राव दुर्गा सिसोदिया
राव दुर्गा सिसोदिया का वंश चंद्रावत और जन्मस्थान चित्तौड़ के समीप रामपुर परगना था। राव दुर्गा ने ही रामपुर को अपनी राजधानी बनाया था। जब १५६७ में आसफखाँ ने इसपर चढ़ाई की तो यह रामपुर छोड़कर अकबर की अधीनता में चला आया। सन् १५८१ ई. में मिर्जा हकीम को परास्त करने के लिए सुल्तान मुराद का सहायक बनाकर भेजा गया। १५८३ ई. में यह मिर्जा खाँ के सहायक के रूप में गुजरात का विद्रोह दमन करने के लिए नियुक्त किया गया। इसने वहाँ अपनी वीरता का यथाशक्ति परिचय दिया। दो वर्ष बाद खानेआज़म कोका के साथ दक्षिण के प्रबंध के लिए भेजा गया। १५९१ ई. में राजकुमार सुलतान मुराद के साथ मालवा में अच्छे पद पर इसे नियुक्त किया गया।
सन् १६०० ई. में सम्राट अकबर के आदेशानुसार यह मुजफ्फर हुसेन मिर्जा को पकड़ कर बादशाह के पास लाया। उसी वर्ष यह अबुलफजल के साथ नासिक भेजा गया। सन् १६०८ ई. में उसकी मृत्यु हो गई।