डर एट द मॉल

मुक्त ज्ञानकोश विकिपीडिया से
imported>InternetArchiveBot द्वारा परिवर्तित २२:५९, १४ जून २०२० का अवतरण (Rescuing 3 sources and tagging 0 as dead.) #IABot (v2.0.1)
(अन्तर) ← पुराना अवतरण | वर्तमान अवतरण (अन्तर) | नया अवतरण → (अन्तर)
नेविगेशन पर जाएँ खोज पर जाएँ
डर एट द मॉल
डर एट द मॉल
निर्देशक पवन किरपलानी
अभिनेता जिमी शेरगिल
नुशरत भरूचा
आरिफ़ ज़कारिया
आसिफ बसरा
निवेदिता भट्टाचार्य
श्रद्धा कौल
नीरज सूद
संपादक पुजा लढा सुरति
स्टूडियो मल्टी स्क्रीन मीडिया, मोशन पिक्चर
प्रदर्शन साँचा:nowrap [[Category:एक्स्प्रेशन त्रुटि: अनपेक्षित उद्गार चिन्ह "२"। फ़िल्में]]
  • February 21, 2014 (2014-02-21)[१]
देश भारत
भाषा हिन्दी

साँचा:italic title

डर एट द मॉल (हिन्दी:खरीदारी केंद्र में डर) एक भारतीय बॉलीवुड फ़िल्म है।[२] जिसका निर्देशन पवन कृपलानी ने किया है। इसमें मुख्य किरदार में जिमी शेरगिल हैं।[३] यह फ़िल्म २१ फरवरी २०१४ को सिनेमाघर में प्रदर्शित हुआ।[४]

कहानी

यह कहानी एक मॉल की है, जहां कार्य करने वाले कुछ श्रमिकों के अज्ञात मौतों के कारण यह विवाद का कारण बना हुआ था की इस मॉल में कोई रहस्यमय ताकत है जो लोगों को मारता है। एक सुरक्षा अधिकारी के मौत के पश्चात वह पद रिक्त होने से वहाँ पर विष्णु (जिमी शेरगिल) उद्घाटन पार्टी की पूर्व संध्या पर मुख्य सुरक्षा अधिकारी की नौकरी के लिए आता है। उसे वह नौकरी मिल जाती है। उसके पद को संभालने के रात को ही एक सुरक्षा अधिकारी की भी मौत हो जाती है और विष्णु को पता चलता है की वहाँ को आत्मा है जो यह हत्याएँ कर रही हैं। इस कारण वह भूत की पहचान के बारे में सुराग खोजता रहता है। वहाँ सभी एशिया के सबसे बड़े मॉल, उद्घाटन के लिए तैयारी करते है और रात को इसकी पार्टी होती है, जिसमें श्री मनचंदा अपने दोस्तों और सहयोगी के साथ वहाँ आता है। इसी के साथ-साथ उन लोगो के बच्चे भी आए रहते है। वह उन बच्चों को लक्षित करता है और मार डालता है।

जब उस रात सभी को यह पता चलता है तब तक अन्य सभी लोग उस पार्टी से चले गए रहते है और केवल मॉल के प्रबन्धक, उसके साथी आदि लोग ही रहते और सारे दरवाजे बंद हो जाते। उनमें से कोई भी बाहर नहीं आ पाता। इसके पश्चात छः आत्माएँ उन सभी का पीछा कर कर के मारते रहते है। और तभी एक आत्मा विष्णु के पास आता है और उसे अपने कुछ समय पीछे के समय के बारे में याद करने कहता है। इसके पश्चात वह अपने पिछले कई वर्ष पहले, जब वह छोटा था। तब के समय को याद करता है।

तब उसे याद आता है की उसका नाम अर्जुन था और वह एक अनाथालय में रहता था। जिसे मॉल के मालिक और उसके कुछ साथियों ने मिलकर जला दिया था। तब वह सभी लोग भी जिंदा जल गए और आत्मा बन गए लेकिन अर्जुन वहाँ से भाग निकलने में सफल रहा। लेकिन चोट के कारण अपना याददाश्त खो दिया था। उसके याद आने के पश्चात वह उन आत्माओं से कहता है की वह उस समय हुए घटना में शामिल सभी लोगों को मार चुके हैं। इसके अलावा अन्य सभी निर्दोष है और इसके पश्चात वह सभी आत्माएँ सभी दोषी लोगों को मारने के पश्चात उन निर्दोष लोगों को छोड़ देते हैं और सारे मॉल के दरवाजे खुल जाते है। इसी के साथ कहानी समाप्त हो जाती है।

कलाकार

  • जिमी शेरगिल (विष्णु शर्मा/अर्जुन)
  • नुशरत भरूचा (अहना मंचन्दा)
  • आरिफ़ ज़कारिया (आलोक मंचन्दा)
  • आसिफ बसरा (जावेद खान)
  • निवेदिता भट्टाचार्य (तिसचा)
  • विक्रम राज भारद्वाज (केडी)
  • श्रद्धा कौल (नून माडेलीन)
  • नीरज खेत्रपाल (साहनी)
  • यौशिका वर्मा (मंडी)
  • अनदया शर्मा
  • गीत शर्मा (नानौ)
  • प्रमोद पाठक (राणा)
  • नीरज सूद (राजेंद्र)
  • कार्लोट देस्मोंद
  • राहुल मिश्रा
  • विशाल जेठवा
  • दनिश अख्तर
  • अमित रॉय

सन्दर्भ

  1. http://www.bollywoodhungama.com/moviemicro/cast/id/722995
  2. स्क्रिप्ट त्रुटि: "citation/CS1" ऐसा कोई मॉड्यूल नहीं है।
  3. साँचा:cite web
  4. साँचा:cite web

बाहरी कड़ियाँ