वाजिद खान
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वाजिद खान | |
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![]() वाजिद खान | |
जन्म |
वाजिद अली खान 10 March 1981 मंदसौर,मध्य प्रदेश, भारत |
राष्ट्रीयता |
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प्रसिद्धि कारण | आयरन नेल आर्ट, चित्रकला |
वेबसाइट wajidkhanartist |
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वाजिद खान (जन्म: १० मार्च १९८१, मंदसौर,मध्य प्रदेश, भारत) एक अंतर्राष्ट्रीय ख्याति प्राप्त आयरन नेल आर्टिस्ट (कलाकार), चित्रकार, पेटेंट धारक, व अविष्कारक हैं।[१][२][३][४][५][६]
प्रारंभिक जीवन और परिचय
वाजिद का जन्म १० मार्च १९८१ को मध्य प्रदेश के जिले मंदसौर के बेहद छोटे से गाँव सोनगिरी में हुआ। सुदूर अंचल में बसे इस गांव के लोग खेती औऱ मजदूरी से गुजर बसर करते हैं। कला के क्षेत्र में नाम कमाने से पहले वाजिद इसी गांव में रहा करते थे। पांच भाईयों और दो बहनों के साथ शुरुआती जीवन आम बच्चों की तरह ही बीता। लेकिन मन चंचल औऱ सोच कलात्मक थी। साधारण वस्तुओं से वो असाधारण प्रस्तुति देने की कोशिश करते औऱ इसी वजह से घर के बड़ों की डांट खाते। थोड़े और बड़े हुए तो कुछ अलग करने की चाह ने कला के क्षेत्र में कदम रखवाया। पढ़ाई में कमजोर थे औऱ पहाड़े भी नहीं सुना पाते थे। पांचवी कक्षा के बाद ही घरवाले कला के शौक से परेशान हो गए। खेती करने वाले पिता तो बेहद नाराज हो रहते थे जबकि वाजिद उस वक्त दुनिया की सबसे छोटी प्रेस बनाने में लगे थे। स्टील औऱ लोहे से उन्होंने सबसे छोटी आयरन प्रेस बनाकर सभी को आश्चर्यचकित कर दिया।[७]
अविष्कार
१४ वर्ष की आयु तक आते-आते पानी में चलने वाला सबसे छोटा जहाज बना दिया। जमीन, पानी के बाद आसमान नापने की बारी थी और कलाकृति में बनाया हैलीकॉप्टर। जब इन कलाकृतियों पर तारीफें मिली तो वाजिद की सपनों को भी पंख लगने लगे और युवावस्था तक आते-आते पानी चोरी रोकने की मशीन सहित २०० अविष्कार कर दिए। इन अविष्कारों को जिसने देखा वो हैरान था। लेकिन मार्गदर्शन न मिल पाने से इन अविष्कारों को वो स्थान नहीं मिला जिसके वे हकदार थे। वर्ष २००३ में इन्होने एक प्रकाश संवेदक और गियर लॉक का आविष्कार किया। वाजिद खान को १४० अविष्कारों के लिए श्रेय प्राप्त है।
कलाकृतियाँ
![](https://upload.wikimedia.org/wikipedia/commons/thumb/5/5d/Portrait_made_by_automobile_parts.jpg/190px-Portrait_made_by_automobile_parts.jpg)
मां-बेटे का प्यार दिखाती नेल आर्ट की कलाकृति में उमड़ी भावनाओं ने दर्शकों को भावुक किया। कीलों से बने इन चेहरों की कशिश दिनोंदिन बढ़ती गई। इसकी मशहूरियत ने रफ्तार पकड़ ली औऱ प्रदर्शनी का दौर शुरू हुआ। हालांकि जब किसी कलाकार की कला मुकम्मल कहलाने लगती है तो कलाकार को नया प्रयोग करने का खतरा उठाना ही पड़ता है। वाजिद यह खतरा बहुत जल्द उठाने को तैयार हो गए औऱ युवावस्था में ही उन्होंने नेल आर्टिस्ट के जमे हुए ओहदे से खुद को बाहर निकालकर २०१२ में आटोमोबाइल आर्ट लांच कर दिया। बी.एम.डब्ल्यू., मर्सिडीज़ और बुलेट के पार्ट्स से यह आटोमोबाइल आर्ट तैयार किया गया था। इन्हें मिलाकर दीवार पर एक घोड़ा बनाया गया जो दूर से देखने पर जॉकी के साथ दौड़ता हुआ नजर आता है। इसके थ्री डी इफेक्ट्स आज भी इंदौर शहर के एक मशहूर बंगले की दीवार पर कायम है।[८] इन सभी के बीच मुंबई से लेकर दुबई और लंदन में कला प्रदर्शित होते रहे। वाजिद खान ने अपनी कला को सिर्फ लोगों को खुशी देने या अपने जज्बात जाहिर करने का जरिया नहीं बनाया बल्कि समाज को जागरुक करने में भी अहम भूमिका निभाई। २०१४ में बेटी बचाओ आंदोलन में शामिल हुए औऱ चिकित्सा क्षेत्र में इस्तेमाल किए जाने वाले उपकरणों से रोती हुई एक मासूम बच्ची की कलाकृति बनाई। यह बताती है कि जो कैंची लोगों के जख्मों को सीलने के काम आती है, जो स्टेथेस्कोप दिल की धड़कने नापता है अकसर वही किसी मासूम को दुनिया में आने से पहले मौत के मुंह में पहुंचा देती है। मेडिकल उपकरणों के इस्तेमाल से इसी हकीकत को वाजिद ने निडरता से दिखाया और भ्रूण हत्या रोकने का संदेश दिया। इसी साल में श्रीलंका के आर्किटेक्ट बाबा का गिट्टी से फोटो बनाकर अमेजिंग आर्ट में अपना हुनर दिखाया। अब २०१५ में बंदूक की गोली से महात्मा गांधी का फोटो पेश किया है। कुछ ही वर्षों में वाजिद की ऊंगलियों का जादू दुनियाभर में तब देखने को मिलेगा जब २०२२ में कतर में होने वाले फीफा विश्व कप के लिए उनके अंदाज का स्कल्पचर देखने को मिलेगा। वाजिद को कतर में १० हजार स्क्वेयर फीट का स्कल्पचर का आर्डर मिला है जिसे वो कई नायाब चीजों से तैयार कर रहे हैं। यह दुनिया का अब तक का सबसे बड़ा हस्तनिर्मित स्कल्पचर होगा। अब आर्टिस्ट वाजिद खान अपनी १४० तरह की कलाओं और अविष्कारों को पैटेंट करा रहे हैं। कलाकृतियों को बनाने के साथ ही इन्हें सामाजिक सरोकारों से जोड़ने के प्रति भी वे प्रतिबद्द है।[९][१०][११]
![](https://upload.wikimedia.org/wikipedia/commons/thumb/a/a4/Mahatma_Gandhi%27s_portrait_with_iron_nail_by_Wajid_Khan.jpg/190px-Mahatma_Gandhi%27s_portrait_with_iron_nail_by_Wajid_Khan.jpg)
वाजिद ने ‘नेल आर्ट’ से महात्मा गांधी का चित्र भी बनाया। इस चित्र की चर्चा होने पर मुंबई से ‘गोल्डन बुक ऑफ वर्ल्ड रिकार्ड्स’ के विशेषज्ञों का एक दल इंदौर पहुंचा तथा बारीकी से उसकी कला का अध्ययन करने के उपरांत उसे वर्ष २०१२ में ‘गोल्डन बुक ऑफ वर्ल्ड रिकॉर्ड’ बनाने वालों में शामिल किया। इसके अतिरिक्त वाजिद खान ने नेल आर्ट से मदर मैरी, ईसा मसीह, काबा शरीफ़, साई बाबा, रिलायंस इंडस्ट्रीज के संस्थापक उद्योगपति धीरूभाई अंबानी, बॉलीवुड अभिनेता सलमान खान, कांग्रेस उपाध्यक्ष राहुल गांधी, संयुक्त अरब अमीरात के वजीर-ए-आलम मोहम्मद बिन राशिद अल मकतूम और उनके पुत्र हामदान बिन मोहमे बिन राशिद अल मकतूम का चित्र बनाया हैं।
कला प्रदर्शनी
१७ फरवरी २०१५ को मुंबई मे सिग्नेचर्स स्पोर्ट्स एेण्ड एन्टरटेनमेन्ट द्वारा वाजिद खान की प्रदर्शनी का आयोजन किया गया, जिनमें बॉलीवुड की कई हस्तियो ने प्रदर्शनी में शिरकत किया, जिनमे दलीप ताहिल, अश्मित खान, चाहत खन्ना मिर्ज़ा और सीमा चौाहान प्रमुख थे।[१२][१३][१४][१५][१६][१७][१८][१९][२०][२१]
फीफा विश्व कप, २०२२ में
वर्ष २०२२ में कतर में होने वाले फीफा वर्ल्ड कप में पूरी दुनिया फुटबॉल मैच के साथ भारतीय कलाकार वाजिद खान का आर्ट भी देखेगी। नेल आर्टिस्ट वाजिद अली खान १० हजार स्क्वेयर फीट का एक स्कल्प्चर बना रहे हैं जो कतर में मुख्य स्टेडियम के बाहर लगाया जाएगा। २ हजार से ज्यादा प्लास्टिक पाइप्स से बनने वाले इस आर्ट वर्क को तैयार होने में ५ साल का समय लगेगा। स्कल्प्चर को बनाने के लिए दुबई की गल्फ लायन ट्रेडिंग कंपनी ने वाजिद को कॉन्ट्रैक्ट दिया है। तकरीबन १०० बाय १०० के सर्फेस पर बनने वाले इस वर्टिकल स्कल्प्चर में ब्लैक कलर के २ हजार प्लास्टिक पाइप्स का इस्तेमाल होगा। इसकी खासियत यह है कि फ्रंट से देखने पर दुबई किंग का फेस, बैक साइड से वर्ल्ड कप लोगो, लेफ्ट से फीफा प्रेसीडेंट का फेस और राइट साइड से कतर फुटबॉल के कैप्टन का फेस नज़र आएगा।[२२]
अन्य
आई.आई.एम. इंदौर में लेक्चर
८ मार्च, २०१५ को वाजिद ने इंडियन इंस्टिट्यूट ऑफ़ मैनेजमेंट, इंदौर में आयोजित समारोह में लेक्चर दिया। वाजिद आईआईएम के स्टूडेंट्स और देश की चुनिंदा कंपनियों के मैनेजर्स को इनोवेशन के सब्जेक्ट की जानकारी दी।[२३][२४][२५][२६]
ऑटोमोबाइल आर्ट फेस्टिवल
जयपुर, राजस्थान में १८ अप्रैल २०१५ से आयोजित होने वाले छः दिवसीय ऑटोमोबाइल आर्ट फेस्टिवल में वाजिद खान ने भी शिरकत किया। इस कला महोत्सव में देश के कई नामचीन कलाकार आमंत्रित थें। प्रतिष्ठित आई. टी. सी. राजपुताना होटल में होने वाले इस आर्ट फेस्टिवल में कलाकार वाजिद खान ने वर्कशॉप लिया।[२७][२८][२९][३०][३१]
सामाजिक कार्य
दैनिक भास्कर के एक रिपोर्ट के अनुसार, वाजिद खान कई सामाजिक कार्यो से भी संलग्न है। वो मुफ्त में विद्यार्थियों तथा उभरते हुए कलाकारों को कला सीखाने का भी काम करते हैं। [३२]
उपलब्धियां एवं सम्मान
- गिनीज बुक ऑफ वर्ल्ड रिकार्ड्स, गोल्डन बुक ऑफ वर्ल्ड रिकार्ड्स, लिम्का बुक ऑफ़ रिकार्ड्स, इंडिया बुक ऑफ वर्ल्ड रिकार्ड्स, एशिया बुक ऑफ वर्ल्ड रिकार्ड्स में नाम दर्ज।[३३]
- वाजिद खान भारत के पहले ऐसे कलाकार जिन्हे आयरन नेल आर्ट और मेडिकल इक्विपमेंट आर्ट हेतु पेटेंट प्राप्त हैं।
- जहाज के आर्ट के लिए राष्ट्रपति पुरस्कार के लिए नामांकित।
- भारत के भूतपूर्व राष्ट्रपति महामहिम डॉ ए.पी.जे. अब्दुल कलाम से प्रशंसा एवं प्रोत्साहन व राष्ट्रीय नवप्रवर्तन संस्थान में डॉ कलाम के साथ समय व्यतीत करने का गौरव व सौभाग्य प्राप्त हुआ।[३७]
गैलरी
सन्दर्भ
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- ↑ साँचा:cite web
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- ↑ "About Wajid Khan" स्क्रिप्ट त्रुटि: "webarchive" ऐसा कोई मॉड्यूल नहीं है।. Retrieved फ़रवरी 20, 2015.
बाहरी कड़ियाँ
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