प्रतिस्पर्धा अधिनियम 2002

मुक्त ज्ञानकोश विकिपीडिया से
imported>अनुनाद सिंह द्वारा परिवर्तित ०७:३४, १८ मार्च २०२१ का अवतरण
(अन्तर) ← पुराना अवतरण | वर्तमान अवतरण (अन्तर) | नया अवतरण → (अन्तर)
नेविगेशन पर जाएँ खोज पर जाएँ

प्रतिस्पर्धा अधिनियम 2002 (Competition Act, 2002) भारत का एक अधिनियम है जो भारत में स्वस्थ प्रतिस्पर्धा को बढ़ावा देने के उद्देश्य से पारित की गयी थी। इस अधिनियम ने एकाधिकार तथा अवरोधक व्यवहार अधिनियम 1969 का स्थान लिया। इसके अन्तर्गत भारतीय प्रतिस्पर्धा आयोग की स्थापना हुई। इस अधिनियम में, देश के आर्थिक विकास को ध्यान में रखते हुए, भारत में व्यवसाय पर प्रतिकूल प्रभाव डालने वाले व्यवहारों को रोकने, बाजार में प्रतिस्पर्धा को बढ़ावा और उसे बनाए रखने उपभोक्ताओं के हितों की रक्षा करने तथा बाजार में अन्य प्रतिभागियों द्वारा चलाए रहे व्यापार की स्वतंत्रता सुनिश्चित करने तथा उससे जुड़े और संबंधित मामलों के लिए एक आयोग की स्थापना का प्रावधान है।

एकाधिकार तथा अवरोधक व्यापार व्यवहार अधिनियम, 1969 (एमआरटीपी अधिनियम) औद्योगिक सुधार के तहत भारत में लागू किया गया था जिसका उदेश्य आर्थिक शक्ति के केंद्रीकरण को रोकना तथा एकाधिकार पर नियत्रण रखना था। इस के अलावा अन्य उद्देश्य प्रतिबंधात्मक और अनुचित व्यापार की रोकथाम करना था । उस समय चौथी पंचवर्षीय योजना लागू थी। एकाधिकार तथा अवरोधक व्यापार व्यवहार अधिनियम का निरसन हो गया और इसे 01 सितंबर 2009 से प्रतिस्पर्धा अधिनियम, 2002 द्वारा प्रतिस्थापित किया गया है (दिनांक 28 अगस्त, 2012 की अधिसूचना)।

इन्हें भी देखें

बाहरी कड़ियाँ


साँचा:asbox