नील (पादप)
नील (वानस्पतिक नाम : Indigofera tinctoria) एक पादप है। यही नील रंजक का मूल प्राकृतिक स्रोत था। यह एशिया और अफ्रीका के उष्ण तथा शीतोष्ण क्षेत्रों में पैदा होता है। आजकल अधिकांश रंजक संश्लेषण द्वारा कृत्रिम रूप से बनाए जाते हैं न कि इस पौधे से प्राप्त किये जाते हैं। नील के अलावा इस पादप का उपयोग मृदा को उपजाऊ बनाने के लिए भी किया जाता है। कुछ प्रकार के नील अफीम नाम से जाने जाते हैं। ब्रिटिश शासन में भारत में इनकी खेती की जाती थी। भारत में अंग्रेजी शासनकाल में अंग्रेजों द्वारा इसकी जबरन खेती कराने को लेकर किसानों ने कई आन्दोलन तक किये।
नील के पादप की उंम्चाई एक मीटर से दो मीटर तक होती है। यह एकवर्षीय, द्विवर्षीय या सदाबहार हो सकता है जो उस स्थान की जलवायु पर निर्भर करता है। इसकी पत्तियाँ हल्की हरी होती हैं तथा इसके पुष्प, गुलाबी अथवा बैंगनी रंग के होते हैं। यह फली वाला (legume) पौधा है जिसके बोने से भूमि की उर्वरा-शक्ति बढ़ती है।
इस पौधे की पत्तियों के प्रसंस्करण से नील रंजक प्राप्त किया जाता है।
इन्हें भी देखें
बाहरी कड़ियाँ
- True Indigo (भारत के फूल)