भाई मतिदास
2401:4900:5d13:98d0:144:f01a:c5ce:82c9 (चर्चा) द्वारा परिवर्तित ०२:२४, ९ दिसम्बर २०२१ का अवतरण (ब्राह्मण जाति के साथ दास नाम नही लगाया जाता था । तो फिर वो ब्राह्मण नही है ।दास नाम सुदर लोगो के नाम के साथ लगाते थे ।और वैसे व सिख धर्म मे जाती को नई माना जाता इस लिए उहने सिख कहना सही होगा)
भाई मतिदास सिख इतिहास के सर्वश्रेष्ठ शहीदों में गिने जाते हैं। भाई मतिदास तथा उनके छोटे भाई भाई सती दास और भाई दयाला जी नौवें गुरु गुरु तेगबहादुर जी के साथ शहीद हुए थे। उनको औरंगजेब के आदेश से दिल्ली के चांदनी चौक में 09 नवम्बर 1675 को आरे से चीर दिया गया था। उन्हें मृत्यु स्वीकार थी, परंतु इस्लाम नहीं। भाई मतिदास गुरु तेगबहादुर जी के बेहद करीबी थे। ‘भाई’ का सम्मान स्वयं गुरु गोबिंद सिंह जी ने इन शहिदों और पंज प्यारे प्यारों को दिया था।