देबल

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देबल (अरबी: ديبل‎, अंग्रेज़ी: Debal) एक प्राचीन भारतीय बंदरगाह थी जो आधुनिक पाकिस्तान के सिंध प्रान्त की राजधानी कराची के पास स्थित थी। यह मनोड़ा प्रायद्वीप के पास थी। इसका नाम पास के एक महान मंदिर पर 'देवल' पड़ा था जो बिगड़कर 'देबल' बन गया। यह मकरान के तटवर्ती रेगिस्तान के पूर्वी छोर पर था।[१]

इतिहास

इतिहासकारों के अनुसार देबल में पहली सदी ईसवी से बस्ती बनी हुई थी और धीरे-धीरे यह एक बहुत ही महत्वपूर्ण बंदरगाह बन गया। यहाँ बहुत से सिन्धी नाविकों का ठिकाना था जो दूर-दूर तक समुद्री व्यापार में जुटे थे। देबल में कुछ सिन्धी समुद्री डाकू भी अड्डा बनाए हुए थे, जिनमें बवारिज प्रसिद्ध थे जो अक्सर अरब नौकाओं पर डाके डालते थे। 643 ईसवी में अरबों ने देबल बंदरगाह पर हमला किया लेकिन वे 'देबल के युद्ध' में स्थानीय चच राज्य के राज्यपाल द्वारा हराए गए और उनका सरदार मारा गया।[२] आगे चलकर यहाँ के डाकुओं ने एक बार कुछ अरब नौकाओं पर से अरब महिलाओं को पकड़कर बंदी बना लिया। अरबों के इराक़ में राज्यपाल हज्जाज बिन युसुफ़ ने सिंध के राजा दाहिर सेन से उन्हें छुड़वाने की मांग की तो राजा ने कहा कि डाकू उसकी नहीं सुनते हैं। इसे घटना को बहाना बनाकर अरबों ने सिंध पर हमले किये। मुहम्मद बिन क़ासिम के 711 ईसवी में हमले के बाद देबल और सिंध पर उमय्यद ख़िलाफ़त का क़ब्ज़ा हो गया और फिर इसका प्रशासन पास के मंसूरा और ठठ्ठा शहरों से किया गया। देबल को काफ़ी हद तक ध्वस्त कर दिया गया। मन्दिर नष्ट किए गए और उसके स्थान पर मस्जिदें खड़ी की गई,१७ वर्ष तथा उससे अधिक उम्र के सभी पुरुषों का वध कर दिया गया और उसके बच्चों तथा स्त्रियों को दास बना लिया गया।[३]

इन्हें भी देखें

बहरी कड़ियाँ

सन्दर्भ

साँचा:reflist

  1. The history of India, as told by its own historians, Sir Henry Miers Elliot and John Dowson, pp. 376, Trubner, 1867, ... I entertain very little doubt that Karachi itself represents the site of Debal. The very name Debal, or rather Dewal, 'the temple,' was doubtless acquired from the conspicuous position which that object must have occupied from the sea; where it was calculated to attract the gaze and reverence of the passing mariner, like its fellow shrines of Dwarka and Somnat ...
  2. Ancient Indian History And Civilization स्क्रिप्ट त्रुटि: "webarchive" ऐसा कोई मॉड्यूल नहीं है।, S. N. Sen, pp. 347, New Age International, 1999, ISBN 978-81-224-1198-0, ... The first Arab invasion of Sind which was in the form of a naval raid struck against Debal, the chief sea-port of Sind in A.D. 643. But their leader was killed by the governor of Chach in the battle of Debal ...
  3. Ancient India स्क्रिप्ट त्रुटि: "webarchive" ऐसा कोई मॉड्यूल नहीं है।, Ramesh Chandra Majumdar, pp. 264, Motilal Banarsidass Publishers, 1977, ISBN 978-81-208-0436-4, ... the ship in which they were sailing was captured by the pirates of Debal, a seaport of Sindh. Hajjaj thereupon wrote to Dahar, king of Sindh, to set the women free, but Dahar pleaded inability, saying 'I have no control over the pirates who captured them' ...