छवि राजावत
छवि राजावत Chhavi Rajawat | |
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भारत, 2012 में विश्व आर्थिक मंच पर छवि रजावत | |
जन्म |
साँचा:birth year and age जयपुर, राजस्थान |
राष्ट्रीयता | भारतीय |
शिक्षा प्राप्त की | ऋषि वैली स्कूल, मेयो कॉलेज गर्ल्स स्कूल-अजमेर, लेडी श्रीराम कॉलेज-दिल्ली, इंडियन इंस्टीट्यूट ऑफ माडर्न मैनेजमेंट-पुणे, |
व्यवसाय | सरपंच |
धार्मिक मान्यता | हिन्दू |
छवि राजावत (जन्म: 1980) जयपुर से साँचा:convert दूर टोंक जिले के छोटे से गांव सोड़ा की सरपंच हैं। वे भारत की सबसे कम उम्र की और शायद एकमात्र एमबीए सरपंच हैं।[१] वे नवंबर 2013 में स्थापित भारतीय महिला बैंक की एक निदेशक (डायरेक्टर) भी हैं।[२]
करियर
पुणे के इंडियन इंस्टीट्यूट ऑफ माडर्न मैनेजमेंट से एमबीए की डिग्री हासिल करने वाली छवि कई नामी कारपोरेट कंपनियों में काम कर चुकी हैं। उन्होंने चकाचौंध भरी जिंदगी का साथ छोड़ गांव की मिट्टी से जुड़ने का फैसला किया। इसके लिए सरपंच का चुनाव लड़ने का फैसला किया। 4 फ़रवरी 2011 को छवि ने अपने निकटतम प्रतिद्वन्द्वी को रिकॉर्ड 1200 मतों से हराकर सरपंच चुनाव में जीत दर्ज की। चुनाव जीतने के बाद छवि ने कहा कि ‘मैं गांव में सेवा करने के उद्देश्य से आई हूं।’ वह अपने गांव में वॉटर हार्वेस्टिंग कार्यक्रम चला रही हैं। साथ ही महात्मा गांधी राष्ट्रीय ग्रामीण रोजगार गांरटी योजना के तहत चलाए जा रही सभी योजनाओं पर पैनी नजर रखती हैं और सक्रिय कदम उठाती हैं। अभी हाल में ही यूएनओ की तरफ से आयोजित एक कार्यक्रम में छवि ने शिरकत की थी और गांव की तरक्की का खाका पेश किया था।[३][४] नवंबर 2013 में नवस्थापित भारतीय महिला बैंक के निदेशक मंडल में उनकी नियुक्ति की गई।
प्रारंभिक जीवन
छवि रजावत का जन्म राजस्थान की राजधानी जयपुर में हुआ, किन्तु वे राजस्थान केटोंक जिला अंतर्गत मालपुरा तहसील के एक छोटे से गाँव सोडा की रहने वाली है। उनकी प्रारंभिक शिक्षा ऋषि वैली स्कूल (आंध्र प्रदेश) और मेयो कॉलेज गर्ल्स स्कूल,अजमेर में हुई। तत्पश्चात उन्होने दिल्ली विश्वविद्यालय के लेडी श्री राम कॉलेज से स्नातक किया और पुणे के इंडियन इंस्टीट्यूट ऑफ माडर्न मैनेजमेंट से एमबीए की डिग्री हासिल की।
व्यक्तिगत जीवन
छवि रजावत अपने गाँव सोडा और जयपुर में बराबर माता -पिता के साथ समय बिताती हैं। वह किसानों के बच्चों के साथ खेलती हुई बड़ी हुई हैं। वह ग्रामीणों की परेशानियों को दूर करने के लिए उनके साथ प्रतिदिन घंटों समय बिताती हैं। सरपंच बनने के पीछे उनकी भावना अपने गांव के लिए काम करने की रही है। छवि कहती है कि "मेरे दादाजी ब्रिगेडियर रघुबीर सिंह लगातार तीन बार सोडा से सरपंच चुने गए थे और उनकी इच्छा थी कि मैं भी उनके पदचिह्नें पर चलूं।" छवि का कहना कि उनका राजनीति में जाने का कोई इरादा नहीं है और वह केवल अपने गांव के लोगों की मदद करना चाहती हैं। बेंगलुरू के ऋषि वेली और दिल्ली के लेडी श्री राम कॉलेज की पूर्व छात्रा छवि ने पुणे से व्यवसाय प्रबंधन की डिग्री हासिल की है लेकिन इसके बाद भी उन्हें शहरों की तेज जिंदगी की यादें नहीं सतातीं।[५]
उपलब्धि
- वर्ष-2011 में छवि ने संयुक्त राष्ट्र संघ में आयोजित 11 वें इन्फो पॉवर्टी विश्व सम्मेलन में दुनिया भर से मंत्रियों और राजदूतों को संबोधित किया।[६]
- मई -2011 में पूर्व राष्ट्रपति ए पी जे अब्दुल कलाम ने नई दिल्ली में प्रौद्योगिकी दिवस समारोह में छवि को सम्मानित किया। इस अवसर पर विज्ञान और प्रौद्योगिकी तथा पृथ्वी विज्ञान मंत्री पवन बंसल भी उपस्थित थे।[७]
- भारतीय युवा नेत्री का खिताब : देश को दिशा देने वाले आठ भारतीय युवा नेताओं में से एक होने का गौरव।[८]
सन्दर्भ
- ↑ साँचा:cite web
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