आमला

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amrutam amla churn के 40 जबरदस्त फायदे क्या हैं?

आंवला किसे नहीं खाना चाहिए?..

आंवले के नुकसान फायदे।

आंवले के अन्य नाम।

ह्रदय को हितकारी-आंवला

आंवला नियमित खाने से सावला व्यक्ति पर भी निखार आ जाता है। आंवला बुढापे को रोकता है।

च्यवनप्राश का यह मूल घटक है।

Amrutam आंवले चूर्ण के फायदे… पाचन में सहायक, ह्रदय हेतु हितकारी तथा कफ, जुकाम, लीवर को तंदुरुस्त रखते हुए आंवला चूर्ण और मधु पंचामृत शहद मिलाकर खाने से अनेकों चमत्कारी स्वास्थ्य लाभ मिलते हैं।

आंवला एंटीऑक्सीडेंट होने के कारण इम्युन सिस्टम ठीक कर इम्युनिटी बढाता है और इसी कुदरती गुण की वजह से आँवला चूर्ण उम्र रोधी यानि एंटी-एजिंग होता है। आंवला मेटाबोलिज्म और डिटोक्सिफीकेशन को बढाकर दिल की नाड़ियों एवं रक्तकणों स्वस्थ रखता है। आंवला कफ को सन्तुलित कर गले की खराश ठीक करता है और नेत्रज्योति बढ़ाता है। आंवला दमा-अस्थमा, पुरानी खांसी, स्किन और बालों के लिए फायदेमंद रहता है। आंवला शर्बत भी बहुत लाभकारी है.. जब भी कभी कुछ पीने की इच्छा हो, तब एक चम्मच अमृतम आंवला पाउडर एक ग्लास शक्कर या गुड़ युक्त सादे या ठंडे जल में मिलाकर अच्छी तरह से हिलाकर शर्बत बनाकर पियें। आप चाहें, तो इसे छानकर भी ड्रिंक की तरह पी सकते हैं। द्रव्यगुण विज्ञान के अनुसार आंवले के पानी को सुबह खाली पेट पीना सबसे अच्छा माना जाता है।

आमला (Emblica officinalis) … वयस्थामलको दृष्या जातीफलरसं शिवम् ॥ ३७॥ पात्रोफलं श्रीफलंच तथाभूतफलस्मतम् । विष्वामलकमाख्यातं कात्री तिष्यफलामुता॥३८॥ हरीतकीसमं धात्रीफल किन्तु विशेषतः । रक्तपित्तप्रमेहन पर वृष्यं रसायनम् ॥ ३६॥ हन्ति वातं तदम्लत्वात्थितं माधुर्यात्वतः वार्फ मानकषायत्त्वात्फलं धाग्यास्त्रिदोषजित् ।। पर्याय-वस्था, आभन्नी वया, जातीफालरसा, शित, धात्री फल, श्रीफल, अमृत फल तथा आभरे ये सब आँवला के संस्कृत नाम हैं। भावप्रकाश ग्रन्थ। आँवला के अन्य भाधाओं में नाम….बं०-आमला, आमलकी भाषाभेद से नामभेद--हिं०--आमला, आंवला। म०काम्वट्ठा । मुब०-आँवलो। क०–नेल्लि । तै० उसरकाम । फा-आमला सि० नल्ली। इंग-एम्बलिक माइरोबैलेन्ज, (Emblic Myrobalans फाइललेन्थस एम्बलिका (Phyllanthus Enblica)। विशेष-स्वाद--आंवला कसैला, खट्टापन लिये, हानिप्रद-प्लीहा को। हानिनिवारक शहद, बादाम का तैल। अभाव-काबली हरड़। ण-जो गण हरड़ के हैं वही गुण आँवले के भी है। विशेषता यह है कि यह रक्तपित व प्रमेह को हरने वाला एवं अत्यधिक धातुवर्द्धक बलदायक रसायन है। आमला--अम्लरस से वायु को, मधुरस से और शीत होने से पित्त को, रूक्ष व कषाय होने से कफ को जीतता है। अतः यह त्रिदोपहर है ।। ३७-४० ।। आंवला फलमज्जा के गुण.

यस्य यस्य फलस्येह वीर्य भवति यादशम्।

तस्य तस्यैव वीर्येण मज्जानमपि निदिशेत॥४॥

अर्थात जिस-जिस फल के जिस प्रकार के वीर्य होते हैं, उस-उस फल के मज्जा के भी वही वीर्य जानना चाहिए ।

आंवला का परिचय-….आमला--इसके पेड़ क्या उद्यान और क्या जंगल प्रदेश सर्वत्र पाये जाते है। आंवला के पेड़…. बड-बट २०० से ३०० फुट तक ऊँचे तथा पतियाँ इमली के पत्तों से मिलती जुलती और पीलवर्ण की होती है। पतझड में पत्तों के झड़ जाने पर टहनियों में जहाँ-जहां पर से टहनियाँ निकलने वाली होती है, वहाँ हांथ सी बन जाती है। वसन्तागमन के पूर्व ही उनसे टहनियाँ फटती है और पत्ते लग जाते है। पीले-पीले छोटे-छोटे पुष्प भी लग जाते है। पुष्पकाल-आश्विन । फल भी लगने लग जाते है और कात्तिक में स्वाद व रस स्पष्ट हो जाता है। चैत्र में फल पक कर तैयार हो जाते है। अब इसे औषधिकार्य में प्रयोग किया जा सकता है। इस वृक्ष को उद्यानों में बड़े शौक से लगाते हैं। केवल फल के लिय ही नहीं, अपितु कात्तिकी अक्षय नवमी को इस वृक्ष के तले पशुओं को चने, गेहूं खिलाने का बहुत बड़ा माहात्म्य भी माना गया है। धनदायक उपाय…स्कंदपुराण के अनुसार स्वयं भी सपरिवार इस दिन इस वक्ष के नीचे भोजन करने से धन लाभ होने लगता है।

आंवला ग्यारस के दिन 108 परिक्रमा लगाने से पूरे साल कोई भी रोग, दुर्घटना नहीं होती।

फल-कई प्रकार के होते है। जंगली आमलों क फल, एक दम छोटा होते है। रोपित वृक्षों के फल बड़े-बड़े होते है। फलों का आकार अण्डाकार होता है। वजन २ से ६ तोले तक होता है।

बड़े फल अक्सर मुरब्बा और amrutam च्यवनप्राश बनाने के काम में अधिक प्रयुक्त होते है। फल के ऊपर छ रेखा व भीतर षट्कोण कटोर गुठली होती है। पाश्चात्यमतानुसार विश्लेषण :-~--गलिकासिट, (Gallic Acid) टेनिक एसिड (Tanmic Acid) शकरा. स्वतीक, ( Albumcin) तथा काप्टोज। ये पदार्थ विश्लेषण करने पर पाये जाते है। प्रयोग और फल-ताजाफल स्निग्ध, भूत्रल एव भटुरेचक होता है। अत पुराने उदगमय में हितकारी है। सूखा आंवला शुष्कफल...-शीतल, पाचक तथा उत्तेजक होता है। कुकुम, नीलकमल व गुलाबजल के साथ किया गया लेप सिर दर्द वा आधा शोशी के लिए हितकारक है।


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Amla
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ज़िलाबैतूल ज़िला
प्रान्तमध्य प्रदेश
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जनसंख्या (2011)
 • कुल३०,२१५
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भाषाएँ
 • प्रचलितहिन्दी
समय मण्डलभारतीय मानक समय (यूटीसी+5:30)

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आमला (Amla) भारत के मध्य प्रदेश राज्य के बैतूल ज़िले में स्थित एक नगर है।[१][२]

विवरण

बोड़खी एवं आमला टाउन नामक यहां के मुख्य बाजार हैं; रेलवे स्टेशन से २० कि.मी दूर स्थित पंचमा नामक एक जल-प्रपात भी दर्शनीय है। यहां कई सरकारी एवं निजी विद्यालय एवं महाविद्यालय भी हैं, जिनमें से कुछ प्रमुख हैं: गवर्नमेंट कॉलेज, नंदकिशोर पटेल महाविद्यालय, आमला केन्द्रीय विद्यालय, आमला; आमला राजकीय उच्च विद्यालय; [सबसे बड़ा स्कूल] स्वर्ग हायर सेकेंडरी स्कूल, आमला, लाइफ कैरियर स्कूल, गुरु नानक हायर सेकेंडरी स्कूल; ठाकुर इंदल सिंह हाई स्कूल; महर्षि महेश योगी वैदिक विश्वविद्यालय, जबलपुर से संबद्ध भारतीय कम्प्यूटर विज्ञान और प्रौद्योगिकी संस्थान; जवाहर लाल नेहरू कॉलेज और गवर्नमेंट कॉलेज, आदि।

गोविन्द कालोनी के निकटस्थ एक हनुमान मन्दिर अति प्राचीन माना जाता है। इसके अलावा रेणुका माता का एक बड़ा मन्दिर छावल में है एवम् इसके निकट ही बौद्ध कालिन प्राचीन अवशेष भी देखने को मिलते है। तथा यहाँ भीमनगर में स्थित करुणा बौद्ध-विहार है जो कि देखने में अति रमणीय लगता हैं जहाँ पर देश-विदेश के भिक्षुओ का आना-जाना लगा रहता हैं जिसकी देखभाल की जिम्मेदारी युवा मैत्रेय समिती निभाती हैं।

जनसांख्यिकी

As of 2011 भारतीय जनगणना अनुसा,[३] आमला की कुल जनसंख्या ३०,२१५ है। इसमें ५१.५०% पुरुष एवं ४८.५% स्त्रियां हैं। आमला की औसत साक्षरता दर ७९.७८% है जो राष्ट्रीय दर ६४.८४% से १४.९४% अधिक है। यहां की १२% जनसंख्या ७ वर्ष की आयु से नीचे की है।

इन्हें भी देखें

सन्दर्भ

  1. "Inde du Nord: Madhya Pradesh et Chhattisgarh स्क्रिप्ट त्रुटि: "webarchive" ऐसा कोई मॉड्यूल नहीं है।," Lonely Planet, 2016, ISBN 9782816159172
  2. "Tourism in the Economy of Madhya Pradesh," Rajiv Dube, Daya Publishing House, 1987, ISBN 9788170350293
  3. साँचा:cite web