आदि शंकराचार्य की कृतियाँ
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आदि शंकराचार्य ने बहुत से गर्न्थों की रचना की जो अद्वैत वेदान्त के आधार स्तम्भ हैं। उनकी कृतियों में अद्वैत वेदान्त की तर्कपूर्ण स्थापना हुई है।
परम्परागत रूप से आदि शंकराचार्य की कृतियों को तीन समूहों में रखा जाता है-
भाष्य
शंकराचार्य ने निम्नलिखित ग्रंथों पर भाष्य लिखा है-
- ब्रह्मसूत्र पर ब्रह्मसूत्रभाष्य नामक भाष्य
- ऐतरेय उपनिषद
- वृहदारण्यक उपनिषद
- ईश उपनिषद (शुक्ल यजुर्वेद)
- तैत्तरीय उपनिषद (कृष्ण यजुर्वेद)
- श्वेताश्वतर उपनिषद (कृष्ण यजुर्वेद)
- कठोपनिषद (कृष्ण यजुर्वेद)
- केनोपनिषद (सामवेद)
- छान्दोग्य उपनिषद ((सामवेद)
- माण्डूक्य उपनिषद तथा गौडपादकारिका
- मुण्डक उपनिषद (अथर्ववेद)
- प्रश्नोपनिषद ((अथर्ववेद)
- भागवद्गीता (महाभारत)
- विष्णु सहस्रनाम (महाभारत)
- सानत्सुजातिय (महाभारत)
- गायत्री मंत्र
प्रकरण ग्रन्थ
- विवेकचूडामणि
- उपदेशसाहस्री
- शतश्लोकी
- दशश्लोकी
- एकश्लोकी
- पञ्चीकरण
- आत्मबोध
- अपरोक्षानुभूति
- साधनापञ्चकम्
- निर्वाणशतकम्
- मनीषापञ्चकम्
- यतिपञ्चकम्
- वाक्यशुद्धि
- तत्त्वबोध
- वाक्यवृत्ति
- सिद्धान्तत्त्त्वबिन्दु
- निर्णुगमानसपूजा
- प्रश्नोत्तररत्नमालिका
स्तोत्र
आदि शंकर ने शिव, विष्णु, देवी, गणेश एवं सुब्रमण्य की स्तुति के लिए बहुत सी रचनाएँ कीं।
- गणेश स्तुति
- गणेश पंचरत्नम् (५)
- गणेश भुजांगम् (९)
- शिवस्तुति
- कालभैरवाष्टक (१०)
- दशश्लोकी स्तुति (१०)
- दक्षिणमूर्ति अष्टकम् (१०)
- दक्षिणमूर्ति स्तोत्रम् (१९)
- दक्षिणमूर्ति वर्णमाला स्तोत्रम् (१३)
- मृत्युंजय मानसिक पूजा (४६)
- वेदसार शिव स्तोत्रम् (११)
- शिव अपराधक्षमापन स्तोत्रम् (१७)
- शिव आनंदलहरी (१००)
- शिव केशादिपादान्तवर्णन स्तोत्रम् (२९)
- शिव नामावलि अष्टकम् (९)
- शिव पंचाक्षर स्तोत्रम् (६)
- शिव पंचाक्षरा नक्षत्रमालास्तोत्रम् (२८)
- शिव पादादिकेशान्तवर्णनस्तोत्रम् (४१)
- शिव भुजांगम् (४)
- शिव मानस पूजा(५)
- सुवर्णमाला स्तुति (५०)
- शक्तिस्तुति
- अन्नपूर्णा अष्टकम् (८)
- आनंदलहरी
- कनकधारा स्तोत्रम् (१८)
- कल्याण वृष्टिस्तव (१६)
- गौरी दशकम् (११)
- त्रिपुरसुंदरी अष्टकम् (८)
- त्रिपुरसुंदरी मानस पूजा (१२७)
- त्रिपुरसुंदरी वेद पाद स्तोत्रम् (१०)
- देवी चतु:षष्ठी उपचार पूजा स्तोत्रम् (७२)
- देवी भुजांगम् (२८)
- नवरत्न मालिका (१०)
- भवानी भुजांगम् (१७)
- भ्रमरांबा अष्टकम् (९)
- मंत्रमातृका पुष्पमालास्तव (१७)
- महिषासुरमर्दिनी स्तोत्रम्
- ललिता पंचरत्नम् (६)
- शारदा भुजंगप्रयात स्तोत्रम् (८)
- सौन्दर्यलहरी (१००)
- नर्मदाष्टक
- विष्णु एवं उनके अवतारों की स्तुति
- अच्युताष्टकम् (९)
- कृष्णाष्टकम् (८)
- गोविंदाष्टकम् (९)
- जगन्नाथाष्टकम् (८)
- पांडुरंगाष्टकम् (९)
- भगवन् मानस पूजा (१०)
- मोहमुद्गार (भजगोविंदम्) (३१)
- राम भुजंगप्रयात स्तोत्रम् (२९)
- लक्ष्मीनृसिंह करावलंब (करुणरस) स्तोत्रम् (१७)
- लक्ष्मीनरसिंह पंचरत्नम् (५)
- विष्णुपादादिकेशान्त स्तोत्रम् (५२)
- विष्णु भुजंगप्रयात स्तोत्रम् (१४)
- षट्पदीस्तोत्रम् (७)
- अन्य देवताओं एवं तीर्थों की स्तुतियाँ
- अर्धनारीश्वरस्तोत्रम् (९)
- उमा महेश्वर स्तोत्रम् (१३)
- काशी पंचकम् (५)
- गंगाष्टकम् (९)
- गुरु अष्टकम् (१०)
- नर्मदाष्टकम् (९)
- निर्गुण मानस पूजा (३३)
- मनकर्णिका अष्टकम् (९)
- यमुनाष्टकम् (८)
- यमुनाष्टकम्-२ (९)
सन्दर्भ
इन्हें भी देखें
बाहरी कड़ियाँ
- अद्वैतसिद्धान्तवाङ्मयम् (शृंगेरी मठ)