विद्युत्-चुम्बकीय प्रेरण
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किसी चालक को किसी परिवर्ती चुम्बकीय क्षेत्र में रखने पर उस चालक के सिरों के बीच विद्युतवाहक बल उत्पन्न होने को विद्युत्-चुम्बकीय प्रेरण (Electromagnetic induction) कहते हैं। उत्पन्न विद्युत्वाहक बल का मान गणितीय रूप से फैराडे का प्रेरण का नियम द्वारा दिया जाता है। प्रायः माना जाता है कि फैराडे ने ही १८३१ में विद्युतचुम्बकीय प्रेरण की खोज की थी।
- <math> \mathcal{E} = -{{d\Phi_B} \over dt}</math>,
जहाँ:
- <math>\mathcal{E}</math> उत्पन्न E.M.F. (वोल्ट में)
- ΦB चालक द्वारा घेरे गये क्षेत्र का सम्पूर्ण चुम्बकीय फ्लक्स