विद्याधर (चंदेल)
imported>Aviram7 द्वारा परिवर्तित ०४:३४, २५ मार्च २०२२ का अवतरण (2405:204:a604:e9c1:8826:fe53:4618:f986 के परिवर्तनों को वापस लिया (Aviram7) के संस्करण के लिए।)
इस लेख में सन्दर्भ या स्रोत नहीं दिया गया है। कृपया विश्वसनीय सन्दर्भ या स्रोत जोड़कर इस लेख में सुधार करें। स्रोतहीन सामग्री ज्ञानकोश के उपयुक्त नहीं है। इसे हटाया जा सकता है। (नवम्बर 2018) साँचा:find sources mainspace |
विद्याधर (1018 - 1029) चन्देल वंश का सबसे प्रतापी राजा था जिसने खजुराहो का कन्दारिया महादेव मंदिर बनवाया था। मुसलमान लेखक उसको 'चन्द्र' एवं 'विदा' नाम से पुकारते हैं। वह अपने दादा (धंग) के सामान वीर और कुसल शासक था। अली इब्न उल-अतहर (Ali ibn al-Athir) के अनुसार विद्याधर के राज्य सीमा की सीमा भारत में सबसे बड़ी थी।
उसके समय चंदेलों ने कलचुरी और परमारों पर विजय पाई और 1019 तथा 1022 में महमूद का मुकाबला किया। चंदेल राज्य की सीमा विस्तृत हो गई थी। विद्याधर के बाद चन्देल राज्य की कीर्ति और शक्ति घटने लगी। 1019 में महमूद गजनी का विद्याधर से युद्ध होता है जिसमे महमूद गजनी को विद्याधर से संदि करनी पड़ी कुछ किले विद्याधर को दे दिया विद्याधर ही अकेला ऐसा भारती नरेश था जिसने महमूद गजनी की महत्वाकांक्षी सफलता पूर्वक प्रतिरोध के प्रतिरोध किया