जंगली तीतर

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जंगली तीतर
Swamp francolin
Francolinus gularis hm.jpg
Scientific classification
Binomial name
Ortygornis gularis
(तेम्मिंक, 1815)
जंगली तीतर.jpg
भौगोलिक विस्तार
Synonyms

Francolinus gularis

जंगली तीतर (Swamp francolin), जिसे बन तीतर भी कहा जाता है और जिसका वैज्ञानिक नाम ओर्टिगोर्निस ग्युलैरिस (Ortygornis gularis) है, भारतनेपाल में मिलने वाली तीतर की एक जीववैज्ञानिक जाति है।[१][२][३][४]

विवरण

अन्य तीतरों के विपरीत, जंगली तीतर आकार में बड़ा होता है और इसकी टांगें अपेक्षाकृत लंबी होती हैं। इसके शरीर के ऊपरी भाग के पर भूरे रंग के होते हैं जिनमें लाल रंग की धारियाँ होती हैं। गला चटकीले लाल रंग का होता है और शरीर के सामने का भाग भूरा होता है जिसमें लंबी सफ़ेद खड़ी धारियाँ पाई जाती हैं। इसकी चोंच काले रंग की और पैर लाल रंग के होते हैं। नर और मादा समान दिखाई देते हैं लेकिन नर अपने टखनों के उभार की वजह से आसानी से पहचाना जाता है।

आवास

इसका आवास ऊँचे घास के दलदली इलाकों में होता है। यह उन खेतों में भी कम घनत्व में पाया जाता है जहाँ फ़सल ऊँची होती है जैसे गन्ना और धान। सर्वेक्षण से पता चला है कि यह मौसम के हिसाब से अपनी आवासीय प्राथमिकता बदलता है। प्रजनन काल और गर्मियों में यह पेड़ों की झुरमुट वाले घास के मैदानों में और दलदली घास के मैदानों में रहना पसन्द करता है जबकि मानसून में यह सूखी झाड़ियों और झुरमुटों में रहता है। साधारणतय: यह २५० मी. से नीचे की ऊँचाई पर रहता है लेकिन बाढ़ के वक्त यह थोड़ी और ऊँचाई में चला जाता है। अन्य तीतरनुमा पक्षियों के मुकाबले इसका अधिकार क्षेत्र छोटा होता है जिससे यह उम्मीद बंधती है कि इस जाति का संरक्षण संभव है। यदि मनुष्यों द्वारा इसका शिकार न हो तो यह ऊँची फ़सलों वाले खेतों में भी अपने को जीवित रख सकता है और संरक्षित रह सकता है।[५]

भौगोलिक वितरण

इसका मूल निवास गंगा और ब्रह्मपुत्र नदियों की घाटियों में है– पश्चिमी नेपाल की तराई से लेकर उत्तर प्रदेश, बिहार, पश्चिम बंगाल, असम और अरुणाचल प्रदेश तक। पहले यह बांग्लादेश के चटगाँव इलाके तथा सुन्दरबन में प्रचुर मात्रा में पाया जाता था, लेकिन हाल में यह नहीं देखा गया है और अब यह अनुमान लगाया गया है कि इन इलाकों से इनका उन्मूलन हो गया है। भारत में यह सभी तराई के सुरक्षित क्षेत्रों में पाया गया है जो यह बतलाता है कि यह पूर्व अनुमानित आंकड़ों से अधिक संख्या में विद्यमान है। नेपाल में, जहाँ इसका आवास क्षेत्र २,४०० वर्ग कि॰मी॰ का है और निवास ३३० वर्ग कि. मी. का है, इसकी अनुमानित संख्या ५०० पक्षियों से भी कम की आंकी गयी है। सिक्किम तथा मेघालय में इसके मिलने के हाल के प्रमाण मौजूद नहीं हैं।[५]

इन्हें भी देखें

बाहरी कड़ियाँ

सन्दर्भ

  1. Crowe, Timothy M.; Bloomer, Paulette; Randi, Ettore; Lucchini, Vittorio; Kimball, Rebecca T.; Braun, Edward L. & Groth, Jeffrey G. (2006a): Supra-generic cladistics of landfowl (Order Galliformes). Acta Zoologica Sinica 52(Supplement): 358–361.
  2. Madge, Steve; McGowan, J. K.; Kirwan, Guy M. (2002). Pheasants, Partridges and Grouse: A Guide to the Pheasants, Partridges, Quails, Grouse, Guineafowl, Buttonquails and Sandgrouse of the World. A. C. Black. ISBN 9780713639667.
  3. Bent, Arthur C. 1963. Life Histories of North American Gallinaceous Birds, New York: Dover Publications, Inc.
  4. साँचा:cite book
  5. सन्दर्भ त्रुटि: <ref> का गलत प्रयोग; iucn नाम के संदर्भ में जानकारी नहीं है।

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