अब्द अल-मालिक बिन मरवान

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साँचा:infobox अब्द अल-मलिक बिन मरवान (अरबी: عبد الملك بن مروان‎, अंग्रेज़ी: ‘Abd al-Malik ibn Marwān) इस्लाम के शुरूआती काल में उमय्यद ख़िलाफ़त का एक ख़लीफ़ा था। वह अपने पिता मरवान प्रथम के देहांत होने पर ख़लीफ़ा बना। अब्द अल-मलिक एक शिक्षित और निपुण शासक था, हालांकि उसके दौर में बहुत सी राजनीतिक मुश्किलें बनी रहीं। १४वीं सदी के मुस्लिम इतिहासकार इब्न ख़लदून के अनुसार 'अब्द अल-मलिक बिन मरवान सबसे महान अरब और मुस्लिम ख़लीफाओं में से एक है। राजकीय मामलों को सुव्यवस्थित करने के लिए वह मोमिनों के सरदार उमर बिन अल-ख़त्ताब के नक़्श-ए-क़दम पर चला।'

विवरण

अब्द अल-मलिक के काल में अरबी भाषा को राजभाषा बनाया गया और सभी दस्तावेजों को अरबी में अनुवादित किया गया। मुस्लिम क्षेत्रों के लिए एक नई मुद्रा स्थापित की गई जिस से सन् ६९२ में बीज़ान्टिन सल्तनत के राजा जस्टिनियन द्वितीय और उमय्यद ख़िलाफ़त के बीच 'सिबास्तोपोलिस का युद्ध' छिड़ गया जिसमें उमय्यादों की विजय हुई। उसने एक डाक सेवा का भी प्रबंध करवाया। इसके अलावा कृषि और व्यापार में बहुत से सुधार भी करवाए गए। उसनें अपनी सेनाओं से हिजाज़ और इराक़ पर उमय्यादों का क़ब्ज़ा पक्का करवया, लेकिन साथ-ही-साथ पश्चिम में उत्तर अफ़्रीका में बीज़ान्टिन साम्राज्य का नियंत्रण उखाड़कर अतलास पर्वतों तक अपना साम्राज्य बढ़वाया। हिजाज़ में क़ब्ज़ा करने पर मक्का में उसके हाथों में आ गया और उसने टूटे हुए काबा की मरम्मत करवाई। उस इमारत पर रेशम का ढेप चढ़वाने की रिवायत भी उसी ने शुरू करी। हिजाज़ में क़ब्ज़ा करने के लिए हज्जाज बिन युसुफ़ उसके बहुत काम आया था और अब्द अल-मलिक ने हज्जाज को इराक़ का राज्यपाल बनाकर भेजा। हज्जाज ने फ़ौरन वहाँ पर कूफ़ा और बसरा में तैनात अरब फ़ौजों में बग़ावत की भावना को कुचल दिया और पूर्व की ओर मध्य एशिया तक पहुँच गया। आगे चलकर इसी हज्जाज ने मुहम्मद बिन क़ासिम के नेतृत्व में मकरान तट के रास्ते से भारतीय उपमहाद्वीप पर धावा बोला और सिंधपंजाब पर अरब क़ब्ज़ा कर के भारत में मुस्लिम राज की नीव डाली।[१]

इन्हें भी देखें

सन्दर्भ

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  1. Historical Dictionary of Iraq स्क्रिप्ट त्रुटि: "webarchive" ऐसा कोई मॉड्यूल नहीं है।, Edmund Ghareeb, Beth Dougherty, pp. 82, Scarecrow Press, 2004, ISBN 978-0-8108-4330-1, ... Abd al-Malik, facing serious internal challenges to his rule, named al-Hajjaj commander of his army ... Abd al-Malik also faced uprisings in Iraq by the Shi'i and the Kharijites. He appointed al-Hajjaj governor of Iraq in 695 ...