लालबाग का राजा
लालबाग का राजा | |
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लालबागच्या राजा | |
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धर्म संबंधी जानकारी | |
सम्बद्धता | साँचा:br separated entries |
देवता | गणेश |
त्यौहार | गणेश चतुर्थी |
शासी निकाय | लालबागचा राजा सर्वज्ञ गणेशोत्सव मंडल |
अवस्थिति जानकारी | |
अवस्थिति | साँचा:if empty |
ज़िला | मुंबई |
राज्य | महाराष्ट्र |
देश | भारत |
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वास्तु विवरण | |
संस्थापक | साँचा:if empty |
स्थापित | १९३४ |
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लालबाग का राजा मुंबई का सबसे अधिक लोकप्रिय सार्वजनिक गणेश मंडल है। लालबागचा राजा सार्वजनिक गणेशोत्सव मंडल की स्थापना वर्ष १९३४ में चिंचपोकली के कोलियों के द्वारा हुई थी।[१][२] यह मुंबई के लालबाग, परेल इलाके में स्थित हैं।[३][४][५]
यह गणेश मंडल अपने १० दिवसीय समारोह के दौरान लाखों लोगों को अपनी ओर आकर्षित करता है। इस प्रसिद्ध गणपति को ‘नवसाचा गणपति’ (इच्छाओं की पूर्ति करने वाला) के रूप में भी जाना जाता है। हर वर्ष दर्शन पाने के लिए यहाँ करीबन ५ किलो मीटर की लंबी कतार लगती है। लालबाग के गणेश मूर्ति का विसर्जन गिरगांव चौपाटी में दसवें दिन किया जाता है।
इतिहास
इस मंडल की स्थापना वर्ष 1934 में अपने मौजूदा स्थान पर (लालबाग, परेल) हुई थी। पूर्व पार्षद श्री कुंवरजी जेठाभाई शाह, डॉ॰ वी.बी कोरगाओंकर और स्थानीय निवासियों के लगातार प्रयासों और समर्थन के बाद, मालक रजबअली तय्यबअली ने बाजार के निर्माण के लिए एक भूखंड देने का फैसला किया। मंडल का गठन उस युग में हुआ जब स्वतंत्रता संघर्ष अपने पूरे चरम पर था। लोकमान्य[६] तिलक ने ब्रिटिश शासन के खिलाफ की लोगों की जागृति के लिए “सार्वजनिक गणेशोत्सव” को विचार-विमर्श को माध्यम बनाया था। यहा धार्मिक कर्तव्यों के साथ-साथ स्वतंत्रता संग्राम और सामाजिक मुद्दों पर भी विचार विमर्श किया जाता था। मुम्बई में गणेश उत्सव के दौरान सभी की नजर प्रसिद्ध ‘लालबाग के राजा’ के ऊपर होती है। इन्हें ‘मन्नतों का गणेश’ भी कहा जाता है। लालबाग में स्थापित होने वाले गणेश भगवान की प्रतिमा के दर्शन के लिए लोग दूर-दूर से आते हैं और ये भक्तगण कई कई घंटो (२० से २५ घंटे) तक कतारों में खड़े रहते हैं। गणेश चतुर्थी[७] के दिन ‘लालबाग के राजा’ यानी गणेश भगवान की प्रतिमा की प्रतिष्ठापना के बाद यहां मन्नत के साथ आने वाले भक्तगणों में बॉलीवुड के कई मशहूर फिल्मी सितारे भी शामिल होते हैं। बॉलीवुड की फिल्मी हस्तियां सुबह आकर ही यहां गणेश भगवान की पूजा कर अपने मनोकामना पूरी होने की प्रार्थना करते हैं।[८][९][१०]
सामाजिक कार्य
"लालबागचा मंडल" में आई हुई दान रकम से कई चैरिटी भी चलती है। इस मंडल की अपनी कई अस्पताल और एम्बुलेंस हैं जहां गरीबों का निःशुल्क इलाज किया जाता है। प्राकृतिक आपदाओं में राहत कोष के लिए भी "लालबागचा मंडल" आर्थिक रूप से मदद करता है। १९५९ में ‘कस्तूरबा फंड’, १९४७ में ‘महात्मा गांधी मेमोरियल फंड’ और 'बिहार बाढ़ राहत कोष' के लिए दान दिया गया था।[११]
चित्र दीर्घा
सन्दर्भ
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