त्रिष्टुप छंद
imported>Sanjeev bot द्वारा परिवर्तित ०५:५१, २० जनवरी २०२२ का अवतरण (बॉट: -lintErrors (center))
इस लेख में सन्दर्भ या स्रोत नहीं दिया गया है। कृपया विश्वसनीय सन्दर्भ या स्रोत जोड़कर इस लेख में सुधार करें। स्रोतहीन सामग्री ज्ञानकोश के उपयुक्त नहीं है। इसे हटाया जा सकता है। (जून 2015) साँचा:find sources mainspace |
त्रिष्टुप अथवा त्रिष्टुप् वेदों में प्रयुक्त एक छंद है। इसमें कुल ४४ वर्ण होते हैं जो ११-११-११-११ वर्णों के चार पदों में व्यवस्थित होते हैं।
उदाहरण:
अबोधि होता यजथाय देवानुर्ध्वो अग्निः सुमनाः प्रातरस्थात्।
समिद्धस्य रुशददर्शि पाजो महान् देवस्तमंसो निरमोचि।। -ऋग्वेद (५.१.२)
इसके अन्य भेद भी हैं, जैसे एकपदा त्रिष्टुप (११ वर्ण), द्विपदा (११+११), पुरस्ताज्योतिः, विराट् पूर्वा, विराट रूपा इत्यादि।