क़लन्दर मोमंद
क़लन्दर मोमंद | |
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व्यवसाय | कवि, समीक्षक, लेखक, पत्रकार, विद्वान, भाषाविद्, मज़दूर नेता, राजनैतिक कार्यकर्ता |
भाषा | पश्तो |
राष्ट्रीयता | पाकिस्तान |
उल्लेखनीय सम्मान | तमग़ा-ए-हुस्न-ए-कारकरदगी, सितारा-ए-इम्तियाज़ |
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साहबज़ादा हबीब-उर-रहमान क़लन्दर मोमंद, जिन्हें आमतौर पर केवल क़लन्दर मोमंद (पश्तो: قلندر مومند, अंग्रेज़ी: Qalandar Momand) के नाम से जाना जाता है, एक पश्तून लेखक, कवि, समीक्षक और विद्वान थे। वे मज़दूर संघ के नेता, पश्तून राष्ट्रीयता के समर्थक, राजनैतिक कार्यकर्ता और पाकिस्तानी साम्यवादी पार्टी (कोम्युनिस्ट पार्टी) के सदस्य भी थे। धार्मिक दृष्टि से वे अहमदिया समुदाय के सदस्य थे।
क़लन्दर मोमंद ने पश्तो भाषा में लिखाई और पत्रकारिता करी और पाकिस्तान की सरकार की तरफ़ से उन्हें कई इनाम भी दिए गए। उन्होंने अपना पत्रकार जीवन 'अल-हक़' समाचार पत्र के साथ शुरू किया और आगे जाकर कई अन्य अख़बारों में काम किया, जिनमें अंजाम, शहबाज़, बांग-ए-हरम, ख़ैबर मेल, पेशावर टाइम्ज़, फ़्रंटियर गार्डियन, नक़ीब, लार, रहबर, सरहद और मसावात शामिल थे।[१]
इन्हें भी देखें
सन्दर्भ
- ↑ Qalandar Momand स्क्रिप्ट त्रुटि: "webarchive" ऐसा कोई मॉड्यूल नहीं है।, Shaheen Buneri, Khyber Watch, 04 फ़रवरी 2007, Accessed: 19 अक्टूबर 2012, ... The eminent Pashto writer, poet, playwright, linguist, critic, research scholar and the patron chairman of the Peshawar Press Club, Prof. Habibur Rehman Qalandar Momand, devoted his whole life to the promotion of Pushto language and development of critical thought among the budding Pakhtun writers and poets ...