हमारी अधूरी कहानी

मुक्त ज्ञानकोश विकिपीडिया से
imported>InternetArchiveBot द्वारा परिवर्तित १४:०६, २६ सितंबर २०२० का अवतरण (Rescuing 1 sources and tagging 0 as dead.) #IABot (v2.0.7)
(अन्तर) ← पुराना अवतरण | वर्तमान अवतरण (अन्तर) | नया अवतरण → (अन्तर)
नेविगेशन पर जाएँ खोज पर जाएँ
हमारी अधूरी कहानी
Mohit Suri.jpg
निर्देशक मोहित सूरी[१]
निर्माता महेश भट्ट
(प्रस्तोता)
महेश भट्ट[१]
लेखक महेश भट्ट
(कहानी और पटकथा)
शगुफ़्ता रफ़ीक़
(संवाद)
अभिनेता इमरान हाशमी
विद्या बालन
राजकुमार राव[१][२]
संगीतकार वास्तविक गाने:
मिथुन
अंकित तिवारी
जीत गांगुली
पार्श्व संगीत
राजू खान
छायाकार विष्णु राव
संपादक देवेन मुरुदेश्वर
स्टूडियो विशेष फिल्म्स
वितरक फॉक्स स्टार स्टुडियोस
प्रदर्शन साँचा:nowrap [[Category:एक्स्प्रेशन त्रुटि: अनपेक्षित उद्गार चिन्ह "२"। फ़िल्में]]
  • 12 June 2015 (2015-06-12)[१]
समय सीमा 140 मिनट
देश भारत
भाषा हिन्दी

साँचा:italic title

हमारी अधूरी कहानी एक भारतीय बॉलीवुड फ़िल्म है, जिसका निर्देशन मोहित सूरी ने किया है।[१] इस फ़िल्म का निर्माण महेश भट्ट ने किया है।[३] साथ ही यह इस फ़िल्म के लेखक और प्रस्तोता भी हैं।[४] इस फ़िल्म में इमरान हाशमी, विद्या बालन और राजकुमार राव मुख्य भूमिका निभा रहे हैं। यह फ़िल्म 12 जून 2015 को सिनेमाघर में प्रदर्शित होगी।[५]

कहानी

यह कहानी वसुधा प्रसाद (विद्या बालन) बस्तर जिले से 15 किलो मीटर दूर बस से उतरती है। वह कुछ कदम चल कर गिर जाती है।

इसके बाद कहानी पीछे होती है। जब वसुधा एक जगह कार्य करती रहती है। उसका पति पाँच वर्षों से लौटा नहीं रहता है। वह उसकी प्रतीक्षा करती रहती है। एक दिन उसके कार्यस्थल पर आरव रूपरेल (इमरान हाशमी) आता है। वह उस होटल की अग्निशमन क्षमता देखने हेतु दिखावटी आग लगाता है। इसके बाद वसुधा उसे बचाने के लिए आती है। वह वसुधा को दुबई में नौकरी का एक विकल्प देता है। लेकिन वह आरव को मना कर देती है। उसके बाद उसे पता चलता है। हरी राजकुमार राव पाँच अमेरिकी पत्रकारों को मार चुका है। अपने बच्चे के भविष्य के लिए वसुधा आरव की बात मान जाती है और दुबई जाती है।

आरव वसुधा से प्यार करने लगता है। वह उसे अपनी माँ से मिलवाता है। उसके बाद उसकी माँ उन दोनों को एक होने को कहती है। इसके बाद दोनों कुछ प्रेम के क्षण आपस में व्यतीत करते हैं। इसके बाद आरव उसे तलाक के कागजात देता है और वसुधा हरी के पास तलाक लेने जाती है। वह इस बात को जानकार बहुत क्रोधित हो जाता है। इसके बाद उसे पुलिस पकड़ लेती है। उसके बाद वसुधा आरव को हरी को बचाने के लिए कहती है। आरव मुख्यमंत्री से मिल कर जानता है की उसने स्वयं ही गुनाह कबूला है। वसुधा आरव से विवाह के लिए मना कर देती है। उसे लगता है की हरी बेकसूर है। वह बस्तर में जाता है और हरी के बेगुनाह होने का सबूत खोजता है। वह दयाल से मिलता है। जो हरी को बेकसूर कहता है। उसके बाद वह मुंबई वापस लौट जाता है। आरव उसी समान फूल की गंध को सूँघता है जो वह वसुधा से पहले मिलने के दिन सूंघा था। वसुधा आरव के मौत की खबर सुनती है। वसुधा हरी को छोड़ देती है, जो उसे दो वर्षों तक ढूँढता रहा।

उसके बाद वर्तमान में यह पता चलता है की बस में जो थी वह वसुधा है और वह आरव के पास जाती है। जहाँ उसकी मौत हुई थी। आखिरी में हरी वसुधा के राख़ को बस्तर के जंगलों में फेक देता है। और कहानी समाप्त हो जाती है।

कलाकार

सन्दर्भ

  1. स्क्रिप्ट त्रुटि: "citation/CS1" ऐसा कोई मॉड्यूल नहीं है।
  2. साँचा:cite web
  3. स्क्रिप्ट त्रुटि: "citation/CS1" ऐसा कोई मॉड्यूल नहीं है।
  4. स्क्रिप्ट त्रुटि: "citation/CS1" ऐसा कोई मॉड्यूल नहीं है।
  5. स्क्रिप्ट त्रुटि: "citation/CS1" ऐसा कोई मॉड्यूल नहीं है।
  6. स्क्रिप्ट त्रुटि: "citation/CS1" ऐसा कोई मॉड्यूल नहीं है।

बाहरी कड़ियाँ