सुनील मुखी
सुनील मुखी | |
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जन्म |
२० नवम्बर १९५६ मुम्बई, भारत |
आवास | भारत |
राष्ट्रीयता | भारतीय |
क्षेत्र | भौतिक विज्ञान |
संस्थान |
सैध्दांतिक भौतिकी अन्तर्राष्ट्रीय केन्द्र टाटा मूलभूत अनुसंधान संस्थान |
शिक्षा |
सेंट जेवियर्स कॉलेज, मुंबई न्यूयॉर्क राज्य विश्वविद्यालय, स्टोनी ब्रूक |
डॉक्टरी सलाहकार | जॉर्ज स्टेर्मन |
डॉक्टरी शिष्य | केशव दासगुप्ता, बह्निमान घोष, नेमानी सुर्यनारायण, अनिन्द्या मुखर्जी, राहुल निगम |
प्रसिद्धि | स्ट्रिंग सिद्धांत |
उल्लेखनीय सम्मान |
शांति स्वरूप भटनागर विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी पुरस्कार 1999 2008 जे॰ सी॰ बोस फैलोशिप। |
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सुनील मुखी एक भारतीय सैध्दांतिक भौतिक शास्त्री हैं जो स्ट्रिंग सिद्धांत, क्वांटम क्षेत्र सिद्धान्त और कण भौतिकी के क्षेत्र में काम करते हैं।
जीवन
उन्होंने न्यूयॉर्क राज्य विश्वविद्यालय, स्टोनी ब्रूक से १९८१ में सैध्दांतिक भौतिक विज्ञान में पीएचडी प्राप्त की। सैध्दांतिक भौतिकी अन्तर्राष्ट्रीय केन्द्र, ट्रिएस्ट इटली में दो वर्ष व्यतीत करने के बाद, वे वापस भारत आ गये, जहाँ १९८४ से टाटा मूलभूत अनुसन्धान संस्थान में अपनी सेवाएं दी। नवम्बर २०१२ से, वे भारतीय विज्ञान शिक्षा एवं अनुसंधान संस्थान, पुणे में भौतिक विज्ञान विभागाध्यक्ष के रूप में अपनी सेवाएं दे रहे हैं।
शोध
आपके अधिकतर प्रकाशन स्ट्रिंग सिद्धांतों के मूलभूत गुणधर्मों और अतिसममितिय द्विविमय क्षेत्र सिद्धांत जो कि स्ट्रिंगों की जगतास्तरण (वर्ल्ड-शीट) गतिकी की व्याख्या करते हैं[१], की अनुकोणी निश्चरता, सूचकांक प्रमेय की सहायता से अतिसममितीय सोलिटोंनों का अध्ययन[२], स्ट्रिंग सिद्धांत व एम-सिद्धांत में नई द्वैतता का आविष्कार[३], अतिसममितीय अवस्थाओं के रूप में स्ट्रिंग नेटवर्कों की पहचान[४] और एम-सिद्धांत के जगत् आयतन (वर्ल्ड वोल्युम) सिद्धांत में नोवेल हिग्स प्रक्रिया का आविष्कार[५] से सम्बंधित परिणाम रहे हैं।
अन्य गतिविधियाँ
ई॰ सन् २००२ में उन्होनें कुमाऊँ विश्वविद्यालय के कुलपति द्वारा साहित्यिक चोरी के दृष्टांत की शृंखला खोलने में, भूमिका निभाई।[६] फलतः कुलपति को राष्ट्रीय समिति द्वारा दोषी करार दिया गया[७] और त्याग पत्र दे दिया।
भौतिकी के साथ-साथ मुखी अन्य क्षेत्रों में भी अभिरूचि रखते हैं विशेषकर भारतीय शास्त्रीय संगीत जिसके लिए उन्होनें एक वेबपृष्ठ भी बनाया है। वे "तन्तु-जाल" नामक ब्लॉग भी लिखते हैं।
सम्मान
डॉ॰ मुखी भारतीय विज्ञान अकादमी और भारतीय राष्ट्रीय विज्ञान अकादमी के सहचर हैं तथा १९९९ में शांति स्वरूप भटनागर विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी पुरस्कार और २००८ का जे॰ सी॰ बोस फैलोशिप प्राप्त किया। वे जर्नल ऑफ़ हाई एनर्जी फिजिक्स (Journal of High Energy Physics) की शुरूआत से ही उसके संपादक हैं।
डॉ॰ मुखी मिशिगन में स्ट्रिंग २०००, कैम्ब्रिज में स्ट्रिंग २००२, जिनेवा में स्ट्रिंग २००८ अंतरराष्ट्रीय सम्मेलनों के आमंत्रित वक्ता रहे हैं। वे मुम्बई में आयोजित स्ट्रिंग २००१ - जिसने डेविड ग्रॉस, स्टीफन हॉकिंग और एडवर्ड विटेन तथा क्षेत्र के अन्य दिग्गजों के भाग लेने के कारण प्रसिद्धि प्राप्त की, के आयोजकों में से एक रहे हैं। उन्होनें सैद्धांतिक भौतिकी की कई उन्नत सकूलों में व्याख्यान दिये हैं।