मत्स्येंद्रनाथ

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मत्स्येंद्रनाथ जी की मूर्ति

मत्स्येंद्रनाथ अथवा मचिन्द्रनाथ ८४ महासिद्धों (बौद्ध धर्म के वज्रयान शाखा के योगी) में से एक थे। वो गोरखनाथ के गुरु थे जिनके साथ उन्होंने हठयोग विद्यालय की स्थापना की। उन्हें संस्कृत में हठयोग की प्रारम्भिक रचनाओं में से एक कौलजणाननिर्णय (कौल परंपरा से संबंधित ज्ञान की चर्चा) के लेखक माना जाता है।[१] वो हिन्दू और बौद्ध दोनों ही समुदायों में प्रतिष्ठित हैं।[२] मचिन्द्रनाथ को नाथ प्रथा के संस्थापक भी माना जाता है।मचिन्द्रनाथ को उनके सार्वभौम शिक्षण के लिए "विश्वयोगी" भी कहा जाता है।[३]

गोरखनाथ को उनके सबसे सक्षम शिष्यो मे माना जाता है।

सन्दर्भ

  1. साँचा:cite book
  2. An Introduction to Hinduism [हिन्दू धर्म का परिचय]; गेवलिन फ्लूड; 1996; पृ॰ 98
  3. Tridal, Publication by Shree Pratishtan Trust, Mitmita, पृ॰:5