बड़वा
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बड़वाजागा और भाट इन तीनों जातियों को 'राव जी' और 'बड़वा जी' भी कहते हैं और मुख्य रूप से राजस्थान मध्यप्रदेश, गुजरात, छत्तीसगढ़ आदि राज्यों में निवास करती है यह जाति राजपूत और जाट व अन्य प्रमुख समाज के वंशावली लेखन का कार्य करती है।
भारत में राजपूत और अन्य जातियों का इतिहास और उनकी वंशावली बड़वा द्वारा लिखी गयी, राजपूत में सभी वंश के अलग अलग बड़वा होते जो उनके खानदान का इतिहास लिखते हैं और उनके पास रखते हैं।[१] बडवा सबसे उच्च कोटि के होते हैं। बड़वा केवल राजपूत राजवंश का ही वंश लेख करते हैं। बाकी अन्य जैसे भाट, जागा यह अन्य सभी क्षत्रिय वर्ण जातियों की वंशावली लेखन का काम करते है।
तोमर/तंवर राजपूत के बड़वा
तंवर बड़वा के गांव[२]
- बड़वा जी का वास (सोंदड़) तहसील लालसोट जिला दौसा -गाँव तोमर वंश के जगा (वंशावली लेखक) श्री गोपी सिंह का निवास ग्राम है, इनके तीन पुत्र कुंवर मदन सिंह, कुंवर सरवन सिंह, कुंवर जुवराज सिंह हैं[३]
देवी सिंह बड़वा-बत्तीसी के
- आसलपुर गांव, जयपुर[४]
- जोबनेर, जयपुर
- डाबला, सीकर
- शाहपुरा के पास
अन्य राजपूत वंशो की वंशावली
- दादिया, अजमेर
- रायपुरिया, चित्तौड़गढ़
- टोंकरा, नीमच
- राजयास, भीलवाड़ा
- कनेई खुर्द अजमेर
- बनियाना (दौसा)
- प्रतापगढ़, रायकी
- भीलवाड़ा, झड़ोल सिंहपुरा सगरेव
सन्दर्भ
- अखिल भारतीय वंशावली संरक्षण एवं संवर्धन संस्थान, जयपुर