श्रेणी:शरीर के द्रव

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शरीर के द्रव

शरीर के भार का करीब ६२ प्रतिशत पानी होता है। इसमें से कुछ (एक तिहाई) कोशिकाओं के अन्दर रहता है और बाकी बाहर। शरीर के उत्सर्ग पदार्थों जैसे पेशाब, पसीने और वाष्प के माध्यम से शरीर का पानी बाहर आ जाता है। इस कमी को पूरा करने के लिए हमें पानी पीना पड़ता है। हमें शरीर की ज़रूरत के हिसाब से ही प्यास लगती है। हम जो पानी पीते हैं वो आँत में पहुँच जाता है। वहॉं से पानी शरीर में घूमता हुआ खून उसे ले लेता है। इसके अलावा शरीर के अन्दर पानी और लवण होते हैं। जीवन की शुरूआत क्योंकि समुद्र से हुई थी इसलिए सभी जीवों के शरीरों में लवण होते हैं। इसलिए जब अन्त: शिरा द्रव दिया जाता है उसमें शरीर के द्रवों के अनुसार पर्याप्त मात्रा में लवण होते हैं।

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