लिंग चयन प्रतिषेध अधिनियम, 1994
पूर्व गर्भाधान और प्रसव पूर्व निदान तकनीक अधिनियम, 1994 (प्री-कन्सेप्शन एंड प्री-नेटल डायग्नोस्टिक टेक्निक एक्ट, 1994) | |
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जन्म से पूर्व शिशु के लिंग की जांच पर पाबंदी के लिए भारत की संसद द्वारा पारित एक संघीय कानून है। इस अधिनियम से प्रसव पूर्व लिंग निर्धारण पर प्रतिबंध लगा दिया गया है। | |
शीर्षक | Act No. 57 of 1994 |
द्वारा अधिनियमित | भारत की संसद |
अनुमति-तिथि | 20 सितंबर 1994 |
शुरूआत-तिथि | 1996 |
संशोधन | |
पूर्व गर्भाधान और प्रसव पूर्व निदान तकनीक (लिंग चयन प्रतिषेध) अधिनियम, 2003 |
पूर्व गर्भाधान और प्रसव पूर्व निदान तकनीक (PCPNDT) अधिनियम, 1994 भारत में कन्या भ्रूण हत्या और गिरते लिंगानुपात को रोकने के लिए भारत की संसद द्वारा पारित एक संघीय कानून है। इस अधिनियम से प्रसव पूर्व लिंग निर्धारण पर प्रतिबंध लगा दिया गया है। प्री-नेटल डायग्नोस्टिक टेक्निक ‘पीएनडीटी’ एक्ट 1996, के तहत जन्म से पूर्व शिशु के लिंग की जांच पर पाबंदी है।[१][२][३] ऐसे में अल्ट्रासाउंड या अल्ट्रासोनोग्राफी कराने वाले जोड़े या करने वाले डाक्टर, लैब कर्मी को तीन से पांच साल सजा और 10 से 50 हजार जुर्माने की सजा का प्रावधान है।[४] प्रत्येक आनुवांशिक परामर्श केंद्र, आनुवांशिक प्रयोगशाला या आनुवांशिक क्लिनिक परामर्श देने या प्रसव पूर्व निदान तकनीकों का संचालन करने में लगे हुए हैं, जैसे कि गर्भाधान से पहले और बाद में लिंग चयन की संभावनाओं के साथ इन विट्रो फर्टिलाइज़ेशन (आईवीएफ) पीसीसीपीटी अधिनियम के दायरे में आता है और इस पर प्रतिबंध है।[५][६][७][८][९]
इन्हें भी देखें
बाहरी कड़ियाँ
- महिला एवं बाल विकास मंत्रालय, भारत सरकार
- Pre- Conception & Pre- Natal. Diagnostic Techniques Act, 1994 and Rules with Amendments स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्रालय, भारत सरकार. साँचा:en
- लिंग चयन प्रतिषेध अधिनियम, भाग-१; राजस्थान सरकार
- लिंग चयन प्रतिषेध अधिनियम, भाग-२; राजस्थान सरकार]