कुडनकुलम नाभिकीय विद्युत परियोजना

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कुंड़नकुलम परमाणु ऊर्जा संयंत्र
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देशभारत
स्थानतमिल नाडु
निर्देशांकसाँचा:ifempty साँचा:wikidataOI
निर्माण शुरूसितम्बर - 2001साँचा:wikidataOI
नियुक्त करने की तारीखयूनिट-१ चालू, यूनिट-२ निर्माणाधीनसाँचा:wikidataOI
नियुक्त से बाहर करने की तारीखसाँचा:wikidataOI
निर्माण लागतसाँचा:wikidataOI
स्वामित्वन्यूक्लियर पावर कॉर्पोरेशन ऑफ इंडिया लिमिटेडसाँचा:wikidataOI
संचालकसाँचा:wikidataOI
परमाणु ऊर्जा स्टेशन
रिएक्टर प्रकारVVER
विद्युत उत्पादन
नेमप्लेट क्षमता2000 MW

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कुंड़नकुलम नाभिकीय विद्युत परियोजना (केकेएनपीपी) भारत के तमिलनाडु प्रदेश के कुंड़नकुलम में स्थित है। इसका निर्माण सन् २००२ में आरम्भ हुआ और १३ जुलाई २०१३ को यह क्रान्तिक (क्रिटिकल/चालू) हुआ।[१] इस परियोजना में 1000 मेगावाट विद्युत क्षमता वाले दो यूनिट (केकेएनपीपी 1 तथा 2) हैं। पहले यूनिट ने २२ अक्टूबर २०१३ से विद्युत ग्रिड को विद्युत आपूर्ति करना आरम्भ किया।[२] इस संयंत्र की दो इकाइयों की मूल लागत १३१७१ करोड़ थी जो बढ़कर १७२७० हो गयी।

१० अगस्त २०१६ को इसकी दूसरी इकाई को क्रान्तिक (क्रिटिकल) किया गया (अर्थात चालू किया गया।)

यूनिट-१

कुडनकुलम नाभिकीय विद्युत परियोजना (केकेएनपीपी) में 1000 मेगावाट विद्युत क्षमता वाली दो इकाईयाँ (केकेएनपीपी 1 तथा 2) हैं।

केकेएनपीपी इकाई-1 भारतीय नाभकीय विद्युत कार्पोरेशन लि. (एनपीसीआईएल) का 20वां नाभकीय विद्युत स्‍टेशन है जो विद्युत ग्रिड से जोड़ा जा चुका है।[३] इसे अक्‍टूबर, 2013 में ग्रिड के साथ जोड़ा गया था और यह अनिश्चित तौर पर विद्युत का उत्‍पादन कर रहा है। इस यूनिट के विद्युत स्‍तर को परमाणु ऊर्जा नियामक परिषद (एईआरबी) द्वारा दी गई अनुमति के अनुसार चरणवार बढ़ाया गया और इसने 07 जून 2014 को पूर्ण विद्युत क्षमता (1000 मेगावाट) हासिल कर ली। अक्‍टूबर 2013 को ग्रिड के साथ जोड़े जाने के बाद से लेकर 13 जुलाई 2014 तक इसमें अनिश्चित तौर पर विद्युत का वास्‍तविक रूप से उत्‍पादन लगभग 2565 यूनिट रहा है।[२]

यूनिट-२

१० अगस्त २०१६ को इसकी दूसरी इकाई (KKNPP2) को क्रान्तिक (क्रिटिकल) किया गया (अर्थात चालू किया गया।)

दुर्घटना

14 मई 2014 को हुई गरम पानी रिसाव की घटना के फलस्‍वरूप एनपीसीआईएल के तीन कामगार गरम पानी से जलने के कारण घायल हुए और तीन ठेका कामगार केकेएनपीपी यूनिट-1 की टर्बाइन बिल्डिंग के एक हीटर लूप के तीन स्‍तरीय गरम पानी इनलेट वाल्‍व के रख-रखाव के दौरान जख्‍मी हुए। (इस हीटर लूप को रख-रखाव के दौरान बंद कर दिया गया था।) यह घटना ट्रैप में गरम पानी की निकासी से हुई। घटना की शुरूआती जांच से पता चला कि पांच सौ एमएम आकार के वाल्‍व के फटने के कारण एकत्रित गरम पानी फैलने से यह घटना हुई।[४]

कुडनकुलम परमाणु संयन्त्र (निर्माण होते समय)

सन्दर्भ

बाहरी कड़ियाँ