हैन्स एंडरसैग

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हैन्स एंडरसैग (Hans Andersag) (1903-1956), जरमन रसायनज्ञ थे जिन्होने क्लोरोक्विन की खोज की।

इनका जन्म इटली में हुआ। इन्होंने बाल्यकाल में प्रारंभिक शिक्षा पाने के बाद म्यूनिख विश्वविद्यालय में अध्ययन प्रारंभ किया और सन्‌ 1928 ई. में रसायनविज्ञान की परीक्षा में उत्तीर्ण होकर उपाधि प्राप्त की। उस समय इनकी आयु केवल 25 वर्ष की थी। उसी वर्ष इन्होंने 'बायर कंपनी' को अपनी सेवाएँ आर्पित कीं और अनुसंधान की दिशा में दिन प्रति दिन प्रगति करते चले गए। इनकी विशेष रुचि मलेरिया नाशक पदार्थों का अनुसंधान करने में थी और इसी हेतु आये एग्माइनो क्विनोलीन्स वर्ग के विषमज्वारनाशक द्रव्य की शोथ करने में प्राणपण से लग गए तथा 1934 ई. में इन्हें सफलता भी प्राप्त हुई। आपने क्लोरोक्विन नामक औषधि का अविष्कार किया। जिससे ऊष्णकटिबंधी प्रदेशों में होनेवाले घातक मैलेरिया से पीड़ित करोड़ों मनुष्य को रोग से मुक्ति मिली और उनकी जीवनरक्षा हुई।

इसके अतिरिक्त इन्होंने रोमीबानाशक तथा एन्यूरीन नामक विटामिन बी1 की खोज और इनको तैयार करने में भी महत्वपूर्ण कार्य किया। इनका सबसे महत्वपूर्ण योगदान क्लोरोक्विन है।