अनर्जक आस्ति

मुक्त ज्ञानकोश विकिपीडिया से
imported>SM7Bot द्वारा परिवर्तित १७:०५, १७ नवम्बर २०२१ का अवतरण (→‎बाहरी कड़ियाँ: clean up)
(अन्तर) ← पुराना अवतरण | वर्तमान अवतरण (अन्तर) | नया अवतरण → (अन्तर)
नेविगेशन पर जाएँ खोज पर जाएँ

अनर्जक आस्ति (अथवा अनर्जक संपत्ति या परिसंपत्ति) से तात्पर्य बैंकिंगवित्त उद्योग में ऐसे ऋण (लोन) से है, जिसका लौटना संदिग्ध हो। अंग्रेजी में इसे एन पी ए अथवा नॉन परफार्मिंग एसेट कहा जाता है।[१] अंग्रेजी संस्करण से अनुवादस्वरूप और भी कई नाम मीडिया में दिए जाते हैं - यथा गैर-निष्पादनकारी संपत्ति आदि।

बैंक अपने ग्राहकों को जो ऋण प्रदान करता है, उसे अपने खाते में आस्ति (संपत्ति) के रूप में दर्शाता है। यदि किसी कारणवश यह आशंका हो कि ग्राहक यह ऋण लौटा नहीं पाएगा तो एसे ऋणों को अनर्जक आस्ति कहा जाता है। किसी भी बैंक की आर्थिक सेहत को मापने के लिए यह एक महत्त्वपूर्ण पैमाना है तथा इसमें वृद्धि होना किसी बैंक की सेहत के लिए चिंता का विषय ही होता है।[२] हाल ही में (फरवरी 2014) भारत के यूनाइटेड बैंक ऑफ इंडिया की प्रमुख को अपना पद बेकाबू हो चुके फंसे कर्जे [एनपीए] एनपीए पर लगाम लगाने में नाकाम रहने की वजह से खोना पड़ा।[३]

एनपीए को नियंत्रण में रखने के लिए हर देश के नियामक मापदंड निर्धारित करते हैं जिनका अनुपालन वित्तीय संस्थाओं के लिए आवश्यक होता है।

२००८ के वैश्विक आर्थिक संकट के बाद अनर्जक आस्तियों को शीघ्र चिन्हित करने व खातों में सही तरीके व इमानदारी से दर्शाने पर ज़ोर दिया गया है।

भारतीय बैंकिंग क्षेत्र में एन पी ए

2013-14 के आर्थिक सर्वेक्षण में भारतीय बैंकिंग सैक्टर में एनपीए में बढ़ोतरी पर चिंता व्यक्त की गई तथा इन्हैं कम करने के लिए निम्नलिखित प्रयासों पर जोर दिया गया।[४]

• बैंकों में वसूली के लिए उनके मुख्‍यालय/क्षेत्रीय कार्यालय/प्रत्‍येक ऋण वसूली ट्रिब्‍यूनल (डीआरटी) में नोडल अधिकारियों की नियुक्ति। • बैंकों द्वारा घाटे की परि‍सम्‍पत्तियों की वसूली पर जोर और परि‍सम्‍पत्ति पुनर्गठन कंपनियां संकल्‍प एजेंटों की नियुक्ति। • राज्य स्तर के बैंकरों की समितियों को राज्य सरकारों के साथ होने वाले मामले सुलझाने के लिए सक्रिय होने के निर्देश देना। • बैंकों में जानकारी साझा करने के आधार पर नये ऋण स्वीकृत करना। • एनपीए का क्षेत्र/गतिविधि के आधार पर विश्लेषण करना आदि।

  • वर्तमान में यह 6.5 % है।

इन्हें भी देखें

सन्दर्भ

  1. स्क्रिप्ट त्रुटि: "citation/CS1" ऐसा कोई मॉड्यूल नहीं है।
  2. http://hindi.business-standard.com/storypage.php?autono=82192 स्क्रिप्ट त्रुटि: "webarchive" ऐसा कोई मॉड्यूल नहीं है। निजी बैंकों का बढ़ रहा एनपीए
  3. https://hindi.yahoo.com/ubi-chairperson-bhargava-quits-ministry-accepts-vrs-request-151426102.htmlबेकाबूसाँचा:category handlerसाँचा:main otherसाँचा:main other[dead link] एनपीए की वजह से यूबीआइ प्रमुख की विदाई
  4. स्क्रिप्ट त्रुटि: "citation/CS1" ऐसा कोई मॉड्यूल नहीं है।

बाहरी कड़ियाँ