लुप्तप्राय भाषा

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लुप्तप्राय भाषा वह भाषा होती है जो  वर्तमान  में  अनुपयोग हो रही है और लुप्त होने के कगार पर है। ऐसी भाषा के विलुप्त होने के कुछ मुख्य कारण होते हैं जिनमें इस भाषा के लोगों की संख्या धीरे धीरे काम हो रही हो, या इसके बोलने वाले लोग अपनी भाषा को छोड़ दूसरी भाषा को ग्रहण कर रहे हों। भाषा का विलुप्त पूरी तरह तब होती है जब उसका कोई भी बोलने वाला नहीं बचता और इस तरह वह पूर्ण रूप से  विलुप्त और समाप्त हो जाती है। मानव इतिहास में कईं भाषाएँ विलुप्त हुई हैं परन्तु वर्तमान में भाषाओं का  विलोपन बहुत शीघ्रता से हो रहा है। इसके प्रमुख  कारण  हैं: वैश्वीकरण और नव-उपनिवेशवाद। अधिकतर यूँ होता है की जब  भौतिक रूप से  प्रभावशाली और शक्तिशाली भाषाएँ दूसरी भाषाओँ पर अपना वर्चस्व साधती हैं , तब भौतिक रूप से निर्बल भाषाएँ विलुप्त हो जाती हैं।

अतिरिक्त अध्यन

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