ब्लड डायमण्ड (फ़िल्म)

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ब्लड डायमण्ड
चित्र:Blooddiamondposter.jpg
पोस्टर
निर्देशक एडवर्ड ज़्विक
निर्माता

मार्शल हेर्सोकिवित्.
ग्राहम किंग
पाउला वेइन्स्तेइन्

एडवर्ड ज़्विक
लेखक चार्ल्स लेअवित्त्
अभिनेता

लियोनार्डो डि कैप्रियो
जाइमन ऊनसू
जैनिफर काॅनली
माइकल शीन

अर्नोल्ड वोस्लोओ
संगीतकार जेम्स न्यूटन हावर्ड
छायाकार एडुआर्डो सेरा
संपादक स्टीवन रोसेन्ब्लुम्
स्टूडियो बेद्फोर्द फाल्ल्स्
वितरक वार्नर ब्रदर्स पिक्चर्स द्वारा वितरित
प्रदर्शन साँचा:nowrap 8 दिसम्बर २००६
समय सीमा १४३ मिनट
देश संयुक्त राष्ट्र
जर्मनी[१]
भाषा अंग्रेज़ी
मेन्डे
क्रीओ
अफ्रीकी
लागत $ १०१ करोड़[२]
कुल कारोबार $१७१.४ करोड़[२][३]

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ब्लड डायमण्ड (अंग्रेजी;Blood Diamond}}) २००६ में बनी अमेरिकी-जर्मन भाषी एवं राजनीतिक संघर्षों पर आधारित वाॅर-थ्रिलर प्रधान फ़िल्म है, जिसमें एड्वर्ड ज़्विक ने निर्देशन एवं सह-निर्माता की बागडोर संभाली है, फ़िल्म में लियोनार्डो डि कैप्रियो, जैनिफर काॅनली एवं ज़िमाॅन हाॅन्शु प्रमुख भुमिकाओं में है।[४] फ़िल्म शीर्षक 'ब्लड डायमण्ड' का अभिप्राय, वाॅर ज़ोन (युद्धक्षेत्र) बन चुके हीरा खदानों को लेकर है और इससे जुड़े आर्थिक मुनाफे का निवेश भी, जिनसे यह संघर्ष जारी रख सके, तथा यह सारा लाभ वाॅरलाॅर्डस (युद्ध के सुत्रधार) और विश्व भर के हीरा कंपनियों की जेब में जाता हैं। फ़िल्म का विषय १९९६-२००१ तक सिएरा लियोन में हुई गृहयुद्ध को लेकर है, जहाँ के देश की सरकार और बागियों के बीच आपसी दरार की स्थिति खड़ी हो चुकी थी।[५] फ़िल्म में उस जंग का काफी क्रूर चित्रण किया गया है, जहां बागी आमजनों के हाथों काटकर उन्हें आगामी चुनावों के प्रति बुरी तरह हतोत्साहित करते है। फ़िल्म का अंत, सन् २००० को किम्बरले, दक्षिण अफ्रीका में हुई उस ऐतिहासिक सम्मेलन पर जाकर होता है जब इस ब्लड डायमण्ड को लेकर एक कांफ्रेंस का आयोजन किया जाता है। जिसके बाद किम्बरले के लिए उत्थान योजना गठित की जाती है, जिनमें उन सभी अवैध कच्चे हीरों को खोजकर इस संघर्ष को रोका जाता है, पर अब भी उनमें से कुछ भ्रष्ट लोग कानून की हद से बाहर हैं। फिल्म की मिश्रित प्रतिक्रिया के बावजूद यह सराहनीय समीक्षा पाने में सफल रही जिसमें मुख्यतः निर्देशन और अभिनेता डीकैप्रियो एवं हाॅन्शु की अदाकारी पर काफी प्रशंसा की गई और अकादमी पुरस्कारों की ओर से सर्वश्रेष्ठ अभिनेता एवं सह-अभिनेता मे दोनों को सम्मानजनक तौर पर नामांकित किया गया।

सारांश

सन् 1999 का समय, जब सिएरा लियोन में राजनीतिक तौर पर मची अव्यवस्था उग्र रूप लेती है। ऐसे ही विद्रोही गुटों में से एक रेव़ाॅल्युशन युनाइटेड फ्रंट, राज्य के अंतरिम हिस्सों में अपनी दहशत फैलाता है, जहाँ मेण्डे के स्थानीयवासी उनसे खौफज़दा हैं और उनसे हीरों की खदानों में बंधुआ मजदूरी कराई जाती है, ताकि उनसे मिले आर्थिक लाभांश पर जंग का सिलसिला बनाए रखा जा सके। इन्हीं बीच दुर्भाग्यवश शेंगे गाँव के मछुआरें सोलोमन वेंडी (जिमाॅन हाॅन्सु) को भी जबरन कैप्टन पाॅयज़िन (डेविड हेरवुड) नाम के एक बेरहम वाॅरलाॅर्ड के हुक्म पर उसे खदानों के काम पर धकेल दिया जाता है।

एक सुबह वेंडी को नदी के तट पर एक बड़ा गुलाबी हीरा मिलता है और उसे एक नर्म जमीन में दफन करता है। लेकिन कैप्टन पाॅयज़िन इससे पहले वह पत्थर छीन लेता, उसी वक्त सरकारी सुरक्षा बल उस इलाके पर छापा मारती है। वेंडी और पाॅयज़िन को अन्य लोगों के साथ फ्रीटाउन के कारावास ले जाते हैं, जहाँ पहले से कैद डैनी आर्चर (लियोनार्डो डीकैप्रियो), नामक एक श्वेत राॅडेशियन गनरनर को लिब्रिया में हीरों की तस्करी के ईल्जाम पर हिरासत में डाला गया हैं। और इन सभी के तार किन्हीं तरह से रुडोल्फ वेन दी काप (मारियस वेयेर्स) नाम के दक्षिण अफ्रीका के भ्रष्ट खदान प्रशासक से जुड़े रहते हैं। उस गुलाबी हीरे के बारे में पता चलने पर, आर्चर तब वेंडी को कैद से रिहा करने के इंतजाम करता है। वह केपटाउन भी जाता है, जहां उसकी मुलाकात अन्य सैनिक संपर्काधिकारीयों से होती है, जिनमें कर्नल काॅएत्ज़ी (आर्नाॅल्ड वोस्लु) भी शामिल है, एक श्वेत अफ्रीकीवासी जिनकी बतौर दक्षिण अफ्रीका में सुरक्षाबल के रूप में तैनाती की जिम्मेदारी है। हाँलाकि काॅएत्ज़ी की भी अब अपनी एक निजी मिलिट्री फर्म है। आर्चर की इच्छा है कि हीरे की खोज पूरी होने बाद इस देश को हमेशा के लिए छोड़ देगा, लेकिन काॅएत्ज़ी उसके दावे पर ठहरते हुए कहते हैं कि उसे लिब्रियाई ऑपरेशन के चलते नुकसान की भरपाई के लिए उसी हीरें का आधा हिस्सा चाहिए। आर्चर फिर सिएरा लियोन वापिस आकर वेंडी को ढुंढ़ निकालता है और इस बात का न्यौता देता है कि यदि उसने वह हीरा ढुंढ़कर बांटने को राजी हुआ तो उसे उसके परिवार को खोजने में मदद करेगा।

इस दरम्यान, आर.यु.एफ अपने विद्रोहियों के साथ अगले विनाश की तैयारी करता है। फ्रीटाउन की तबाही में अपने हित के लिए कैप्टन पाॅयज़िन, वेंडी के बेटे डिया (केगिसो केपर्स) जैसे कमउम्र बच्चों को बाल सिपाही की तरह मोर्चे पर इस्तेमाल करता है। आर्चर और वेंडी इन्हीं मुश्किलों से गुजरते हुए ग्युना पहुँचते हैं, जहाँ से वे कोनो में घुसने के लिए अमेरिकी जर्नालिस्ट, मैडी बाॅवेन (जैनिफर काॅनली) का सहारा लेते हैं। इस काम की रजामंदी के बदले वह इस हीरों के अवैध कारोबार की खुफिया जानकारी देने को तैयार होता है। उधर काॅएत्ज़ी और उसकी प्राइवेट आर्मी को स्थानीय प्रशासन द्वारा इकरारनामे में, मुल्क से विद्रोहियों के अगले हमले से पहले उनको खदेड़ने का अधिकार सौंपा जाता हैं।

और जब तक बाॅवेन को अपनी कहानी मिल जाती है, वे दोनों (आर्चर और सोलोमन) एकसाथ कैप्टन पाॅयज़िन के खेमेवालों इलाके में घुसपैठ करते है। वहीं डिया, अपने आरयुएफ की फौजी टुकड़ियों साथ विश्राम दौरान अचानक आए अपने पिता सोलोमन को पहचानने से इंकारते हुऐ उन्हें बंधक बना लेता है। आर्चर तब रेडियो के जरिए काॅएत्ज़ी के समकक्ष संपर्क करता है, जो अगली सूबह वे एम.आई-24 माॅडल की लड़ाकू हैलीकाॅप्टर द्वारा हवाई हमला करवाते हैं। सोलोमन इस अफरातफरी में कैप्टन पाॅयज़िन को ढुंढ़ते हुए, उसे फावड़े से मारकर जान ले लेता है और सैनिक उन सभी मर्सेनेरिस़ (भाड़े के हत्यारों) को खत्म कर लगभग उन बाकी वाॅरलाॅर्ड्स को भगा देती है। वहीं ना चाहते हुए भी वेंडी को, जबरन काॅएत्ज़ी के धमकाने पर हीरा खोज निकालना पड़ता है, पर जल्द ही आर्चर उसे मार डालता है, जोकि समझ चुका था इन सबके बाद भी काॅएत्ज़ी उन दोनों को गोली मार देगा। लेकिन डिया उन्हीं दोनों पर जैसे पिस्तौल तान देता है, वेंडी धैर्यता से उसकी मनोदशा को समझाते हुए दुबारा एक हो जाते हैं। लेकिन आर्चर को जल्द ही खुद को गंभीर जख्मी पाता है। वह वेंडी को उसके हीरे को सौंपते हुए, अपने परिवार के यहां जाने का हुक्म देता है। वेंडी अपने बेटे संग उस चार्टर प्लेनचालक, नबिल (जिमी मिस्त्री) पर धौंस जमाकर, सुरक्षित उड़ान भरते हुए निकल जाते हैं, इन सबके बाद आर्चर एक आखिरी फोन काॅल मैडी बाॅवेन से मिलाता है।

जिसमें वह वेंडी को लंदन ले जाकर इस हीरें के अवैध कारोबार को खत्म करने के लिए आर्टिकल प्रकाशित करने के साथ, उसे कहता है "यह एक बेहतरीन कहानी होगी !" मैडी को यह बहुत अफसोस होता है वह उससे मिलने की हालत में नहीं है। लेकिन मौत के नजदीक पहुँचा आर्चर, सूर्यास्त को निहारते हुए कहता है "कोई बात नहीं, मैं वहीं हुँ जहाँ मुझे होना चाहिए !" इसके साथ वह सूकुन के साथ अपनी अफ्रीकी जमीन में मौत स्वीकार लेता है।

इसके आखिर में, वेंडी अब लंदन में ठहरने तक वह वैन दी काप के प्रतिनिधि से मिलता है जोकि उस रत्न को खरीदना चाहता है। बाॅवेन गुप्त रूप से इन अवैध हीरों के सौदों की तहकीक़ात के लिए फोटोग्राफ्स लेती है जिन्हें वह अपने आर्टिकल के जरिए वैन दी काप के आपराधिक गतिविधियों को पर्दाफाश करती है। वेंडी को किमबरले में आयोजित कांफ्रेंस के लिए उन 'बल्ड डायमण्ड' के विषय में व्याख्या देने के लिए बतौर गेस्ट स्पीकर (अतिथि वाचक) तालियाँ की शोर के साथ सम्मान दिया जाता है।

पात्र

  • लियोनार्डो डि कैप्रियो - डैनी आर्चर, एक श्वेत अफ्रीकी जो पूर्व में एक सिपाही था पर अब निजी हितों के लिए हीरों की तस्करी करता है।
  • जाइमन ऊनसू - सोलोमन वेंडी, एक स्थानीय मछुआरा, अतिवादी संगठन उसके परिवार से जुदा कर डालते हैं और जबरन खान में उससे मजदूरी कराया जाता है।
  • जैनिफर काॅनली - मैडी बाॅवेन, एक अमेरिकी जर्नालिस्ट
  • कैगिसो काय्पर्स - डिया वेंडी, सोलोमन का बेटा जिसकी सपना है कि वह शिक्षित होकर डाॅक्टर बनें, लेकिन बागियों द्वारा जबरन अगवा करने बाद कैप्टन पाॅयज़िन अपने स्वार्थ के लिए उसे भ्रष्ट करता है।
  • आर्नाॅल्ड वोस्लु - कर्नल काॅएत्ज़ी, आर्चर के मेंटर
  • एन्टोनी काॅल्मेन - काॅर्डेल ब्राउन
  • बेनु मेभेना - जेस़ी वेंडी, सोलोमन की पत्नी
  • एनोय्नटिंग लुकोला - याण्डा वेंडी, सोलोमन की बेटी
  • डेविड हेरवुड - कैप्टन पाॅयज़िन, एक क्रुर वाॅरलाॅर्ड
  • बेसिल वैलेस - बेंज़ामिन कैपनी
  • जिमी मिस्त्री - नबिल, एक चार्टर प्लेन चालक
  • माइकल शीन - रुपर्ट सिमाॅन्स
  • मारियस वेयर्स - रुडोल्फ वेन दी काप
  • स्टीफन काॅलिन्स - एम्बेस्सडर वाॅकर
  • न्तारे म्वाइन - मे'एड
  • एटो एसैन्दोह - कैप्टन "रेम्बो"
  • गौरव चोपड़ा - फ्रेंच जर्नालिस्ट

निर्माण

चार्ल्स लेविट को फरवरी २००४ में वाॅर्नर ब्राॅस. द्वारा फ़िल्म के पुनर्लेखन के लिए नियुक्त किया गया, तब शीर्षक ओकावैंगो रखा गया था।[६] लेकिन स्टुडियो के लिए यह कहानी उस वर्ष तक गले की फांस बन गई, जहाँ बाद निर्माता पाउला विंस्टीन तथा गिलैन गोर्फिल ने इस नई कहानी पर काम का निश्चय किया जिसमें एक अफ्रीकी किसान एक अमेरिकी तस्कर और स्थानीय हीरा खदान संगठन के संघर्ष में फंस जाता है।[6] लेविट ने तब पटकथा पर लिखने से पूर्व हीरा उद्योग के व्यापक पैमाने पर अध्ययन किया, बकौल उनके मुताबिक "शोध में इतना तल्लीन (स्वयं को) रहने के लिए आपका हठी होना जरूरी है"।[७] फ़िल्म में लेखन के साथ वह अपना गर्व भी जताते हैं कि इस तरह अन्य हीरा उद्योगों को नाराज कर दिया है, विशेषकर डी बीयर्स जैसी कंपनियों को, और इंडस्ट्री के इस सत्य को उजागर करने पर, संभावना है कि डी बीयर्स तथा बाकी ताकतवर खदान व्यापारसंघ उनपर मानहानि का मुकदमा दायर कर दें।[7] पाउला विंस्टीन तब लेविट के बनाए ब्लड डायमंड की ड्राफ्ट से काफी प्रभावित थी, लेकिन उन्होंने पटकथा पर दुबारा पुनर्लेखन के लिए एड ज़्विक एवं मार्शल हेर्स्कोवित्ज़ को नियुक्त कराया; तथा पटकथा का कार्य संपन्न होने पर, ज़्विक ने कहानी से प्रेरित होने कारण वे निर्देशन को राजी हुए।[८]

बाहरी कड़ियाँ

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