वो एक अमीर खानदान की लड़की, मंजु से शादी कर लेता है और उसके ही घर रहने लगता है।
वर्मा का भाई, बंसी (प्रेम चोपड़ा) राजेश को ड्रग तस्करी के काम से वर्मा ट्रांसपोर्ट कंपनी के गाड़ी से भेज देता है। उसके साथ अनवर भी इसी काम में लगे रहता है। एक दिन पुलिस को इसकी भनक लग जाती है और मुठभेड़ में अनवर को बुरी तरह से चोट लग जाती है। बंसी के गुंडे, अनवर का अपहरण करने की कोशिश करते हैं, इस दौरान रहीम को गोली लग जाती है।
इस घटना के बाद राजेश को एहसास होता है कि किस तरह बंसी उसका इस्तेमाल कर रहा था। लेकिन बंसी तब तक सेठ वर्मा की हत्या कर देता है और उस हत्या के आरोप में राजेश को फँसाने की कोशिश करता है। लेकिन पुलिस को उस जगह पर गोविंद मिलता है और उसी पर हत्या का आरोप लग जाता है। उसे अदालत में लाया जाता है, जहाँ हरी जज रहता है। जब हरी के सामने गोविंद की सच्चाई आती है, वो जज न बन कर उसके तरफ से वकील बन जाता है। वो सारी सच्चाई सामने ले आता है कि बंसी ही असल हत्यारा है। बंसी अदालत से भागने लगता है, गोविंद उसे अपने टैक्सी के सहारे पकड़ लेता है। वे तीनों भाई वापस एक हो जाते हैं।
मुख्य कलाकार
- संजीव कुमार — हरि श्रीवास्तव
- अमिताभ बच्चन — गोविंद श्रीवास्तव
- विनोद मेहरा — राजेश श्रीवास्तव
- तनुजा — सीमा श्रीवास्तव
- परवीन बॉबी — मैरी
- बिन्दिया गोस्वामी — मंजू वर्मा
- प्रेम चोपड़ा — बंसी
- महमूद — जग्गन
- ए के हंगल — रहीम चाचा
- रमेश देव — रामनाथन
- पिंचू कपूर — श्री वर्मा
- मधु मालिनी — फरीदा
- कल्पना अय्यर — जूली
- शम्मी — सीमा की माता
- सत्येन कप्पू — बरमन
संगीत
सभी गीत मजरुह सुल्तानपुरी द्वारा लिखित; सारा संगीत राजेश रोशन द्वारा रचित।
क्र॰ | शीर्षक | गायक | अवधि |
---|---|---|---|
1. | "अंग्रेज़ी में कहते हैं के आई लव यू" | किशोर कुमार, लता मंगेशकर | 6:20 |
2. | "मच गया शोर सारी नगरी रे" | किशोर कुमार, लता मंगेशकर | 6:14 |
3. | "मैं एक डिस्को तू एक डिस्को" | किशोर कुमार, लता मंगेशकर | 3:48 |
4. | "ऊँचे नीचे रास्ते और मंजिल तेरी दूर" | किशोर कुमार, लता मंगेशकर | 5:22 |
5. | "हट जा बाजू नहीं तो उड़ा दूँगा" | किशोर कुमार, सईद-उल-हसन | 5:25 |
6. | "माँ का प्यार, बहन का प्यार" | किशोर कुमार | 7:18 |
7. | "ऊँचे नीचे रास्ते और मंजिल तेरी दूर" (II) | अमित कुमार | 2:20 |
नामांकन और पुरस्कार
प्राप्तकर्ता और नामांकित व्यक्ति | पुरस्कार वितरण समारोह | श्रेणी | परिणाम |
---|---|---|---|
महमूद | फिल्मफेयर पुरस्कार | फ़िल्मफ़ेयर सर्वश्रेष्ठ हास्य अभिनेता पुरस्कार | साँचा:nom |