जिब्राल्टर बंदरगाह प्राधिकरण

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जिब्राल्टर बंदरगाह प्राधिकरण
Gibraltar Port Authority
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अवलोकन
गठन 1806
अधिकारक्षेत्रा ब्रिटिश जिब्राल्टर क्षेत्रीय जल
मुख्यालय नॉर्थ मोल, जिब्राल्टर हार्बर, जिब्राल्टर
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उत्तरदायी मंत्री नील एफ़ कोस्टा, पर्यटन, सार्वजनिक परिवहन और बंदरगाह मंत्री
कार्यपालक केप्टन रॉय स्टैंब्रूक,
मुख्य कार्यकारी
बंदरगाह के केप्टन
प्रमुख दस्तावेज़ जिब्राल्टर पोर्ट अथोरिटी एक्ट 2005
वेबसाइट
www.gibraltarport.com

जिब्राल्टर बंदरगाह प्राधिकरण (साँचा:lang-en) एक जिब्राल्टर सरकार के आधीन एक स्वतंत्र संस्था है। मूल जिब्राल्टर बंदरगाह प्राधिकरण की स्थापना वर्ष 1806 में हुई थी। परन्तु निवर्तमान प्राधिकरण की स्थापना 2005 में जिब्राल्टर पोर्ट अथोरिटी एक्ट (जिब्राल्टर बंदरगाह प्राधिकरण अधिनियम) के तहत हुई थी। हालांकि आधीकारिक तौर पर संस्था 2005 में स्थापित हो गई थी परन्तु यह एक वर्ष तक गठित नहीं हुई। 2006 में इसके सबसे पहले सदस्यो की नियुक्ति हुई। इसकी कई जिम्मेदारियाँ हैं परन्तु प्राधिकरण का प्राथमिक कार्य समुद्री सेवाओं का प्रावधान करना है। जिब्राल्टर बंदरगाह अब मुख्य रूप से जहाजो के लिए बंकर सेवा उपलब्ध कराता है। इसके अध्यक्ष जिब्राल्टर सरकार में पर्यटन, सार्वजनिक परिवहन और बंदरगाह मंत्री नील एफ़ कोस्टा हैं तथा रॉय स्टैंब्रूक मुख्य कार्यकारी अधिकारी और बंदरगाह के केप्टन हैं।

इतिहास

19 फ़रवरी 1706 के दिन ग्रेट ब्रिटेन की महारानी ऐनी (1665–1714) ने जिब्राल्टर को मुक्त बंदरगाह का दर्जा प्रदान किया।[१][२][३] हालांकि 18वी सदी के शुरुआत में जिब्राल्टर मुख्य तौर पर एक सैनिक आधार (गैरीसन) था तथा वाणिज्य की मात्रा लगभग न के बराबर थी। 1805 में हुए एतिहासिक ट्रफ़ैलगर के युद्ध के पश्चात जिब्राल्टर में अन्तराष्ट्रीय व्यापार के लिए बंदरगाह स्थापित किया गया। 1823 में सबसे पहली बार कोई स्टीमर जिब्राल्टर में रुका और इसी के साथ इस बंदरगाह के बंकर सेवा उपलब्ध कराने वाले स्थान के क्रमिक विकास की शुरुआत हो गई।[२]

सरकार द्वारा प्रशासित जिब्राल्टर बंदरगाह प्राधिकरण की स्थापना 1806 में हुई।[२][४][५] इसके उत्तराधिकारी स्वतंत्र जिब्राल्टर बंदरगाह प्राधिकरण (जिब्राल्टर पोर्ट अथोरिटी) की स्थापना इस इबेरियाई प्रायद्वीप के दक्षिणी सिरे पर स्थित ब्रिटिश प्रवासी शासित प्रदेश में 2005 में जिब्राल्टर बंदरगाह प्राधिकरण अधिनियम के पास होने के पश्चात हुई।[६][७][८] संसद में पास हुए इस अधिनियम ने जिब्राल्टर की सरकार की कुछ जिम्मेदारियाँ भी प्राधिकरण को हस्तांतरित कर दीं। इस अधिनियम के प्रावधान बंदरगाह और नौवहन मंत्री द्वारा निर्धारित तिथि या तिथियों से प्रभावी हो गए।[८][९][१०] हालांकि प्राधिकरण की स्थापना 2005 में ही हो गई थी परन्तु 2006 तक स्वतंत्र जिब्राल्टर बंदरगाह प्राधिकरण का गठन नहीं हो पाया। 1 जून 2006 से प्राधिकरण के सदस्य प्रभावी हुए।[११] बंदरगाह का कार्यालय उत्तरी मोल में स्थित है, जो जिब्राल्टर हार्बर के उत्तरी सिरे पर स्थित तरंगरोध है।[१२][१३] सरकारी संघठन जिसने बंदरगाह का संचालन 1806 से 2006 तक किया था उसे भी जिब्राल्टर बंदरगाह प्राधिकरण के शीर्षक द्वारा संदर्भित किया जाता है, जैसा उत्तरी मोल पर स्थापित एक पट्टिका पर भी लिखा हुआ है।[२]

जिम्मेदारियाँ

प्राधिकरण का प्रमुख कार्य समुद्री सेवाओं का प्रावधान करना है। इसके पास बंदरगाह के बुनियादी ढांचे के रखरखाव व इसकी सुरक्षा के साथ-साथ अनुरक्षण की जिम्मेदारियाँ हैं। प्राधिकरण का कर्तव्य है कि वह बंदरगाह का संचालन अन्तराष्ट्रीय मानको के अनुसार करे। इसे ब्रिटिश जिब्राल्टर क्षेत्रीय जल में जहाजों के संचलन का ध्यान रखना होता है। इसके साथ-साथ जरूरत पड़ने पर प्राधिकरण को खोज और बचाव की सेवा मुहैया करानी पड़ती है। जिब्राल्टर बंदरगाह प्राधिकरण को यह सुनिश्चित करना होता है कि बंदरगाह के भीतर की संस्थाएँ स्थानीय और अंतरराष्ट्रीय कानूनों का अनुपालन कर रही हैं। इसका कर्तव्य नए व्यापार को बढ़ावा देना है और बंदरगाह की हर वाणिज्यिक गतिविधि को सही प्रकार से संचालित करना है। इसकी जिम्मेदारी है कि यह सरकार के लिए विभिन्न साधनों द्वारा धन उत्पन्न करे।[१४]

सन्दर्भ