शेषाचलम पहाड़ियाँ

मुक्त ज्ञानकोश विकिपीडिया से
imported>रोहित साव27 द्वारा परिवर्तित ०९:५१, ३० जनवरी २०२२ का अवतरण (Reverted to revision 5436960 by Hulged (talk): स्रोतहीन जानकारी (TwinkleGlobal))
(अन्तर) ← पुराना अवतरण | वर्तमान अवतरण (अन्तर) | नया अवतरण → (अन्तर)
नेविगेशन पर जाएँ खोज पर जाएँ

साँचा:asbox शेषचलम की पहाड़ियाँ (शेषाचलम् = शेष + अचलम् = शेष पर्वत) पूर्वी घाट की महत्वपूर्ण पर्वत शृंखला है, जो दक्षिण भारत के दक्षिणी आंध्र प्रदेश राज्य में विस्तारित है। इसी पहाड़ी पर तिरूपति का मन्दिर है।

भौगोलिक स्थिति

कैम्ब्रियन- पूर्व युग में (लगभग 3.8 अरब से 54 करोड़ वर्ष पूर्व) बनी इन पहाड़ियों में चुना-पत्थर के बीच-बीच में बलुआ पत्थरों और स्लेट जैसी चट्टानों की परतें हैं। ये अत्यंत बिखरी हुयी है और इनमें अनेक लंबी घाटियां है। ये पहाड़ियाँ पश्चिम और पश्चिमोत्तर में रायलसिमा उच्च भूमि और पूर्वोत्तर में नांदयाल घाटी (कुन्देरु नदी से बनी) से सीमांकित है। शेषचलम पहाड़ियाँ लगभग 8000 वर्ग किलो मीटर में फैली है और उनका सामान्य विस्तार दक्षिण -दक्षिण पूर्व की तरफ है। उत्तर में एरमाला पर्वत श्रेणी के साथ शेषचलम पहाड़ियों की ऊंचाई भी 400 से 1370 मीटर तक घटती-बढ़ती है। अपर्याप्त वर्षा के कारण इन पहाड़ियों की ढलानों पर बहुत कम जंगल है। पनेरु की सहायक नदियां इस क्षेत्र को अपवाहित करती है। ऊबड़-खाबड़ स्थलाकृति, अनुर्वर मिट्टी और अर्धशुष्क जलवायु यहाँ कृषि को वाधित करते हैं।[१]

शेषचलम हिल रेंज मनोरम दृश्य, तालकोना

]]


खनिज संपदा और फसलें

ज्वार, मूँगफली यहाँ की मुख्य फसलें है। यहाँ पर स्बेस्टस, बैराइट और चुना-पत्थर का खनन होता है। हथकरघा, बांस व ईंट निर्माण यहाँ की अन्य महत्वपूर्ण आर्थिक गतिविधियां है और पूलिवेंडला एकमात्र महत्वपूर्ण नगर है।

सन्दर्भ

  1. भारत ज्ञानकोश (खंड-5), प्रकाशक :पापयुलर प्रकाशन मुंबई, पृष्ठ संख्या: 311

इन्हें भी देखें

बाहरी कड़ियाँ

साँचा:coord